नयी दिल्ली : भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठबंधन बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में दादरी जैसी घटनाओं का मुद्दा उठाकर विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है. केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने रैलियों में ‘शैतान’ शब्द की टिप्पणी के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना करने को लेकर महागंठबंधन पर निशाना साधा और कहा कि ऐसी टिप्पणियां सबसे पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गयी थीं न कि नरेंद्र मोदी द्वारा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बिहार में भाजपा के लिए विकास और सुशासन दो मुख्य एजेंडा हैं.
वेंकैया नायडू ने कहा कि बिहार चुनाव के लिए हमारा एजेंडा सिर्फ विकास है और राज्य में सुशासन की सख्त आवश्यकता है. सुशासन के बिना विकास लाभदायक नहीं होगा और ये दोनों महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में जो लोग जंगलराज ङोल चुके हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि यह भाजपा या मोदी का आरोप नहीं है. लालू और नीतीश विगत में इस शब्दावली का उपयोग एक दूसरे के खिलाफ करते थे. हम भड़काने का कोई काम नहीं कर रहे हैं, उन लोगों ने खुद ही शैतान जैसे शब्दों का उपयोग किया. अब वे भाजपा और मोदी के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं.
नायडू ने कहा कि बिहार में माहौल एनडीए के पक्ष में है और पूरा देश नरेंद्र मोदी के साथ होना चाहता है. हर जगह विकास एजेंडा है और बिहार मोदी का समर्थन करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि महागंठबंधन दादरी जैसी घटनाओं का जिक्र कर विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहते हैं. लेकिन इसके लिए अलग मंच है. बिहार चुनाव में राज्य का पिछड़ापन और इसके लिए दोषी कौन, सहित विभिन्न मुद्दे हैं. वे विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने और इस मुद्दे को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं. नायडू ने जदयू के उस कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने पर सवाल किया जिसने आपातकाल लगाया और लाखों लोगों को जेल भेजा, यहां तक कि जयप्रकाश नारायण पर हमला किया.
उन्होंने कहा, जदयू के नेता ऐसी कांग्रेस के साथ समझौता कर रहे हैं और उसकी गोद में बैठे हैं. क्या यह उचित है? जदयू के लोग जिस प्रकार बाहर बात कर रहे हैं, वह निराशा के कारण है. राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के इस हालिया बयान पर कि प्राचीन काल में ऋषि-मुनि भी गौमांस खाते थे, नायडू ने प्रत्यक्ष रुप से निशाना साधा और कहा कि अब समय यह चर्चा करने का है कि बिहार में लालू सरकार के 15 साल में और भाजपा-जदयू शासनकाल में कितना विकास हुआ. उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के बाद रघुवंश प्रसाद आराम कर सकते हैं और पुराण, इतिहास, ऋषि-मुनि, महर्षि के बारे में बहस कर सकते हैं.