कश्मीर मुद्दे पर शरीफ तीसरे पक्ष की मध्‍यस्‍था के इच्छुक

वॉशिंगटन : कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच ‘तनाव का मुख्य कारण’ बताते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि इसके समाधान के लिए और भारत पाक वार्ता प्रक्रिया में गतिरोध दूर करने के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरुरत है. शरीफ ने कल यहां अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2015 12:45 PM

वॉशिंगटन : कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच ‘तनाव का मुख्य कारण’ बताते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि इसके समाधान के लिए और भारत पाक वार्ता प्रक्रिया में गतिरोध दूर करने के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरुरत है. शरीफ ने कल यहां अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा ‘(वर्तमान में) कश्मीर मुद्दे के हल पर (भारत और पाकिस्तान के बीच) कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं हो रही. इस परिदृश्य में इस पर मध्यस्थता के लिए तीसरे पक्ष की जरुरत है. अगर भारत तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार नहीं करता, अगर कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होती तो गतिरोध बना रहेगा.’

एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा ‘इस गतिरोध को दूर करने की जरुरत है.’ उर्दू में बोल रहे शरीफ ने कहा कि उन्होंने ओबामा सहित अमेरिकी नेतृत्व के साथ अपनी सभी बैठकों में कश्मीर का मुद्दा उठाया है. शरीफ ने कहा ‘संयुक्त बयान में भी इसका (कश्मीर का) जिक्र हुआ था. उन्होंने यह भी कहा कि सभी ने यह माना है कि कश्मीर ‘तनाव का मुख्य कारण’ है और इसके समाधान की जरुरत है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के अनुसार, उन्होंने ओबामा को कश्मीर में शांति के लिए अपनी पहल के बारे में बताया.

उन्होंने कहा ‘दुर्भाग्यवश, पाकिस्तान को उसकी शांति पहल पर भारत से अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिली.’ उन्होंने कहा कि ओबामा ने बैठक में सहमति जतायी कि कश्मीर मुद्दे का हल किया जाना चाहिए. कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सभी प्रमुख मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए. भारत पाकिस्तान संबंधों के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में शरीफ ने बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत गये थे.

उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने नरेंद्र मोदी को शांति प्रक्रिया को वहीं से बहाल करने का प्रस्ताव दिया जहां से उन्होंने और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में लाहौर में उसे छोडा था. शरीफ ने कहा कि उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि दोनों नेताओं को बातचीत करनी चाहिए और दोनों देशों के बीच चल रहे मुद्दों को हल करना चाहिए. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा ‘वह बातचीत के लिए सहमत हो गये और फिर अचानक ही विदेश सचिव स्तरीय बातचीत एकपक्षीय तरीके से रद्द कर दी गयी.’

शरीफ ने कहा ‘अगर उन्होंने मुझसे बात की होती तो चीजें कुछ और हो सकती थीं. लेकिन उन्होंने मुझे सलाह मशवरा किये बिना ही ऐसा फैसला कर लिया.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में भारत की कथित गतिविधियों के बारे में कल विदेश मंत्री जॉन केरी को तीन डोजियर सौंपे गये. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिकी नेताओं के साथ बातचीत में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.

उन्होंने आरोप लगाया कि संघर्ष विराम का न केवल नियंत्रण रेखा पर क्रूरतापूर्वक उल्लंघन किया जा रहा है बल्कि वास्तविक सीमा पर भी ऐसा हो रहा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह तय करने के लिए एक व्यवस्था स्थापित करने पर जोर दिया कि कौन पहले संघर्षविराम उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि संघर्षविराम उल्लंघन करने वाले को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. शरीफ ने कहा कि कि उनका देश अपने पडोसियों के साथ संबंध सुधारना चाहता है.

एक सवाल के जवाब में शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा ‘आतंकवाद के सभी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करना हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है. यह हमारी राष्ट्रीय कार्य योजना का हिस्सा है.’ शरीफ ने कहा ‘हम जानते हैं कि हमारे राष्ट्रीय हित क्या हैं.’ संवाददाताओं ने उनसे पूछा था कि क्या वह लश्कर ए तैयबा के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पूरी करेंगे.

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