मालदा : दो-एक दिनों के तूफान व बारिश में आमों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है. जिससे मालदा के आम किसान चिंता में पड़ गये हैं. किसानों का कहना है कि सरकार व उद्यान पालन दफ्तर आम किसानों को लेकर कुछ सोच नहीं रहा है.
जबकि उद्यान पालन दफ्तर द्वारा आवंटित रुपये से लाखों रुपये खर्च कर जिले में रवींद्र जयंती उत्सव का पालन किया जा रहा है. आम किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिल रहा है. सरकार अगर धान की तरह आम भी किसानों से खरीद लेती तो किसानों की समस्या दूर हो जाती.
मालदा जिला आम व्यवसायी समिति के सचिव सुवोध मिश्र ने कहा कि आम किसानों को कभी भी क्षतिपूर्ति नहीं मिलती है. अगर उद्यान पालन दफ्तर रवींद्र जयंती के बदले किसानों की आर्थिक मदद करता तो किसानों का उत्साह और बढ़ जाता. जिले के दो मंत्रियों का कहना है कि मालदा का आम दिल्ली, कोलकाता में भेजा जायेगा. जिले से बहुत ज्यादा होने पर पांच से 10 टन आम निर्यात होगा.
लेकिन मालदा जिले में जितना आमों का उत्पादन होता है, उस हिसाब से सामान्य आम निर्यात कर कोई खास फायदा नहीं होगा. माकपा दल के विधायक व अखिल भारत कृषक सभा के जिला नेता खगेन मुमरू ने कहा कि तृणमूल सरकार उत्सव के सरकार में परिणत हो गया है.
किसानों को दिन में दो बार पेट भर खाना तक नसीब नहीं हो रहा है. किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं. दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस की नेत्री व मंत्री सावित्री मित्र ने कहा कि माकपा का आरोप बेबुनियाद है.