पटना : बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त होने और गरीबों के रोजगार के लिए राज्य को छोड़कर बाहर जाने को मजबूर होने को रेखांकित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि जातिवाद में झोंकने वाले लालू और बाहरी का मुद्दा उठाने वाले नीतीश के शासन में गरीबों को रोजी-रोटी के लिए प्रदेश से बाहर जाने को मजबूर होना पडा. सुशील मोदी ने कहा कि एक तरफ ऐसे लोग हैं जिनको गरीबों के बच्चों को जातिवाद में झोंककर चरवाहा बनाना है और दूसरी तरह हमारा राजग गठबंधन है जो नौजवानों को शिक्षक बनाना और उन्हें रोजगार प्रदान कराना चाहता है. जनता को इसमें से चुनाव करना है और पहले दो चरण के चुनाव से स्पष्ट है कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के मॉडल के पक्ष में जमकर मतदान किया है.
उन्होंने कहा कि आगे के चरण में भी इसी तरह से मतदान करें ताकि विकास उन्मुख प्रचंड बहुमत वाली सरकार बन सके. सोशल नेटवकि’ग साइट फेसबुक पर भाजपा नेता ने लिखा कि भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश कुमार की सरकार के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति काफी खराब हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि गली गली में शराब की दुकान खुल गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भ्रष्टाचार को मौन स्वीकृति देने के नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि चारा घोटाले में दोषसिद्ध लालू और टूजी स्पेक्ट्रम, कोयला घोटाले से हाथ काले करने वाले कांग्रेस से गठजोड करने वाले नीतीश के मुंह से ऐसी बातें ठीक नहीं लगती हैं.
सुशील मोदी ने लिखा है कि लालू प्रसाद यह भूल गये हैं कि वे चारा घोटाले में दोषसिद्ध अपराधी हैं. नीतीश कुमार यह भूल जाते हैं कि उनके छह मंत्री स्टिंग अपरेशन में फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को यह बताना चाहिए कि देशहित में किये गए किस कार्य और आजादी की किस लडाई में उन्हें जेल जाना पडा ? उन्होंने राजद अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि लालू प्रसाद को यह मालूम है कि वह एक हजार करोड रुपये से अधिक के चारा घोटाले में सजायाफ्ता है, इसलिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव तो क्या उनके पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक है. और इसलिए वह अपराध को महिमा मंडिम कर गरीबों को जेल जाने की सलाह दे रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार हाशिये पर चले गए हैं. जनता अच्छी तरह समझ रही है कि नीतीश को वोट देने का मतलब है लालू के जंगलराज, भ्रष्टाचार और अपराध को आमंत्रण देना. चुनाव के बीच लालू रोज पैंतरे बदल रहे हैं और उटपटांग बयान और गाली गलौच कर हताशा प्रदर्शित कर रहे हैं.