पाक में रह रही गीता ने विवाहित होने से किया इनकार
कराची : करीब 14 साल पहले भूलवश सीमा पार कर पाकिस्तान आ गई गूंगी बहरी भारतीय लडकी गीता ने विवाहित होने से इनकार किया है. भारत में मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया था कि बिहार के सहरसा जिले में 23 वर्षीय गीता के पैतृक गांव के लोगों का कहना है कि जब […]
कराची : करीब 14 साल पहले भूलवश सीमा पार कर पाकिस्तान आ गई गूंगी बहरी भारतीय लडकी गीता ने विवाहित होने से इनकार किया है. भारत में मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया था कि बिहार के सहरसा जिले में 23 वर्षीय गीता के पैतृक गांव के लोगों का कहना है कि जब वह छोटी थी तब उसका उमेश महतो नामक व्यक्ति से विवाह हो गया था और उनका एक बेटा भी है जो अब 12 साल का हो गया है. समाज सेवी अब्दुल सत्तार एधी के पुत्र फैजल एधी ने बताया कि इन खबरों के बाद उन्होंने गीता से बात की थी.
फैजल ने बताया ‘‘उसने स्काइप के जरिये उन लोगों से बात की जिन्हें उसने भारतीय उच्चायोग द्वारा भेजी गई तस्वीरों में अपने परिवार के तौर पर पहचाना. उन्होंने उसे बताया कि वह विवाहित है और उसने इस बात से इनकार किया कि उसका कभी विवाह हुआ था.’ उन्होंने कहा ‘‘हमने उसे भारतीय मीडिया में प्रकाशित तस्वीर भी दिखाई जिसके बारे में उनका दावा है कि वह गीता है. लेकिन जब हमने वह तस्वीर उसे दिखाई तो उसने कहा कि वह तस्वीर उसकी नहीं है.’ फैजल के अनुसार, स्थिति थोडी जटिल हो गई है क्योंकि गीता को 26 अक्तूबर को दिल्ली भेजने के इंतजाम किए जा चुके हैं.
उन्होंने कहा ‘‘उससे बात कर हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं वह हमसे कुछ छिपा तो नहीं रही है या गुमराह तो नहीं कर रही है.’ गीता ने भारतीय उच्चायोग द्वारा एधी फाउंडेशन को भेजी गई अपने परिवार की तस्वीर पहचान ली जिसके बाद पाकिस्तान और भारत ने गीता को स्वदेश भेजने के लिए तैयारी शुरू कर दीं. बताया जाता है कि गीता उन दिनों 7 या 8 साल की थी जब उसे पाकिस्तानी रेंजरों ने 14 साल पहले लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठे हुए पाया.
पुलिस गीता को लाहौर में एधी फाउंडेशन ले गई और फिर उसे कराची भेज दिया गया। फाउंडेशन की बिलकिस एधी ने उसे गोद ले लिया और कराची में उसके साथ रहने लगीं.फैजल ने बताया ‘‘बिलकिस एधी ने गीता को अपनी बेटी की तरह पाला और उम्मीद है कि वह उसके साथ नई दिल्ली जाएंगी। हम शायद पहले डीएनए टेस्ट कराएंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि तस्वीर में दिखाए गए लोग सचमुच उसके परिवार वाले हैं. इसके बाद ही उसे उनके सुपुर्द किया जाएगा.’