भारत और अमेरिका ने पाक से मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा

वाशिंगटन : अलकायदा, लश्कर ए तैयबा और डी कंपनी जैसे संगठनों से पैदा खतरे को पहचानते हुए भारत और अमेरिका ने आज आतंकवाद से लडने में गहरे सहयोग पर सहमति जतायी और पाकिस्तान से वर्ष 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और विदेश मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2015 8:52 AM

वाशिंगटन : अलकायदा, लश्कर ए तैयबा और डी कंपनी जैसे संगठनों से पैदा खतरे को पहचानते हुए भारत और अमेरिका ने आज आतंकवाद से लडने में गहरे सहयोग पर सहमति जतायी और पाकिस्तान से वर्ष 2008 के मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पहले भारत अमेरिका रणनीतिक एवं व्यावसायिक वार्ता की सहअध्यक्षता की. इस वार्ता की समाप्ति पर दक्षिण एशिया क्षेत्र में आतंक के सुरक्षित पनाहगाहों से संचालित आतंकी संगठनों से पैदा खतरे को स्वीकारते हुए आतंकवाद से लडने पर संयुक्त बयान जारी किया गया.

भारत और अमेरिका ने आतंकी संगठनों से पैदा निरंतर खतरे और इस्लामिक स्टेट से नये वैश्विक खतरे के उभरने को देखते हुए आतंकवाद निरोधक सहयोग का फैसला किया. वार्ता के संपन्न होने पर भारत और अमेरिका ने आतंकवाद निरोधक सहयोग पर अलग-अलग संयुक्त बयान जारी करते हुए आतंकवाद से एक साथ लडने का संकल्प लिया. सुषमा ने कहा कि संयुक्त बयान लश्कर ए तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और डी कंपनी जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ समान रुख पर दोनों देशों की प्रतिबद्धता दोहराता है.

सुषमा ने संयुक्त बयान पढते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘हम (भारत और अमेरिका) दोहराते हैं कि अलकायदा, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, डी कंपनी (दाउद इब्राहिम), हक्कानी नेटवर्क और अन्य क्षेत्रीय समूहों से पैदा खतरा दक्षिण एशिया में स्थिरता को कमतर करता है. और हम पाकिस्तान से 2008 मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं.’ उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा भारत में किये गये आतंकी हमले पर कहा, ‘हम (भारत और अमेरिका) पंजाब के गुरदासपुर में 27 जुलाई 2015 के आतंकवादी हमले और उधमपुर के पांच अगस्त 2015 के हमले की निंदा करते हैं.’

सुषमा ने कहा कि संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देश आतंकवाद को खत्म करने के लिए इससे लडने को प्रतिबद्ध हैं. एक सवाल के जवाब में केरी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ इस जंग में एक साथ मिलकर अपने प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. दोनों देशों के बीच यह वार्ता ऐसे समय हुई है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच अगले सप्ताह बातचीत होने वाली है. दोनों देशों ने जापान के साथ अपनी त्रिपक्षीय वार्ता सचिव स्तर से बढाकर मंत्री स्तर की करने का भी फैसला किया. केरी और सुषमा न्यूयार्क में अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर अपने जापानी समकक्ष से मुलाकात करेंगे.

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