पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने प्रहार तेज करते हुए उनके उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था ‘न खाउंगा और न खाने दूंगा’ का हवाल किया. जदयू-राजद-कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश ने आरोप लगाया कि भाजपा में नेतृत्व की कमी के कारण वह बिहार विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री के नाम पर लड़ रही है और वह दिन दूर नहीं कि वह पंचायत चुनाव भी प्रधानमंत्री के नाम लडेगी.
पुनपुन में जदयू प्रत्याशी श्याम रजक के पक्ष में एक चुनावी सभा को आज संबोधित करते हुए नीतीश ने चुटकी ली कि दाल की कीमत के बढकर 200 रुपये प्रति किलोग्राम हो जाने पर आज कल प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी, ‘न खाउंगा और न खाने दूंगा’ काफी प्रचलित है. उन्होंने आरोप लगाया कि देश के 300 जिलों में जहां अकाल जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है, पर प्रधानमंत्री और उनके अन्य मंत्रियों को उसकी चिंता नहीं और बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी भाजपा को जिताने के लिए यहां का चक्कर लगा रहे हैं.
नीतीश ने प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रियों के बिहार के दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि पटना ही देश की राजधानी और भाजपा का मुख्यालय बन गया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पटना के एक आलीशान होटल का एक फ्लोर बुक कर रखा है जिससे प्रतीत होता है कि भाजपा का मुख्यालय पटना शिफ्ट कर गया है, पर उनकी दाल गलने वाली नहीं है.
उन्होंने अपने महागठबंधन के बीच तीन दलों के बीच एकजुटता का जिक्र करते हुए दावा किया कि दूसरी तरफ विरोधी गुट में कोई एकजुटता नहीं है और वे एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं.