भाजपा क्यों कर रही हैं जीत के दावे
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों का मतदान समाप्त हो गया है. इसी के साथ ही शेष बचे तीन चरणों के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है. दोनों चरणों में अब तक कुल 81 सीटों पर मतदान हो चुका है.पहले दो चरणों के चुनाव परभाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज […]
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों का मतदान समाप्त हो गया है. इसी के साथ ही शेष बचे तीन चरणों के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है. दोनों चरणों में अब तक कुल 81 सीटों पर मतदान हो चुका है.पहले दो चरणों के चुनाव परभाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा है किपार्टी कुल 81 में 58 सीटों पर जीत हासिल कर रही है. वहीं, महागंठबंधन ने कहा है कि इन चरणों में उसका बेहतर प्रदर्शन रहा है और उसे अधिकतम सीटों पर जीत हासिल होगी. इन सबके बीच तीसरे, चौथे व पांचवें चरण को लेकर प्रचार अभियान में जुटी भाजपा ने नये सिरे से रणनीति तैयार की है. पार्टी इन तीनों चरणों में जीतने की उम्मीद पाले हुए है. सूत्रों की मानें तो भाजपा को तीसरे और चौथे चरणों के लिए कुल 101 सीटों में से 70-75 सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है और पार्टी इसी के लिहाज से आगे की रणनीति पर जुटी है.
दो चरणों के मतदान से मिले फीडबैक से उत्साहित भाजपा
बिहार चुनाव के लिए दो चरणों का मतदान संपन्न होने के साथ ही भाजपा के प्रदेश कार्यालय में रविवार की देर रात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए के नेताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की. दिल्ली से रात 10 बजे यहां पहुंचते ही अमित शाह ने बैठक शुरू की. इस बैठक में एनडीए के सभी प्रमुख नेता मौजूद थे. इसमें प्रधानमंत्री की सभा, आरक्षण, महंगाई के मुद्दों से लेकर महागंठबंधन की प्रचार शैली तक पर विस्तार से चर्चा हुई. शाह ने पार्टी के नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दल के नेताओं को टास्क दिया कि वे आक्रामक शैली में चुनाव प्रचार करें. साथ ही महागंठबंधन के नेताओं के हर आरोप, खासकर महंगाई और बिहारी बनाम बाहरी का उनलोगों ने जो भ्रामक प्रचार शुरू किया है, उसका मुंहतोड़ जवाब दें.
तीसरे और चौथे चरण पर भाजपा का फोकस
इस बैठक में अगले तीन चरणों में प्रचार की रणनीति, चुनाव प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा हुई. साथ ही यह कहा गया कि अपने आधार वोट का अधिक-से-अधिक पोल हो, इसका खासा ख्याल स्थानीय नेताओं को रखने के लिए कहा जाये. बैठक में अब तक हुए मतदान से मिले संकेत से एनडीए के सभी नेता खुश दिखे, लेकिन अमित शाह ने उनसे कहा कि अगले तीन चरणों के मतदान में एनडीए को सर्वाधिक लाभ हो, इसे केंद्र में रख कर चुनाव प्रचार और प्रबंधन किया जाये. भाजपा को उम्मीद है कि इन सभी मामलों पर ध्यान देने के साथ ही तीसरे और चौथे चरण में एनडीए को कम से कम 80 से 85 सीटों पर जीत हासिल होगी.
तीसरे व चौथे में चुके तो वापसी मुश्किल
तीसरे व चौथे चरण का मतदान भाजपा के लिए अहम माना जा रहा है. तीसरे चरण में पटना को अहम माना जा रहा है. यहां कुल 14 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. माना जा रहा है कि यहां भाजपा का वोट बैंक भी हैं. इसके साथ ही चौथे चरण में होने वाले चुनाव के दौरान पू. चंपारण एवं प. चंपारण भी भाजपा के लिए अहम है. यहां दोनों को मिलाकर कुल 21 सीटों पर चुनाव होने हैं. यहां भी भाजपा को बहुत उम्मीदें हैं. मल्लाहों के नेता मुकेश सहनी के भाजपा के पक्ष में प्रचार करने को लेकर मुजफ्फरपुर में एनडीए को बढ़त मिलने की संभावना है. इन सभी स्थानों पर भाजपा की निगाहें टिकी है. इस लिहाज से तीसरे और चौथे चरण का चुनाव भाजपा के लिए अहम है.
दशहरा बाद पीएम का फिर से धुआंधार प्रचार
25 अक्टूबर से एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी बिहार के चुनावी महाभारत में कूदेंगे. 25 अक्टूबर से लगातार तीन दिन तक पीएम मोदी की बिहार में आठ चुनावी सभाएं होंगी. 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में छपरा के मढौरा, हाजीपुर और नालंदा में कुल तीन चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. इसके अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को पीएम की दो सभाएं बक्सर और सीवान में होगी.
सीवान को छोड़कर बाकी 4 जगहों पर चुनाव तीसरे दौर में 28 अक्टूबर को है. सीवान में चुनाव चौथे दौर में है. इसके बाद 27 अक्टूबर को प्रधानमंत्री कुल 3 सभाएं करेंगे. पहली सभा बेतिया में होगी. इसके बाद मोतिहारी और फिर सीतामढ़ी में पीएम रैली को संबोधित करेंगे. यहां चौथे चरण में 1 नवंबर को वोटिंग है. सूत्रों के मुताबिक इसके बाद पीएम की करीब 5 से 6 और रैलियां पांचवें चरण के चुनाव के लिए होंगी. पार्टी का मानना है कि पीएम का प्रचार आखिरी वक्त में कराने से पार्टी को ज्यादा फायदा है. इससे पहले बिहार में पहले और दूसरे दौर का चुनाव प्रचार मिलाकर प्रधानमंत्री अब तक 7 रैलियां कर चुके हैं. चुनाव एलान से पहले ही मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, आरा और सहरसा में पीएम की सभाएं हो चुकी हैं.