संरा विशेषज्ञों ने भारत में मृत्युदंड समाप्त करने की अपील की

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने आतंकवाद संबंधी अपराधों को छोडकर शेष सभी मामलों में मृत्युदंड समाप्त करने के संबंध में भारतीय विधि आयोग द्वारा की गई सिफारिश का स्वागत किया है और भारतीय अधिकारियों से मौत की सजा पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में आगे बढने की अपील की है. न्यायेतर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2015 3:11 PM

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने आतंकवाद संबंधी अपराधों को छोडकर शेष सभी मामलों में मृत्युदंड समाप्त करने के संबंध में भारतीय विधि आयोग द्वारा की गई सिफारिश का स्वागत किया है और भारतीय अधिकारियों से मौत की सजा पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में आगे बढने की अपील की है. न्यायेतर या मनमाने ढंग से मृत्युदंड देने के मामलों में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक क्रिस्टोफ हेंस ने कहा, ‘भारतीय विधि आयोग के निष्कर्ष और सिफारिशें भारत में मृत्युदंड समाप्त करने के समर्थन की महत्वपूर्ण आवाज का प्रतिनिधित्व करती हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं इन सिफारिशों को लागू करने और सभी मामलों में मृत्युदंड को पूरी तरह समाप्त करने की ओर आगे बढने के लिए भारतीय अधिकारियों को प्रोत्साहित करता हूं.’ भारतीय विधि आयोग ने 31 अगस्त को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मृत्युदंड देने से अपराध पर रोक नहीं लगती और उसने आतंकवाद एवं युद्ध अपराधों संबंधी मामलों के अपराधियों को छोडकर सभी मामलों में इसे समाप्त करने की सिफारिश की थी.

उच्चतम न्यायालय ने आयोग को भारत में मृत्युदंड के मामले पर अध्ययन करने का काम सौंपा था. यातना के मामलों में विशेष प्रतिवेदक जुआन मेंदेज ने कहा कि भारतीय अधिकारियों को रिपोर्ट में कही गयी बातों की समीक्षा करनी चाहिए और इस संबंध में कानून पारित करना चाहिए. विशेषज्ञों ने चीन द्वारा उन अपराधों की संख्या कम किये जाने के निर्णय का भी स्वागत किया जिनमें मृत्यदंड दिये जाने का प्रावधान है.

संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने कहा, ‘आपराधिक संहिता में ये संशोधन करके चीन ने सही दिशा में कदम उठाया है. इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.’ हेंस ने कहा कि भारत और चीन में ये नयी गतिविधियां वैश्विक स्तर पर मृत्युदंड की समाप्ति के बढते समर्थन की तर्ज पर की गयी है.

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