पटना : आरक्षण नीति की समीक्षा करने संबंधी संघ प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को अपने पक्ष में भुनाने का लगातार प्रयास कर रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद का मानना है कि संघ प्रमुख की टिप्पणी बिहार में भाजपा के भाग्य का फैसला कर चुकी है. उन्होंने साथ ही दावा किया है कि बिहार में 1995 जैसे हालात हैं जब मंडल बनाम कमंडल की राजनीति के दौर में जनता दल विजयी हुआ था.
बीजेपी पर हमला
हिंदू भी गौमांस खाते हैं की टिप्पणी को लेकर भाजपा के हमले की जद में आए लालू ने कहा कि वह एक सच्चे गौपालक हैं और उनकी पत्नी तथा पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी घर में आने वाली हर नई गाय के चरण धोती हैं. कई चुनावी सभाओं के बाद अपने समर्थकों से घिरे और नींबू चाय की चुस्कियां लेते हुए लालू ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक एम एस गोलवलकर द्वारा लिखी गयी किताब विचारों का पुलिंदा दिखायी. लालू ने यहां पीटीआई भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा कि गोलवलकर ने कहा था कि आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए. संघ का मौजूदा नेतृत्व अपने गुरु गोलवलकर के विचारों का अनुसरण कर रहा है. दलितों और पिछडों को दशकों के संघर्ष के बाद आरक्षण मिला था और अब वे इसे छीनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भागवत की टिप्पणियों के पीछे एक पैटर्न है. उन्होंने कहा यह उनकी मूल विचार प्रक्रिया है.
दलित विरोधी है बीजेपी
उनकी मानसिकता अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछडा वर्ग विरोधी है. यह उनकी मूल भावना सामने आयी है. वे रंगे हाथ पकडे गए हैं. और हमने एससी एसटी और ओबीसी को उनके खिलाफ प्रेरित किया और कमजोर तबकों को बताया कि भाजपा क्या है. इसने भाजपा की किस्मत का फैसला कर दिया है और उनका खेल खत्म कर दिया है क्योंकि सामाजिक न्याय के लाभार्थी एकजुट हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा द्वारा सार्वजनिक रुप से भागवत की टिप्पणियों से दूरी बनाए रखने के संबंध में लालू ने कहा कि यह अचानक मुंह से निकली बात नहीं है बल्कि यह संघ और भाजपा की ‘चिंतन प्रक्रिया’ का प्रतिबिंब है.
एनडीए की किस्मत का फैसला
मंडल राजनीति के सर्वाधिक ठोस प्रतीकों में से एक माने जाने वाले लालू ने कहा महागठबंधन ने राज्य के हर कोने में इस बात को पहुंचा दिया है और इससे राजग के खिलाफ वंचित वर्गो का धु्रवीकरण हुआ है और राजग की किस्मत का फैसला हो चुका है. जाति व्यवस्था पर मोदी के विचारों को लेकर भी लालू ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया मोदी ने एक किताब कर्मयोग में लिखा है कि दलित आध्यात्मिक सुख के लिए सिर पर मैला ढोते हैं. भागवत समेत संघ के लोगों ने क्यों नहीं यह आध्यात्मिक सुख उठाया. वह देश के प्रधानमंत्री हैं और उन्होंने यह बात लिखी है. यह चिंतन प्रक्रिया है जो चाहती है कि दलित और ओबीसी अपमान सहते रहें. संघ और भाजपा पर संविधान की भावना के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि संविधान अनपढ को भी चुनाव लडने और मतदान का अधिकार देता है लेकिन राजस्थान और हरियाणा में भाजपा सरकारों ने पंचायत चुनाव लडने के लिए न्यूनतम अनिवार्य योग्यता तय कर दी है.
गौपालक है यादव समुदाय
उन्होंने कहा कि यह डिग्रियों के बहाने पिछड़े वर्गों को चुनावी अवसरों से वंचित करने की एक और साजिश है. यदि हम चुप रहे , तो वे कोई ऐसा कानून बना देंगे कि केवल बीए या एमए पास ही चुनाव लड सकेंगे क्योंकि उनका मानना है कि केवल कुछ ही जातियों को देश पर राज करना चाहिए जिन्हें उंची शिक्षा मिली है और बाकी लोगों सब उनकी मालिश करते रहें. उनकी इस टिप्पणी को कि हिंदू भी गौमांस खाते हैं इसे बार बार दोहराए जाने को लालू ने भाजपा के धार्मिक धु्रवीकरण के प्रयासों का हिस्सा बताया और कहा कि भगवा पार्टी ने गौपालक यादव समुदाय को उनके खिलाफ करने की कोशिश की.
सांप्रदायिकरण करना चाहते हैं
राजद सुप्रीमों ने कहा कि वे माहौल का सांप्रदायिकरण करना चाहते हैं. मेरे घर पर 50 गायें हैं. मेरी पत्नी घर में आने वाली हर नई गाय के चरण धोती है. बहुत से लोग घरों में कुत्ते रखते हैं. हम गाय पालते हैं. लालू ने कहा वे हल्ला मचा रहे हैं. मोदी कहें कि देश में कोई बूचड़खाना नहीं होगा. भारतीय प्रेस परिषद के पूर्व प्रमुख और कश्मीरी ब्राह्मण मार्कण्डेय काट्जू ने कहा है कि वह गौमांस खाते हैं. मैं इस बहस में नहीं पडना चाहता. यह उनकी साजिश है.
मांस के निर्यात में वृद्धि
उन्होंने गुजरात से मांस निर्यात और पिछले एक साल में देश से गौमांस के निर्यात में वृद्धि का उल्लेख करते हुए दावा किया कि गौमांस खाने संबंधी विवाद भाजपा ने राजनीतिक कारणों से पैदा किया है. बिहार में अल्पसंख्यकों के पूरी तरह महागठबंधन के साथ होने का दावा करते हुए राजद प्रमुख ने कहा संघ और भाजपा को धर्म की राजनीति करने की आदत है. वे कभी न कभी , कहीं न कहीं इससे फायदा उठाते हैं लेकिन बिहार में नहीं. लालू ने कहा दादरी में उन्होंने क्या किया? बिना बात एक मुस्लिम की हत्या कर दी गयी. क्या उन्होंने लोकसभा चुनाव में इसी का वादा किया था. उस समय इन्होंने विकास के नाम पर वोट मांगे थे. जातीय धु्रवीकरण का प्रयास करने के आरोपों को खारिज करते हुए लालू ने कहा कि हमने जाति वार्ता शुरु नहीं की. प्रधानमंत्री मोदी आए और उन्होंने खुद को यदुवंशियों का सबसे बडा समर्थक पेश करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि वह भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका से ताल्लुक रखते हैं. हम सभी जानते हैं कि वे क्या हैं ?
उपमुख्यमंत्री नहीं बनेगा बेटा
चारा घोटाले में दोष सिद्धि के कारण चुनाव लडने से प्रतिबंधित राजद नेता ने इन रिपोर्टो को खारिज किया कि उनके बेटे उप मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. उन्होंने दोहराया कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लडा जा रहा है और महागठबंधन सत्ता में आया तो वही मुख्यमंत्री होंगे. 1995 में जनता दल को अविभाजित बिहार में 324 में से 167 सीटें मिली थीं जब लालू और नीतीश एक साथ थे.