पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रियों राधामोहन सिंह और रामविलास पासवान द्वारा दाल की कीमतों में वृद्धि के लिए उनकी सरकार को जिम्मेवार ठहराए जाने के बाद उन पर पलटवार करते हुए आज कहा कि दाल की बढ़ती कीमत के लिए अगर बिहार सरकार जिम्मेवार है तो भाजपा शासित राज्यों में दल 200 रुपये प्रति किलोग्राम क्यों बिक रही है.
अपने पैतृक जिला नालंदा में अपने पार्टी प्रत्याशी श्रवण कुमार के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि केंद्र में बैठे हुए लोग कहते हैं कि अच्छे दिन आएंगे. अब अच्छे दिन आ गए. दाल 200 रुपये किलो हो गयी. लोग भात, चावल, दाल और सब्जी खाते थे पर अब दाल गायब है. भात और तरकारी खाईये नहीं तो माड़ उबले हुए चावल का पानी और भात पर गुजारा करिए.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनाव में ‘अच्छे दिन आने’ के बारे में किए गए वादे पर कटाक्ष करते हुए कहा ‘‘मोदी जी, ‘अच्छे दिन’ अपने पास रखिए, लोगों के पुराने दिन ही लौटा दीजिए. यही मेहरबानी होगी.’ नीतीश ने कहा कि अब दाल को लेकर प्रधानमंत्री की हालत खराब हो रही है. उनके मंत्रियों ने हम पर ही आरोप लगाया है कि दाल के मंहगे होने के लिए राज्य सरकार जिम्मेवार है. नीतीश ने कहा कि हमें हंसी आती है. अगर राज्य सरकार जिम्मेवार है तो दाल की कीमत केवल बिहार में 200 रुपये प्रति किलोग्राम होनी चाहिए पर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में क्यों वह 200 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा में दम नहीं है और प्रधानमंत्री के पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं है तथा वे कुछ भी करने में सक्षम नहीं हैं. इसलिए आपको फैसला करना है कि बिहार को क्या यही लोग चलाएंगे. नीतीश ने कहा कि बिहार को कौन चलाएगा. बिहारी चलाएगा या बाहरी चलाएगा. हम बिहारी हैं. सब बाहरी को नमस्ते कर यह कहते हुए विदा कर दीजिए कि जाईए अपना काम कीजिए और दाल की कीमत पर नियंत्रण कीजिए. हमलोगों को बिहार का काम करने दीजिए और बिहार को आगे बढाने दीजिए. इससे पूर्व आज सुबह राधामोहन सिंह और रामविलास पासवान ने बढती मंहगाई के लिए नीतीश कुमार सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया था कि केंद्र की ओर से सहायता दिए जाने के बावजूद उसने दाल सहित अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री की कीमत में वृद्धि को काबू करने और जमाखोरी रोकने के लिए कुछ नहीं किया.