आयटम नंबर में कोई गंदगी नहीं

बबली बदमाश के बाद अनु मलिक फिल्म ‘वेलकम बैक’ में एक बार फिर धमाकेदार आयटम नंबर लेकर आ रहे हैं. चांदीवली स्टूडियो में गाने की शूटिंग के दौरान सेट पर अनुप्रिया अनंत ने अनु मल्लिक से गाने के बारे में बातचीत की. बबली बदमाश के बाद अब फिर से आप आयटम नंबर लेकर आ रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2013 11:59 AM

बबली बदमाश के बाद अनु मलिक फिल्म ‘वेलकम बैक’ में एक बार फिर धमाकेदार आयटम नंबर लेकर आ रहे हैं. चांदीवली स्टूडियो में गाने की शूटिंग के दौरान सेट पर अनुप्रिया अनंत ने अनु मल्लिक से गाने के बारे में बातचीत की.

बबली बदमाश के बाद अब फिर से आप आयटम नंबर लेकर आ रहे हैं?
हां, अनीस बज्मी ने मेरे साथ फिल्म ‘नो एंट्री’ में काम किया था. उस फिल्म का टाइटल सांग ‘नो एंट्री’ मैंने ही कंपोज किया और गाया था. गाना बहुत लोकप्रिय रहा. अब वे दोबारा चाहते थे कि कोई ऐसा आयटम नंबर हो जो कि वेलकम बैक में एकदम धमाकेदार अंदाज में प्रस्तुत हो.

गाने का मुखड़ा क्या है? कैसे आये ये बोल जेहन में?
गाने का मुखड़ा है..‘न बंटी हुआ न बबली हुआ, दिल मेरा ट्वेंटी-ट्वेंटी हुआ’. अनीस बज्मी जब मेरे पास आये थे, तो मेरे दिमाग में यह गाना चल रहा था. मैं गा भी रहा था. अनीस को ये बेहद पसंद आया जिसके बाद मैंने और राइटर मनोज ने बैठ कर गाने को लिखा और कंपोज किया. आयटम सांग का मतलब ही होता है कि आपको ठांय से लगना चाहिए. भले ही गाने के बोल समझ में आये या न आये, लेकिन आपको गाना सुन कर मजा आना चाहिए. पार्टी में आप उस पर डांस कर सकें. जॉन और परेश ने भी कहा कि कमाल का गाना है. जब इतने लोग बोलते हैं, तो लगता है कि हां, आपने कुछ अच्छा लिखा है.

गाने के बोल के बारे में बताएं?
गाने के बोल हैं, ‘मैं हूं सोडा तूफानी, तू है कैरम की रानी. अब बस्ती का गाना है और हर कोई बस्ती में कैरम खेलता है, तो लिखते वक्त ये दिमाग में रखना होता है कि गाना कहां के लिए लिखा जा रहा है. बल्ब के नीचे..राउडी मेरे चक्कर में सेंटी हुआ. यहां राउडी जॉन के लिए आया है. फिल्म में आयटम के साथ-साथ कव्वाली का भी मूड है.

आपकी नजर में क्या हर फिल्म में आयटम नंबर रखना जरूरी है?
मुङो लगता है कि जिस अंदाज की फिल्म है, वेलकम बैक उसमें आयटम नंबर होना ही चाहिए. हल्की-फुल्की अंदाज की फिल्म है. ऐसे भी आयटम नंबर में कोई गंदगी नहीं है. यह भी संगीत का अहम हिस्सा है. मुङो तो लगता है कि आयटम नंबर लोग ज्यादा सुनते भी हैं और याद भी रखते हैं.

आजकल फिल्म में जितने गाने, उतने संगीतकार होते हैं. इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
मुङो लगता है कि यह दौर बहुत जल्दी खत्म होगा. हमारा वक्त फिर से लौटेगा. उस दौर के गाने लोग कई दिनों तक सुनते थे. अब ऐसा नहीं हो रहा है. हालांकि नये लोगों को इससे काफी अवसर प्राप्त हो रहे हैं.

आपकी काफी मिमिकरी की जाती है. क्या आपको कभी बुरा नहीं लगता?
मेरा मानना है कि जो यूनिक है, वही लोकप्रिय है. अब मैं जो करता हूं. सब ऑन स्पॉट होता है. हर कोई ऐसा नहीं कर सकता. लोग मेरी नकल बनाये या कुछ भी करें, इसे लेकर मैं बुरा क्यों मानूं. यह तो अच्छी बात है. इससे पता चलता है कि लोग आपकी हर बात की नोटिस लेते हैं.

आगे की क्या योजना है?
मैं बॉर्डर 2 कर रहा हूं. मैंने फिल्म की पूरी कहानी सुनी है. संगीत पर काम जारी है. जेपी दत्ता ने जिस तरह के बॉर्डर में गाने लिखवाये थे, अब वह दौर तो रहा नहीं. लेकिन कोशिश होगी कि मैं फिर से वही जादू बरकरार कर पाऊं. लोगों को आज भी बॉर्डर के गाने याद है, यही इसकी सफलता की मिसाल है.

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