नीतीश-लालू ने दलितों के आंसुओं का भी कर दिया राजनीतिकरण : सुमो
पटना : हरियाणा में दलित बच्चों को जिंदा जला दिये जाने की घटना को लेकर बिहार में सियासी पारा चढ़ने लगा हैं. बिहार चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रचार अभियान में जुटे महागंठबंधन एवं एनडीए के प्रमुख नेता इस मामले पर एक-दूसरे को घेरने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते […]
पटना : हरियाणा में दलित बच्चों को जिंदा जला दिये जाने की घटना को लेकर बिहार में सियासी पारा चढ़ने लगा हैं. बिहार चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रचार अभियान में जुटे महागंठबंधन एवं एनडीए के प्रमुख नेता इस मामले पर एक-दूसरे को घेरने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री एवं महागंठबंधन के नेता नीतीश कुमार ने जहां इस मामले को लेकर आज मुजफ्फरपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भाजपा पर जमकर हमला बोला. वहीं, भाजपा नेता एवं सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस मसले पर ट्वीट कर नीतीश कुमार एवं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि महागंठबंधन के इन दोनों प्रमुख नेताओं ने दलितों के आंसुओं का भी राजनीतिकरण कर दिया हैं.
3/1…दूसरे राज्य की हर घटना पर इनकी संवेदना छलकने लगती है। इन लोगों ने आंसुओं का भी राजनीतिकरण कर दिया है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 23, 2015
2/1…नीतीश कुमार और लालू प्रसाद का दलित प्रेम नहीं जगता। वे न पीड़तों को न्याय दिलाते हैं, न उनके आंसू पोछने जाते हैं।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 23, 2015
सासाराम में दलित लड़कियों से गैंगरेप हुआ हो या लखीसराय में दो दिन पहले मामूली बात पर दलित की हत्या की गई , 1/1…
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 23, 2015
सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि सासाराम में दलित लड़कियों से गैंगरेप हुआ हो या लखीसराय में दो दिन पहले मामूली बात पर दलित की हत्या की गयी हो. इन दोनों घटनाओं को लेकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद का दलित प्रेम नहीं जगा. सुशील मोदी ने आगे कहा कि वे न पीड़तों को न्याय दिलाते हैं, न उनके आंसू पोछने जाते हैं. दूसरे राज्य की हर घटना पर इनकी संवेदना छलकने लगती है. उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं ने आंसुओं का भी राजनीतिकरण कर दिया है.
सुशील मोदी ने अगले ट्वीट में आरक्षण के मामले को लेकर महागंठबंधन पर निशाना साधा और कहा कि लालू-नीतीश के 25 साल के राज में बिहार की 4500 पंचायतों में हाईस्कूल नहीं बन सके. एक तरफ शिक्षकों के लाखों पद खाली हैं, तो दूसरी तरफ टीईटी-पास अभ्यिर्थयों को नियुक्ति नहीं मिल रही है. लाखों विद्यार्थी मैट्रिक परीक्षा में नकल करते हैं. शिक्षा मंत्री नकल के समर्थन में बयान देते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार गरीब के बच्चों को आरक्षण का लाभ लेने लायक शिक्षा भी नहीं दे पायी. लेकिन दोनों भाई आरक्षण पर भ्रम फैलाने में लगे हैं.
गौर हो कि आज एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा वाले कहते हैं कि बिहार में जंगल राज है, तो वे बतायें कि हरियाणा में जहां उनकी सरकार है, वहां दलित बच्चों को जिंदा जलाकर मार दिया गया, क्या वहां मंगलराज है.