पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आनंद बाजार पत्रिका समूह को दिये साक्षात्कार में उत्तरप्रदेश के दादरी कांड पर अफसोस प्रकट करने और उसमें केंद्र सरकार का कोई दोष नहीं होने के सवाल पर बिहार चुनाव में महागंठबंधन के नेता नीतीश कुमार ने आज सवाल उठाते हुए कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द्र सिर्फ राज्य का मुद्दा नहीं है. यह सही है कि राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन केंद्र तो इस मामले में एडवाइजरी भेज सकता था. उन्होंने कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने हस्तक्षेप किया था. नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास देश का नेतृत्व होता है, ऐसे में उन्हें बोलना चाहिए.
नीतीश कुमार ने ये बातें आज आनंद बाजार पत्रिका समूह के ही हिंदी न्यूज चैनल एबीपी न्यूज से कही. उन्होंने मुलायम सिंह यादव के स्टैंड पर टिप्प्प्णी की. मुलायम द्वारा बिहार में नीतीश कुमार के विरोध में मतदान की अपील के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबको मालूम है कि इसका बिहार में कोई असर नहीं होगा, लेकिन उत्तरप्रदेश में उन्हें नुकसान हो जायेगा. उन्होंने कहा कि वे और भी कुछ बोल रहे हैं. नीतीश कुमार ने सर्वे में खुद की लोकप्रियता के सवाल पर कहा कि यह बिहार की जनता का स्नेह है, जो उनकी सेवा किये जाने के कारण है.
वहीं, लालू प्रसाद द्वारा समझौता किये जाने के सवाल पर कहा कि हम दोनों लोकसभा चुनाव अलग अलग लड़े, इसका परिणाम सबके सामने है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां लीडरशीप की स्पष्टता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हम भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेंगे. अपने एक मंत्री के सि्टंग ऑपरेशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह सि्टंग था. इसमें हमारा कोई आदमी ट्रैप हुआ तो हमने उस पर तुरंत कार्रवाई की.
नीतीश कुमार ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रोज कहते हैं कि वे मुझसे बहस कर लें. समय व जगह वे चुन लें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आते हैं और एकतरफा आरोप लगा कर चले जाते हैं. यह हिट एंड रन का केस है. पीएम मोदी बोलते हैं तो बंपर पबि्लसिटी मिलती है. पर, हमें कहां उतनी पबि्लसिटीमिलती है. नीतीश कुमार ने कहा कि बहस के लिए जगह, समय व मुद्दा नरेेंद्र मोदी ही चुनें.