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औपचारिक एलान से पहले बिहार में महागंठबंधन के उम्मीदवारों का हुआ खुलासा, लालू के दोनों बेटे मैदान में

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागंठबंधन के तीनों घटक दल आज अपने उम्मीदवारों के नाम का थोडी देर में एलान करने वाले हैं. हालांकि इस औपचारिक एलान से पहले कुछ टीवी चैनलों के संवाददाताओं ने खुद के पास पूरी लिस्ट होने का दावा किया है और इसके आधार पर खबरें दी हैं. चैनलों […]

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागंठबंधन के तीनों घटक दल आज अपने उम्मीदवारों के नाम का थोडी देर में एलान करने वाले हैं. हालांकि इस औपचारिक एलान से पहले कुछ टीवी चैनलों के संवाददाताओं ने खुद के पास पूरी लिस्ट होने का दावा किया है और इसके आधार पर खबरें दी हैं. चैनलों की रिपोर्ट के अनुसार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने अपने दोनों बेटों को चुनाव मैदान में उतारा है. लालू प्रसाद ने अपने बडे बेटे तेज प्रताप को महुआ से उम्मीदवार बनाया है, जबकि छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राघोपुर से उम्मीदवार बनाया है. राघोपुर लालू यादव के परिवार की परंपरागत सीट रही है, जहां से पिछली बार उनकी पत्नी राबडी देवी जदयू के सतीश कुमार से चुनाव हार गयीं थी. इस बार सतीश यादव भाजपा के टिकट पर वहां से चुनाव लड रहे हैं. नीतीश ने गंठबंधन की मजबूरी में वहां से सतीश का टिकट काटा था.
सूत्रों के अनुसार, लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी के टिकट बंटवारे में यादव मुसलिम समीकरण का पूरी तरह से ख्याल रखा है. लालू प्रसाद ने 48 यादव उम्मीदवार मैदान में उतारा है, जबकि 16 मुसलिमों को टिकट दिया है. टीवी रिपोर्ट के अनुसार, लालू ने भूमिहार समुदाय के एक भी शख्स को उम्मीदवार नहीं बनाया है. हालांकि उन्होंने दो राजपूत, एक ब्राह्मण व एक कायस्थ को उम्मीदवार बनाया है. यानी उन्होंने अगडी जाति के कुल चार उम्मीदवारों को टिकट दिया है. सांसद जयप्रकाश नारायण यादव के भाई विजय प्रकाश को जमुई से उम्मीदवार बनाया है, जहां उनका सीधा मुकाबला नरेंद्र सिंह के बेटे भाजपा उम्मीदवार अजय प्रताप से होगा. अलीनगर से लालू ने अब्दुल बारी सिद्दिकी को उम्मीदवार बनाया है. मखदुमपुर से जीतनराम मांझी के खिलाफ उन्होंने सूबेदार सिंह को उम्मीदवार बनाया है. बहादुरगंज से भोला यादव को राजद ने उम्मीदवार बनाया है. भोला लालू-राबडी के निजी सहायक रहे हैं. हिलसा सीट से सतीश यादव को उम्मीदवार बनाया गया है.
वहीं, जदयू नेता नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के सीट बंटवारे में जातीय समीकरण का अधिक संतुलन साधा है. उन्होंने अपनी पार्टी से सबसे ज्यादा कुशवाहा समुदाय को टिकट दिया है. समझा जाता है कि जदयू से उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने के बाद कुशवाहा समुदाय को लुभाने के लिए नीतीश कुमार ने यह कदम उठाया है. वे लव कुश समीकरण का ख्याल रखना चाहते हैं. जदयू ने कुशवाहा समुदाय के 16 लोगों को उम्मीदवार बनाया है, वहीं कुर्मी समुदाय के 14 लोगों को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा नीतीश ने राजपूत सहित दूसरे समुदाय के लोगों को भी टिकट देने में पर्याप्त संतुलन बनाया है. टीवी रिपोर्ट के अनुसार, जदूय ने लालगंज सीट से बाहुबली मुन्ना शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है.जदयू ने इस बार अपने कई विधायकों सहित दो मंत्रियों का भी टिकट काट दिया गया है. पार्टी का तर्क है कि ऐसी स्थिति गंठबंधन की मजबूरियों के चलते उक्त सीट सहयोगी दलों के खाते में जाने के कारण बनी है.
वहीं, कांग्रेस ने अपने टिकट बंटवारे में अगडी जाति के उम्मीदवारों का अधिक ख्याल रखा है.

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