नयी दिल्ली : बिहार में कथित रुप से मुफ्त उपहार देने की पेशकश करने के लिए चुनाव आयोग ने सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी को चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का शनिवार को दोषी पाया. आयोग ने हल्की फटकार लगाने के साथ उन्हें भविष्य में एहतियात बरतने को कहा है. चुनाव आयोग ने कहा कि आयोग ने आपके जवाब पर ध्यान से विचार किया और पाया कि आपने विवादास्पद बयान देने से इनकार नहीं किया है. ऐसे में आयोग, आपको चुनाव आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन का दोषी पाता है.
चुनाव आयोग ने आगे कहा कि आयोग आपको चेतावनी देता है कि आप चुनाव आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करें और भविष्य में और अधिक एहतियात बरतें. दलितों और महादलितों को कलर टीवी, छात्रों को लैपटाप और गरीबों को धोती साड़ी खरीदने के लिए धन देने का वायदा करके मतदाताओं को लालच देने के आरोप में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर पहले ही दर्ज हो चुकी है.
गौर हो कि सुशील कुमार मोदी ने गत 28 सितंबर को कैमूर जिला मुख्यालय भभुआ के जगजीवन स्टेडियम में आयोजित एक सभा के दौरान प्रदेश की जनता से वादा करते हुए कहा था कि चुनाव जीतने पर महादलित बस्ती में कलर टीवी लगाया जायेगा, मैट्रिक व इंटर के 50 हजार मेधावी छात्रों को लैपटाप व गरीबों को धोती-साड़ी दिया जायेगा. इसके बाद आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग को उसके नोटिस का जवाब सौंपा था. जवाब में सुशील मोदी ने कहा है कि हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुरूप ही घोषणाएं की हैं. पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता सुबोध कुमार झा के माध्यम से आयोग को 18 पेज के जवाब में उन्होंने कहा था कि मेरे खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करते हुए आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप से मुङो मुक्त किया जाये.