बिहार चुनाव के तीसरे चरण में होगा एनडीए के तीन सीएम मैटेरियल की किस्मत का फैसला

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के दूसरे चरण के लिए वोटिंग का शोर आज थम जायेगा. पांच चरणाें में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में इस चरण में सबसे कम यानी मात्र 32 सीटों पर मतदान होना है. पर, यह चरण इस मायने में खास है कि इसमें एनडीए के तीन सीएम मैटेरियल के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2015 2:41 PM

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के दूसरे चरण के लिए वोटिंग का शोर आज थम जायेगा. पांच चरणाें में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में इस चरण में सबसे कम यानी मात्र 32 सीटों पर मतदान होना है. पर, यह चरण इस मायने में खास है कि इसमें एनडीए के तीन सीएम मैटेरियल के भाग्य का फैसला होना है. इसमें एक जीतन राम मांझी हैं, दूसरे गया शहर के छह बार से विधायक डॉ प्रेम कुमार सिंह है और तीसरे हैं झारखंड भाजपा के संगठन मंत्री राजेंद्र सिंह.

मखदुमपुर व इमामगंज : जीतन राम मांझी

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हम पार्टी भले ही 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही हो, लेकिन वे अब भी खुद को सीएम पद का दावेदार मानते हैं. और, राजनीति चूंकि संभावनाओं का खेल है, तो इसमें कुछ भी हो सकता है. जीतन राम मांझी मखदुमपुर से पिछली बार विधायक चुने गये थे. नीतीश कुमार ने उन्हें लोकसभा चुनाव के बाद की परिस्थिति में मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन बाद में मांझी ने अलग राजनीतिक राह चुन ली है. वे मखदुमपुर से मैदान में हैं, जहां उनके खिलाफ महागंठबंधन की आेर से लालू प्रसाद ने अपने करीबी सहयोगी सूबेदार सिंह को मैदान में उतारा है.

वहीं, नीतीश के अहम महादलित चेहरे व स्पीकर उदय नारायण चौधरी से खार खाये मांझी उनके निर्वाचन क्षेत्र इमामगंज में भी उन्हें ललकारते हुए पहुंच गये हैं. मांझी को सीएम के रूप में जब सदन में बहुमत साबित करने को कहा गया था, उस समय उन्होंने चौधरी पर गंभीर आरोप लगाये थे. मांझी चाैधरी से अपना हिसाब चुकता करने के चक्कर में हैं और इसलिए इमामगंज पहुंचे हैं. अगर, वे यहां से जीतते हैं तो सीएम बनें या न बनें राजनीतिक कद तो उनका काफी बढेगा ही.


गया नगर : डॉ प्रेम कुमार

डॉ प्रेम कुमार बिहार भाजपा के प्रमुख नेता हैं. वे लगातार छह बार से गया नगर सीट से विधायक हैं. चंद्रवंशी बहुल इस सीट पर डॉ कुमार इसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं. हाल में गया में एक चुनावी सभा के दौरान उनका नाम बातों बातों में संभावित मुख्यमंत्री के रूप में उछला. वे अति पिछड़ा समाज से आते हैं, जो इस बार के विधानसभा चुनाव के सबसे निर्णायक फैक्टर बनने जा रहे हैं. इतिहास में पीएचडी के समर्थकों का कहना है कि उनके इतना अनुभव वाला दूसरा शख्स बिहार भाजपा विधानमंडल में है नहीं, ऐसे में सीएम पद पर उनकी दावेदारी तो बनती ही है.

दिनारा : राजेंद्र सिंह

रोहतास जिले के दिनारा सीट से मैदान में राजेंद्र सिंह मैदान में हैं. राजेंद्र सिंह झारखंड भाजपा के संगठन मंत्री है, ऐसे में उनकी भाजपा संगठन में खास हैसियत है. प्रचारक जीवन में रह चुके राजेंद्र सिंह को कुछ लोग बिहार का मनोहर लाल खट्टर बता रहे हैं. खट्टर हरियाणा के सीएम हैं और संघ के प्रचारक व नरेंद्र मोदी के सहयोगी रह चुके हैं. वे हरियाणा के सीएम पद की दौड़ में कहीं थे भी नहीं और अचानक वे मुख्यमंत्री बना दिये गये. राजेंद्र सिंह का वहां मुकाबला जदयू के जय कुमार सिंह से है, जो वहां के निवर्तमान विधायक भी हैं.

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