पटना: राज्यसभा सदस्य और जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली को फ्रॉड बताते हुए कहा कि मैं इन धोखेबाजों का शिकार बन गया. आगे कहा कि इन्हें समर्थन करने का आज मैं प्रायश्चित कर रहा हूं. जेठमलानी ‘भारतीय पूर्व सैनिक संगठन’ की तरफ से वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर विदेशों से काला धन लाने के लिए कोई पहल नहीं करने का आरोप लगाया. पूरा वर्ष गुजर गया, लेकिन 90 लाख करोड़ में एक डॉलर तक देश में नहीं आया, जबकि चुनाव के पहले भाजपा का यह सबसे कोर मुद्दा हुआ करता था. इसे जनता के साथ धोखाधड़ी बताते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर आज शर्म महसूस हो रही है कि कभी उन्होंने ऐसे लोगों की मदद की थी. जेठमलानी के संबोधन के बाद इस संगठन के सलाहकार समेत अन्य पूर्व सैनिक वर्तमान भाजपा सरकार पर ओआरओपी के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगा रहे थे. साथ ही मौजूद विधानसभा चुनाव में इन्हें वोट नहीं करने की अपील कर रहे थे. तभी श्रोता के बीच बैठे सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल सिन्हा उत्तेजित हो विरोध करने लगे.
उनकी आपत्ति थी कि इस कार्यक्रम को राजनीतिक रंग क्यों दिया जा रहा है. इसमें भाजपा को चुनाव में विरोध करने की बात क्यों कही जा रही है.
ले.कर्नल सिन्हा के इस विरोध के बाद संगठन के कुछ समर्थक भी क्रोधित होकर इन्हें कार्यक्रम से निकालने की बात करने लगे. इस दौरान कर्नल सिन्हा के साथ कई समर्थकों ने धक्का-मुक्की भी की. इस दौरान जेठमलानी ने कहा कि वे सैनिकों को ओआरओपी का वाजिब हक दिला कर रहेंगे. सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सैनिकों की तरफ से मुफ्त में मुकदमा लड़ेंगे.
वरिष्ठ वकील जेठमलानी ने कहा कि अगर मैं दो-तीन साल रह गया, तो विदेश से काला धन लाने के लिए हर संभव कोशिश करूंगा. संगठन के सेवानिवृत्त मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने जो ओआरओपी लागू किया है, उसमें सात विसंगतियां मौजूद हैं. इसे दूर किये बिना इसका सही मायने में लाभ सेवानिवृत्त सैनिकों को नहीं मिलेगा. इसके विरोध में 112 दिन से दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना चल रहा है, लेकिन सरकार के किसी नुमाइंदे ने आकर बात नहीं की. इस दौरान सेवानिवृत्त मेजर वीके गांधी, पीसी पंजिकर, कामेश्वर पांडेय समेत अन्य मौजूद थे.