बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान

मनीष शांडिल्य पटना से, बीबीसी हिन्दी डॉट कॉम के लिए बिहार में अगले तीन चरणों के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है. हर राजनीतिक मोर्चे की कोशिश प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त हासिल करने की है. चुनावी रैलियों में नेता तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. उनमें से कुछ बहुत विवादित रहे. 1. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2015 11:54 AM
बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान 9

बिहार में अगले तीन चरणों के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है. हर राजनीतिक मोर्चे की कोशिश प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त हासिल करने की है.

चुनावी रैलियों में नेता तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. उनमें से कुछ बहुत विवादित रहे.

बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान 10

1. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कह दिया "चुनाव नहीं लड़ने वाले नेताओं की स्थिति उन बांझ महिलाओं के समान है जो प्रसव पीड़ा नहीं जान पातीं.”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पद के किसी उम्मीदवार का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना ठीक नहीं है. पिछले दरवाज़े से आने का सीधा मतलब है कि ऐसे नेता जनता के सामने नहीं आना चाहते हैं. चुनाव नहीं लड़ने वाले नेताओं की स्थिति उन बांझ महिलाओं के समान है जो प्रसव पीड़ा नहीं जान पातीं.”

मांझी ने जनता दल यूनाईटेड से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई है और अब वो भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए के साथ है.

उन्होंने ये बयान 21 सितंबर को मखदूमपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया था.

बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान 11

2. राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक चुनावी सभा में कहा, “यदुवंशियों सावधान! इ महाभारत हऊ रे भाई. अपने वोट को छितराने नहीं देना. इस चुनाव में लड़ाई बैकवर्ड-फ़ारवर्ड के बीच है.”

लालू ने बयान अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव के निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर में दिया था.

वैशाली ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले में उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई.

बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान 12

3. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लालू को ‘चारा चोर’ कहा.

उन्होंने कहा, “जिस बिहार को संपूर्ण क्रांति के नायक जयप्रकाश नारायण, पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, चाणक्य और चंद्रगुप्त के नाम से जानने की परंपरा रही है, आज वह चारा चोर लालू के नाम से जाना जाता है.”

30 सितंबर को बेगूसराय के सिंघौल में आयोजित सभा के उनके बयान पर उनके ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज हुई.

बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान 13

4. लालू ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “हिंदू बीफ़ नहीं खाते क्या? जो बाहर जाते हैं बीफ़ खा रहे हैं कि नहीं? जो मांस खाते हैं उसके लिए गाय और बकरे के मांस में क्या फर्क है.”

बयान को लेकर भाजपा नेताओं ने उनपर हमला बोल दिया. लालू ने सफ़ाई दी कि बीफ़ का मतलब गोमांस नहीं होता है.

बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान 14

5. अकबरुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज की एक सभा में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी गुजरात दंगों के दोषी हैं. नरेंद्र मोदी शैतान हैं, दरिंदा हैं.”

एआईएमआईएम नेता ने ये बयान 4 अक्टूबर को दी.

उनके ख़िलाफ़ मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई.

6. लालू प्रसाद यादव ने 30 सितम्बर को ट्वीट किया, ‘‘एक नरभक्षी और तड़ीपार बिहार को सदाचार न सिखाए. पहले स्वयं के कुकर्म और ख़ुद पर लगी सारी जघन्य धाराओं के बार में चिल्ला चिल्ला कर लोगों को बताए.”

बाद में लगभग ऐसी ही बातें उन्होंने कई सभाओं में दोहराई हैं. उनके ख़िलाफ़ पटना और जमुई में दो अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज कराई गई.

बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान 15

7. नरेंद्र मोदी ने 8 अक्टूबर को हुई चुनावी सभाओं में लालू को निशाने पर लेते हुए कहा था, ‘‘वह क्या-क्या खाने की बात कह रहे हैं? लालू ने यदुवंशियों को गाली दी है, उनका अपमान किया है. वह कह रहे हैं कि शैतान उनके अंदर घुस गया था. मैं पूछता हूं कि शैतान को पूरी दुनिया में सिर्फ उनका पता कैसे मिल गया?”

दूसरे दिन राष्ट्रीय जनता दल ने नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई.

8. लालू प्रसाद यादव ने एक बयान में कहा, ‘‘मुझे शैतान कहने वाला खुद ब्रह्मपिशाच है. हम पिशाच का इलाज जानते हैं.’’

सबसे पहले लालू यादव ने एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रह्मपिशाच कहा था.

बिहार चुनाव: 10 सबसे भड़काऊ बयान 16

9. अमित शाह ने 10 अक्टूबर को नवादा की रैली में कहा, "एनडीए को जिताने के लिए ऐसे बटन दबाएं कि इटली तक करंट जाए.”

इस बयान को उन्होंने बाद में भी कई सभाओं में दोहराया.

10. केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने 13 अक्टूबर को मुज़फ्फ़रपुर में कहा था, “जिस तरह मच्छर भगाने के लिए कूड़े-कचरे में आग लगाई जाती है, उसी तरह वोट के आग से बिहार के कूड़े-कचे को जलाओ, जिससे मच्छर (लालू प्रसाद और नीतीष कुमार) भाग जाएं.”

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)

Next Article

Exit mobile version