बिहार चुनाव : खुल कर खेला जा रहा है कास्ट कार्ड, गिरिराज सिंह ने बतायी यादव नेताओं की सूची
पटना : बिहार की राजनीति मतदान की तारीखें नजदीक आने के साथ हर दिन तीखी होती जा रही है. लालू प्रसाद यादव द्वारा दो दिन पहले राघोपुर की चुनावी सभा में बिहार चुनाव को अगडों व पिछडों के बीच की लडाई बताये जाने के बाद भाजपा के बडबोले नेता गिरिराज सिंह सामने आये हैं. गिरिराज […]
पटना : बिहार की राजनीति मतदान की तारीखें नजदीक आने के साथ हर दिन तीखी होती जा रही है. लालू प्रसाद यादव द्वारा दो दिन पहले राघोपुर की चुनावी सभा में बिहार चुनाव को अगडों व पिछडों के बीच की लडाई बताये जाने के बाद भाजपा के बडबोले नेता गिरिराज सिंह सामने आये हैं. गिरिराज ने एक ओर जहां यह दावा किया है कि बिहार में भाजपा किसी पिछडे को मुख्यमंत्री बनायेगी, वहीं उन्होंने भाजपा के यादव नेताओं की पूरी सूची गिना कर एक तरह से लालू को ललकारा है. गिरिराज ने लालू को यह संदेश दिया है कि वही सिर्फ यादव नहीं हैं, बलि्क उनकी पार्टी में तो यादव नेताओं की पूरी फौज ही है. हालांकि गिरिराज की टिप्पणी पर भाजपा ने कहा है सिर्फ योग्य नेता शख्स ही मुख्यमंत्री बनेगा.
गिरिराज सिंह ने कहा है क्या लालू ही सिर्फ पिछडे हैं, नंदकिशाेर यादव नहीं हैं, हुकुमदेव नारायण यादव नहीं हैं, रामकृपाल यादव नहीं हैं, भूपेंद्र यादव नहीं हैं, नित्यानंद राय नहीं हैं. गिरिराज सिंह ने अपने पिछडे नेताओं की सूची में सिर्फ यादव नेताओं का नाम गिनाया है, हालांकि उन्होंने चतुराई यह बरती कि इन्हें यादव नहीं पिछडा नेता बताया.
उल्लेखनीय है कि बिहार की राजनीति में इस बार विकास के मुद्दे के साथ ही जाति भी एक बडा मुद्दा बन गया है. पिछले चुनाव में यह हाल नहीं था. वह चुनाव नीतीश की अगुवाई में एनडीए ने विकास के मुद्दे पर लडा था और लालू मुख्य विपक्ष की लडाई लडने के बावजूद हाशिये पर थे. लालू प्रसाद ने इस बार नीतीश के विकास और खुद के जाति कार्ड का एक कॉकटेल तैयार कर लिया है.लालूने यह काम जहां डंके की चोट परकियाहै, वहीं बीजेपी ने परदे की ओट में ऐसा किया है. इसलिए नरेंद्र मोदी को पहला ओबीसी पीएम बताया जा रहा है और मोदी अपनी जनसभाओं में वाया द्वारिका यदुवंशियों से अपना नाता जोडते हैं.