राघोपुर / महुआ / वैशाली / पटना : दुनिया के सबसे पुराने गणतंत्र और लिच्छवियों की राजधानी वैशाली में दो सीटों पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दो पुत्र अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वहांं लालू की राजनीतिक विरासत दांव पर है और राजग इन दोनों सीटों पर जदयू के बागी एवं वर्तमान विधायकों को उतारकर चुनावी चौसर पर दोनों स्टार पुत्रों को चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड रही है. राघोपुर और महुआ में इन दोनों सीटों पर 28 अक्तूबर को तीसरे चरण के दौरान मतदान होना है. यहां पर नेताओं के दल बदलने के कारण इन दोनों सीटों पर मतदाताओं एवं पार्टी कैडरों में भ्रम की स्थिति दिखती है.
पिछले 15 वर्ष के दौरान जदयू और राजद इन दोनों सीटों पर आमने सामने के मुकाबले में रहे. लेकिन इस विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मतभेदों को भुलाकर आपस में हाथ मिला लिया. इससे पूर्व लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भाजपा नीत राजग ने राज्य की 40 सीटों में से 31 पर जीत दर्ज की. दो धुर विरोधियों के बीच सुलह का नतीजा है कि राजग को जदयू् के ही दो बागी विधायकों को लालू पुत्रों से दो-दो हाथ करने के लिए मैदान में उतारना पडा.
लालू के पुत्र तेज प्रताप और तेजस्वी यादव इस मुकाबले में अपने पिता के यादव वोट बैंक और चाचा नीतीश कुमार पर निर्भर हैं. महुआ सीट पर तेज प्रताप को हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के उम्मीदवार रवींद्र राय की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है जबकि राघोपुर से तेजस्वी यादव के सामने सतीश कुमार हैं जिन्होंने पिछले चुनाव में लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को पराजित किया था.
राघोपुर और महुआ में यादव मतदाता काफी संख्या में हैं और इसी आधार पर 2010 में जदयू ने यादव प्रत्याशी के रुप में राय और सतीश को चुनाव में उतारा था. दोनों ने चुनाव में जीत दर्ज की और सतीश कुमार ने राबड़ी देवी को पराजित किया. राजद समर्थकों का दावा है कि लालू और नीतीश के साथ आने से राजद अध्यक्ष के दोनों पुत्रों को फायदा मिल रहा है. राजद नेता ऐसी बातें भी फैला रहे हैं कि अगर महागठबंधन चुनाव जीतता है तब लालू के पुत्रों में से किसी को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. राजद प्रमुख ने हालांकि इसे तवज्जो नहीं दी है. राघोपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने इन आशंकाओं को खारिज किया कि वे क्षेत्र के लिए समय नहीं देंगे. उन्होंने वादा किया कि वह लोगों का काम करने के लिए स्थायी रुप से यहां रहने को तैयार हैं. दोनों क्षेत्रों में प्रचार के दौरान नीतीश ने कहा था कि प्रताप और तेजस्वी न केवल लालू के पुत्र हैं बल्कि ‘मेरे उम्मीदवार’ हैं. राघोपुर में उन्होंने अपने समर्थकों से सतीश कुमार को खदेड़ने को कहा.
उन्होंने कहा कि आप तेजस्वी की जीत सुनिश्चित करें और मैं राघोपुर का विकास देखूंगा. भाजपा के टिकट पर चुनाव लडने वाले सतीश कुमार ने हालांकि कहा कि जदयू का क्षेत्र में कोई कैडर आधार नहीं है. उन्होंने कहा,‘‘ पिछले चुनाव में मेरे लिये भाजपा कार्यकर्ताओं ने काम किया, हालांकि मैं जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहा था. इस बार मैं राजग उम्मीदवार हूं. इस बार भाजपा कार्यकर्ता मेरे लिए और पुरजोर तरीके से काम करेंगे.” अक्तूबर 2005 के चुनाव में राबड़ी देवी ने सतीश कुमार को हराया था.