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FACEBOOK : जब आया मां का जिक्र फफक पड़े PM मोदी

फेसबुक के अमेरिका स्थित कार्यालय में लोगों से बातचीत के स मय अपनी मां की जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी भावुक हो गये. भरी आवाज में बताया कि गरीब परिवार का होने के कारण उनकी मां ने उनके लालन-पालन के लिए आस पड़ोस के घरों में बर्तन मांजे और मजदूरी की. ‘टाउन हाल’ […]

फेसबुक के अमेरिका स्थित कार्यालय में लोगों से बातचीत के स मय अपनी मां की जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी भावुक हो गये. भरी आवाज में बताया कि गरीब परिवार का होने के कारण उनकी मां ने उनके लालन-पालन के लिए आस पड़ोस के घरों में बर्तन मांजे और मजदूरी की. ‘टाउन हाल’ कार्य क्रम में फेसबुक के संस्था पक मार्क जुकरबर्ग ने प्रधानमंत्री से सवाल कि या था कि उनके इस मुकाम तक पहुंचने में उनकी मां का क्या योगदान रहा.

मां का जिक्र करते हुए कहा कि छोटा था, हमारा गुजारा करने के लि ए (यह कहते हुए उनका गला भर आया और कुछ देर अपने को संभालने का प्रयास करते रहे) मां आसपास पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करती थीं. पानी भरती थीं. मजदूरी करती थीं. आप कल्पना कर सकते हैं एक मां ने अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए कितना कष्ट उठाया. मोदी ने भरे गले से जब अपने बचपन व मां के बारे में ये बाते कहीं तो कार्य क्रम में मौजूद सभी लोग भावुक हो उठे. बाद में सबने खड़े होकर देर तक तालियां बजाते हुए उनकी भावनाओं से खुद को जोड़ा इस अवस र पर मार्क के माता -पिता भी उपस्थित थे. मोदी ने कहा कि हर किसी के जीवन में दो लोगों की महत्वपूर्ण भूमि का होती है. एक अध्यापक और दूसरी मां की. मेरे जीवन में मेरे मां -बाप का बहुत बड़ा योगदान रहा. मैं काफी गरीब परिवार से हूं, लोग जानते हैं कि मैं रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता था. कोई कल्पना नहीं कर सकता कि दुनिया के इतने बड़े लोकतंत्र ने नेता माना. इसके लिए मैं देश की सवा अरब जनता को नमन करता हूं जिन्होंने मुझ जैसे व्यक्ति को अपना बना लिया.

‘ अपने बचपन का जिक्र करते हुए कहा कि वह बहुत सामान्य परिवार से हैं. पिता नहीं रहे, माता हैं जो अब 90 साल की हैं लेकिन सारे काम खुद करती हैं. पढ़ी लिखी नहीं है लेकि न टीवी से समाचार से उन्हें पता रहता है कि दुनिया में क्या चल रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि और ऐसा सिर्फ मोदी के मामले में ही नहीं है. भारत में ऐसी लाखों माताएं हैं जिन्होंने अपने बच्चों के सपनों के लिए पूरा जीवन आहूत कर दिया. यही मां की सबसे बड़ी ताकत होती है. मोदी ने कहा कि कोई भी मां यह कभी नहीं चाहती कि उसका बेटा कुछ बन जाये, उसका प्रयास तो केवल यह होता है कि उसका बेटा कैसा बने और यही बड़ा फर्क होता है.

निर्णय प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभाए महिलाएं

महिला सशक्तिकरण के बारे में पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि दुनिया में भगवान की कल्पना सभी समाजों में की गयी है, लेकिन समाज में भगवान पुरुष ही है. अकेले भारत में स्त्री भगवान की कल्पना हुई है. हमारे यहां दुर्गा, सरस्वती, अंबा, काली इसके उदाहरण हैं. भारत आर्थिक विकास का लक्ष्य अपनी 50 प्रतिशत आबादी यानी महिलाओं को घरों में बंद रखकर हासिल नहीं कर सकता. इस 50 प्रतिशत आबादी को कंधे से कंधा मिलाकर 100 प्रतिशत भागीदार होना पड़ेगा. सरकार यह प्रयत्न कर रही है. यह प्रयास करना जरूरी है कि महि लाएं निर्णय प्रक्रिया में अग्रणी भूमि का निभाएं.

‘डिजीटल इंडिया’ के समर्थन में बदला प्रोफाइल पिक्चर

फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग ने ‘डिजीटल इंडिया’ के प्रति अपना समर्थ न जाहिर किया और फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदल दिया. मार्क की तसवीर भारत के राष्ट्रध्वज तिरंगे के रंग में रंगी हुई दिख रही है. खास बात यह कि मार्क के इस समर्थन का धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी प्रोफाइल पिक्चर मार्क की तरह ही ति रंगे में रंग दी. पीएम ने मार्क जकरबर्ग को डिजटल इंडिया का समर्थ न करने के लिए धन्यवाद भी कहा.

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