हताशा में पीएम के वादों पर उठा रहे सवाल : मोदी

पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता से किया अपना वादा तो याद नहीं रहा संभावित चुनावी हार की हताशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादों पर सवाल उठा रहे हैं. बिहार विधान सभा चुनाव में केंद्र सरकार को नहीं, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2015 2:07 AM

पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की जनता से किया अपना वादा तो याद नहीं रहा संभावित चुनावी हार की हताशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादों पर सवाल उठा रहे हैं. बिहार विधान सभा चुनाव में केंद्र सरकार को नहीं, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद को अपने 25 वर्षों का जवाब देना है.

बिहार से किए अपने वादे को पूरा करने के लिए 1.65 लाख करोड़ का पैकेज देने वाले नरेन्द्र मोदी तो 2019 में जनता को जवाब देंगे. नीतीश कुमार बतायें कि घर–घर बिजली पहुंचाने के वादे का क्या हुआ? शहरों में 24 घंटे और गांवों में 48 घंटे के भीतर जले हुए ट्रांसफॉर्मर बदलने का क्या हुआ? हर गांव को पक्की सड़क से जोड़ने, गरीबों को 5 डिसमिल जमीन देने,नया प्रखंड और अनुमंडल के गठन के वादे क्यों नहीं पूरे हुए. हर पंचायत में इंटर कॉलेज और अनुमंडल में डिग्री कॉलेज खोलने के वादे हवा–हवाई क्यों साबित हुए.

भ्रष्टाचारियों की सम्पति जब्त कर स्कूल खोलने का अभियान ठप्प क्यों हो गया. अपराधियों पर अंकुश लगाने व पाताल से भी ढूंढ निकालने के वादे का क्या हुआ? सरकारी अस्पतालों में दवा क्यों नदारद है और पिछले एक साल से दवा की खरीद क्यों बंद है. नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार न आने से परेशान थे और अब उनके आने से परेशान है. तत्कालीन पीएम डा. मनमोहन सिंह सात साल में सिर्फ 20 मिनट के लिए बिहार आए.

बिहार की इस उपेक्षा के बावजूद नीतीश कुमार ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया. अब वे 15 महीने में 7 बार बिहार आने वाले नरेंद्रर मोदी पर उपेक्षा का आरोप मढ़ रहे हैं। इटली में जन्मी सोनिया गांधी भीतरी और बापू की जन्मभूमि गुजरात में पैदा हुए नरेन्द्र मोदी बाहरी कैसे हो गए? शरद यादव और पवन वर्मा बाहरी है कि भीतरी? बिहार का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी खांटी कोई बिहारी बनेगा मगर वह भाजपा का बिहारी होगा.

दो दौर में दावे हवा, बाकी बचा है सिर्फ दिखावा
पटना. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा है कि राजद प्रमुख और मुख्यमंत्री हवाई दावे करते रह गए और जनता ने इनकी हवा निकाल दी. अगले चरणों के मतदान में भी यही होगा और ये लोग इसी तरह छाती पीटते रह जाएंगे. श्री यादव ने पूछा कि आखिर ये लोग कैसा चुनाव प्रचार कर रहे हैं? राजद प्रमुख कहते हैं कि अगड़ों–पिछड़ों की लड़ाई है तो नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहारी और बाहरी की लड़ाई है. इन्हें अभी तक ये भी नहीं समझ आया कि ये लड़ाई विकास बनाम विनाश की लड़ाई है. भाजपा के नेतृत्व में एनडीए बिहार के विकास की लड़ाई लड़ रहा है, जबकि जदयू–राजद–कांग्रेस गठबंधन अपने 60 साल के विनाशतंत्र को और फैलाना चाहता है.

श्री यादव ने कहा कि राजद प्रमुख और सीएम हताशा में मर्यादा भी भूल गए हैं. ये कहते हैं कि इसको भगा देंगे, उसको भगा देंगे, भालू से फुंकवा देंगे, कनफुंकवा है, ये क्या भाषा है? दोनों में से एक भी विकास पर न बात करते हैं, न कोई सोच है. जनहित से तो कभी कोई लेना–देना रहा ही नहीं है.

श्री यादव ने कहा कि राजद–जदयू–कांग्रेस को इस बात से पेट दर्द होता है कि प्रधानमंत्री बिहार क्यों आते हैं? पीएम ने चार रैलियां की और चारों रैलियों में जबर्दस्त भीड़ उमड़ी. जनता ये संदेश दे रही है कि परिवर्तन होकर रहेगा और नमो के प्रति जनता का यही अपार समर्थन देखकर जदयू–राजद की बेचौनी बढ़ जाती है. बिहार के विकास के लिए क्यों केंद्रीय मंत्री कदम उठा रहे हैं. पीएम ने क्यों बिहार के विकास के लिए सवा लाख करोड़ का विशेष पैकेज दे दिया. सिर्फ नकारात्मक सोच और राजनीति कर रहे हैं. जिस कांग्रेस को जनता ने हर जगह से भगा दिया, वो भी राजद–जदयू के साथ मिलकर मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रही है. बिहार के फैसले का इंतजार करें, पता चल जाएगा कि जनता किसे भगाना चाहती है और किसे दिल में बसाना चाहती है.

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