बिहार में दुष्कर्म के मामले 25 प्रतिशत बढ़े : स्मृति ईरानी
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान में बड़ी संख्या में महिलाओं के वोट डालने को भाजपा के पक्ष में होने का दावा करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महिलाओं से आने वाले चरण में भी मारी संख्या में मतदान करने की अपील की ताकि राज्य में […]
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान में बड़ी संख्या में महिलाओं के वोट डालने को भाजपा के पक्ष में होने का दावा करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महिलाओं से आने वाले चरण में भी मारी संख्या में मतदान करने की अपील की ताकि राज्य में सत्ता परिवर्तन के जरिये विकास और प्रगति सुनिश्चित की जा सके. स्मृति ने संवाददाताओं से कहा मैं बिहार चुनाव में पहले चरण के मतदान में महिलाओं के भारी संख्या में वोट डालने के लिए निकलने के लिए उनका धन्यवाद देती हूं जो विकास और बदलाव की उनकी इच्छा को अभिव्यक्त करता है.
मैं उनसे अपील करती हूं कि वे आने वाले चरण में भी भारी संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग करें ताकि राज्य में बदलाव सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा मुझे पूरा विश्वास है कि आप निश्चित तौर पर बिहार को फिर से जंगल राज के चपेट में नहीं देखना चाहती हैं. उन्होंने वादा किया कि अगर भाजपा नीत राजग सत्ता में आई तब वह राज्य में लम्बी अवधि के लिए राज्य का विकास और प्रगति सुनिश्चित करेगी.
स्मृति ईरानी ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकडों का हवाला देते हुए राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बिहार में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति खराब होती जा रही है. 2012 से 2014 के बीच बलात्कार के मामलों में 25 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. महिला सशक्तिकण के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लडकियों के लिए शौचालय बनाने की उम्मीदों के अनुरुप केंद्र ने काम किया है और 30 लाख लोगों ने सब्सिडी आधारित गैर सिलिंडर छोड दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को खाना पकाने के लिए एलपीजी सिलिंडर मिल सके और उन्हें खाना पकाने के लिए लकडियों पर निर्भर नहीं रहना पडे. उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने मोतीहारी में स्थापित होने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखने का वादा पूरा किया. इस मांग को संप्रग सरकार ने खारिज कर दिया था। बोधगया में इस वर्ष के प्रारंभ में आईआईएम स्थापित करने को मंजूदी दी गई है.