एक छोटी-सी घटना से मिले पांच सबक
दक्षा वैदकर बीते दिनों मेरा मूड किसी बात पर खराब था. हमारे ऑफिस में मेरे अंडर इंटर्नशिप कर चुकी दो कॉलेज स्टूडेंट्स यूं ही मुझसे मिलने आयीं. उस वक्त मैं ऑफिस के किसी अन्य व्यक्ति को उनकी गलती पर डांट रही थी. ये दोनों मेरे सामने आ गयी, तो मैंने इनसे भी ठीक से बात […]
दक्षा वैदकर
बीते दिनों मेरा मूड किसी बात पर खराब था. हमारे ऑफिस में मेरे अंडर इंटर्नशिप कर चुकी दो कॉलेज स्टूडेंट्स यूं ही मुझसे मिलने आयीं. उस वक्त मैं ऑफिस के किसी अन्य व्यक्ति को उनकी गलती पर डांट रही थी. ये दोनों मेरे सामने आ गयी, तो मैंने इनसे भी ठीक से बात नहीं की. हालचाल भी नहीं पूछा और कह दिया कि अभी मूड खराब है.
अभी बात न करो, तो ही ठीक है. वे दोनों मुंह लटका कर चली गयीं. दो दिनों बाद मुझे एक सीनियर ने कुछ पूछने पर ऐसा ही दो टुक जवाब दिया कि मेरा मूड ठीक नहीं है. अभी जाओ. यह सुन मुझे बुरा तो लगा, लेकिन तभी मुझे अहसास हुआ कि ऐसा मैं भी कर चुकी हूं.
मैंने यह सोचना शुरू किया ‘किसी को बेवजह डांट दो, तो कैसा लगता है’ यह बताने के लिए ही भगवान ने मुझे भी ऐसी परिस्थिति में डाला है. अब मुझे सबक मिल गया था. मुझे उन इंटर्न्स के बारे में सोच कर बुरा लग रहा था. मेरे पास उनमें से एक का नंबर था. रात के 11 बजे थे. मैंने उसे वॉट्सएप्प पर मैसेज किया ‘सॉरी उस दिन तुम लोग मुझसे मिलने आये थे और मेरा मूड खराब था. मैंने किसी और का गुस्सा तुम दोनों पर निकाला.
मुझे माफ कर दो.’ दूसरी तरफ से तुरंत जवाब आया, ‘अरे मैम, प्लीज आप सॉरी मत बोलिये. हम समझ सकते हैं कि आपका मूड ठीक नहीं था. वरना आप ऐसे कभी डांट ही नहीं सकती.’ यह मैसेज पढ़ कर मुझे चैन मिला. थोड़ी देर बाद उसका मैसेज आया, ‘प्लीज मेरा वॉट्सएप का प्रोफाइल पिक और स्टेटस पढ़ें’. मैंने देखा, उसमें मेरी फोटो लगी थी. स्टेटस में मुझे लेकर कुछ अच्छी बातें लिखी थी. मैं गदगद हो गयी.
इस घटना ने मुझे कई चीजें सिखायीं. पहली ये कि किसी एक का गुस्सा किसी दूसरे पर मत निकालो.अपने गुस्से पर कंट्रोल करो. दूसरी बात, अपने खराब मूड का असर दूसरों पर पड़ने मत दो. तीसरी बात, अगर आपको कोई हर्ट करता है, तो याद करो कि कहीं आपने भी इसी तरह किसी को हर्ट तो नहीं किया था? चौथी बात, अपनी गलती समझ आने पर तुरंत माफी मांग लो. पांचवीं बात, कोई माफी मांगे, तो तुरंत माफ कर दो.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– जब भी कुछ बुरा हो, तो भगवान को कोसने से पहले अपने बीतों दिनों को याद करें कि आपने भी जाने-अनजाने किसी के साथ ऐसा तो नहीं किया?
– अगर अपनी गलती याद न आये, तो भी यह मान लें कि यह पिछले जन्मों का फल है. इस तरह आप उस घटना से जल्दी बाहर निकल सकेंगे.