डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को श्री अकाल तख्त से पहले माफ़ी दिए जाने पर और फिर यू टर्न लेकर माफ़ी को वापिस लेने के बाद शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में भी इसे लेकर घमासान शुरू हो चुका है.
गुरुवार को चंडीगढ़ में एसजीपीसी प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ की अगुवाई में हुई बैठक में एसजीपीसी कार्यकारणी के 15 सदस्यों में से 14 सदस्यों ने हिस्सा लिया.
हालांकि बैठक के एजेंडे में पाँच प्यारों को निलंबित करने का मामला ही शामिल था.
लेकिन सूत्रों के मुताबिक बैठक में पंजाब के मौजूदा हालात के बारे में भी चर्चा की गई.
सिरसा के डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के माफ़ीनामे के मामले से नाराज़ पंज प्यारों ने सिखों के पांचों तख्तों के प्रमुख जत्थेदारों को 23 अक्तूबर को तलब किया था हालांकि इस ऐलान के बाद उन्हें निलंबित कर दिया था.
बीबीसी से बात करते हुए शिरोमणि कमेटी के महासचिव सुखदेव सिंह भौर ने बताया के सभी सदस्यों ने अवतार सिंह मक्कड़ को पंज प्यारों के बारे में कोई भी फ़ैसला लेने का अधिकार दे दिया है.
लेकिन उन्होंने यह भी कहा, "अगर सिख संगत को मक्कड़ का फ़ैसला मंज़ूर होगा तो हम भी इस फैसले को मान लेंगे नहीं तो जो संगत कहेंगे हम भी वही मानेंगे. "
भौर ने यह भी मांग की इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि सरकार पंजाब में हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में किसी निर्दोष को सज़ा न दे.
उधर चंडीगढ़ में एसजीपीसी के प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ के विरोध में सिमरनजीत सिंह मान के गुट शिरोमिनी अकाली दल अमृतसर के कुछ कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लेकर प्रदर्शन किया.
वह मांग कर रहे हैं कि हटाए गए पांच प्यारों को बहाल किया जाए और बादल सरकार द्वारा की जा रही पंजाब में शान्ति बहाली की कार्रवाई को बन्द किया जाए.
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