पढ़िए, चुनाव के दौरान नीतीश, लालू व सुमो की क्या है दिनचर्या

पटना : विधानसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान के बाद अगले तीन चरणों के लिए प्रचार अभियान अपने चरम पर है. हर दल के नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. एनडीए और महागंठबंधन के बड़े नेताओं पर दोहरी जिम्मेवारी है. उन्हें रणनीति बनाने के साथ प्रचार भी करना होता है. ऐसे में तालमेल सचमुच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2015 3:45 PM

पटना : विधानसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान के बाद अगले तीन चरणों के लिए प्रचार अभियान अपने चरम पर है. हर दल के नेता चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. एनडीए और महागंठबंधन के बड़े नेताओं पर दोहरी जिम्मेवारी है. उन्हें रणनीति बनाने के साथ प्रचार भी करना होता है. ऐसे में तालमेल सचमुच चुनौती भरा है. पढ़िए ऐसे चार नेताओं की दिनचर्या.

दही खाकर चुनाव प्रचार के लिए निकलते हैं सीएम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिनचर्या अहले सुबह से शुरू होती है. वह सुबह साढ़े पांच बजे उठ जाते हैं. इसके बाद वह करीब एक घंटा तक योग करते हैं. फिर अखबार पढ़ते हैं और चाय पीते हैं. साथ ही उस दिन होने वाली सभाओं की फिर से जानकारी लेते हैं और पार्टी के नेताओं से भी इसकी मंत्रणा करते हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री स्नान करते हैं और नाश्ते में दही-चूड़ा या रोटी-सब्जी-सलाद-दही लेते हैं. चुनाव प्रचार में जाने से पहले वे अमूमन दही-चूड़ा खाना ही पसंद करते हैं. दिन के भोजन के लिए रोटी या पराठा, सब्जी और दही उनके साथ रख दिया जाता है.

मुख्यमंत्री आवास से निकलने से पहले लौंग या इलाइची भी खाते हैं और साथ में रख लेते हैं. वे नौ से दस बजे के बीच में अपने आवास से पटना एयरपोर्ट के निकल जाते हैं. कई सभाएं करने के बाद वह हेलीकॉप्टर में ही साथ में ले जाया गया घर का भोजन करते हैं. बीच में उन्हें चाय-नाश्ते का समय नहीं मिल पाता है. चुनाव प्रचार से लौटने के बाद नीतीश कुमार शाम में छह बजे फ्रेश होकर सबसे पहले चाय पीते हैं. इसके बाद भूंजा या फिर पोहा का हल्का नास्ता करते हैं. इसके बाद देर रात चुनाव क्षेत्रों की रिपोर्ट लेते हैं. वह अगले दिन की रणनीति भी बनाते हैं.

घर से निकलने के पहले लालू प्रसाद खाते हैं पान

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद इन दिनों 16-18 घंटे तक चुनाव में समय दे रहे हैं. वह महागंठबंधन के प्रत्याशियों की जीत के साथ भाजपा पर तीखे वार की रणनीति भी हर दिन बनाते हैं. सोशल मीडिया के अलावा चुनावी सभा में कहां की सभा में किस तरह का वार करना है, इसके अकेले रणनीतिकार लालू प्रसाद होते हैं. वह हर दिन सात-आठ चुनावी सभाओं को संबोधित करते हैं. चुनावी दौरे में निकलने के पहले पान खाना नहीं भूलते हैं. साथ में वह पान लेकर जाते भी हैं. इन दिनों उनकी दिनचर्या सुबह छह बजे से शुरू होती है जो रात के करीब 11-12 बजे समाप्त होती है.

सुबह जगने के बाद वह आधे से एक घंटे तक टहलते हैं. उसके बाद चाय के साथ अखबार पढ़ते हैं. सुबह आठ-नौ बजे तक लोगों से मिलना जुलना होता है. फिर नास्ता कर प्रचार के लिए निकल जाते हैं. साथ में उनके नास्ते का फल व पान भी रखा जाता है. चुनावी
सभाओं से लौटने के बाद थोड़ा आराम करने के बाद नास्ता व चाय लेते हैं. उसके बाद आगले दिन के कार्यक्रम की जानकारी लेते हैं. इसके बाद आधी रात तक चुनावी गतिविधियों की रणनीति बनाने व लोगों से मिलते हैं. उनसे महुआ व राघोपुर से राजद नेता नियमित रूप से मिलने आते हैं.

योग करना नहीं भूलते सुशील मोदी

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी की दिनचर्या चुनाव की वजह से बदल गयी है. अभी 11 बजे की जगह रात 12.30 तक सोते हैं. तमाम व्यस्तताओं के बाद भी सुबह योग करना नहीं भूलते. मोदी की दिनचर्या सुबह 6 वजे जगने से शुरू होती है. फ्रेश होने के बाद घंटाभर योग करते हैं. इसके बाद अखबार देखते हैं. तैयार होने के बाद थोड़ी देर पूजा. नवरात्र में पाठ. इसके बाद लोगों से बातचीत. हल्का नास्ता, कर घर से 10 बजे तक निकल जाते हैं. दिन के खाने के लिए घर से रोटी का रोल लेकर जाते हैं. अगर कहीं दिन में फल मिला तो खा लिया. शाम को कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेते हैं. हेलीकॉप्टर में ही समाचार पढ़ते हैं.

पूजा-पाठ के बाद निकलते हैं मंगल

विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय पिछले दो – ढाई माह से काफी व्यस्त हैं. बेटे व पिताजी से ठीक से बात नहीं हो पायी है, लेकिन चुनाव प्रचार से लौटने के बाद पत्नी को जानकारी देना नहीं भूलते. बेटे से फोन पर ही बात होती है. श्री पांडेय की दिनचर्या सुबह सात बजे शुरू होती है. नौ बजे तक तैयार हो जाते हैं. भगवान के आगे शीश नवाकर घर से निकलते हैं. 11.30 बजे तक चुनाव प्रचार में निकल जाते हैं. दौरे में जहां जो कार्यकर्ता खिला दिया, वही खा लेते हैं. शाम 5.30 बजे तक प्रचार से लौटने के बाद पत्नी को लौट आने की जानकारी देते हैं और कार्यालय पहुंचते ही शुरू हो जाते हैं दिनभर का फीडबैक लेने में और अगले दिन की कार्ययोजना बनाने में.

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