कोच्चि / पटना : शॉटगन और बीजेपी सांसद बिहारी बाबू एक ओर जहां पार्टी के साथ तालमेल की कोशिश में लगे हैं वहीं दूसरी ओर पार्टी को नुकसान देने वाले बयान लगातार दे रहे हैं. सिन्हा ने रविवार को ट्विटर के जरिए कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर फिर से विचार करने की मोहन भागवत की राय को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. गौरतलब हो कि भागवत के इस बयान के बाद पार्टी बैकफुट पर आ गयी थी.
अपने लगातार बयानों से विवाद को जन्म देने वाले अभिनेता से नेता बने भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने नाराजगी की खबरों से इंकार किया है और कहा है कि वह पार्टी की उन्हीं बैठकों में शामिल होंगे जिनमें उनको बुलाया जाएगा. राजनीतिक रुप से महत्वपूर्ण बिहार चुनाव में उनके द्वारा पार्टी के लिए प्रचार नहीं करने से जुड़े एक सवाल में उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए शुभकामना और स्नेह की भावना के साथ मैंने किसी और विवाद को जन्म नहीं देने और स्थिति को और अप्रिय नहीं बनाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इसीलिए मैंने अपनी तरफ से छोड़ दिया है और साथ ही मेरा मानना है कि मैं उन्हीं कार्यक्रमों में जाउंगा जहां मुझे बुलाया जायेगा. सिन्हा ने पीटीआई भाषा को बताया मैं यहां आया हूं, हालांकि मेरे मन में किसी तरह की गलत भावना नहीं है.
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अगर हम सही दिशा में चलते तो अपेक्षाओं के अनुसार और बेहतर प्रदर्शन करते. मैं स्थानीय नेताओं की बात कर रहा हूं, उनमें से कुछ अत्यधिक महत्वाकांक्षी हो गये हैं. जब सिन्हा से यह पूछा गया कि बिहार चुनाव में किसकी जीत होगी तो उन्होंने कहा ‘‘इसका फैसला जनता करेगी. इस लोकप्रिय अभिनेता ने कहा कि मैं आशा करता हूं, शुभकामना देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि हम लोग बिहार को जिसका मतलब है कि भाजपा बिहार को प्रगति, शांति, समृद्धि, विकास और प्रतिष्ठा के पथ पर लेकर चलें. लेकिन चूंकि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं, इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता.
सिन्हा ने कहा कि मैंने जमीनी हकीकत नहीं देखा है. लेकिन मेरी शुभकामनाएं मेरी पार्टी के लिए है और अंतत: सबसे अच्छा आदमी और सबसे अच्छी पार्टी की जीत हो. पटना साहिब के सांसद कल परिवहन पर्यटन और संस्कृति, नागरिक उड्डयन और जहाजरानी मामलों की संसद की स्थायी समिति के सदस्य के रुप में यहां थे. जब उनसे यह कहा गया कि वह पार्टी के स्टार प्रचारक रहे हैं तो उन्होंने बस इतना कहा कि मैं नाराज नहीं हूं. बिहारी बाबू’ ने कल ट्वीट कर प्रधानमंत्री की चुनावी रैलियों के रद्द होने के लिए बिहार के भाजपा नेताओं को जिम्मेदार ठहराया. सिन्हा ने कहा कि अगर जरुरत पडी तो वह अपने संसदीय क्षेत्र में प्रचार के लिए जायेंगे. उन्होंने कहा कि अगर जरुरत पडी तो मैं वहां जा सकता हूं. अगर जरुरत नहीं पडती है तो कोई बात नहीं. कोई मांग नहीं, कोई आदेश नहीं और शिकायत भी नहीं मैं उन्हें शुभकामना देता हूं.