अब तो डॉलर पीएम की उम्र के ऊपर, चुप क्यों : चौधरी

पटना. जल संसाधन व सूचना जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने महंगाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कभी रुपये के अवमून्यन पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक डॉलर का मूल्य तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की उम्र से ज्यादा हो गयी थी, लेकिन आज रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2015 2:07 AM

पटना. जल संसाधन व सूचना जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने महंगाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कभी रुपये के अवमून्यन पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक डॉलर का मूल्य तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की उम्र से ज्यादा हो गयी थी, लेकिन आज रुपये में मूल्य गिरावट यहां तक पहुंची कि एक डॉलर की कीमत रुपये में प्रधानमंत्री की उम्र से भी ज्यादा हो गयी है.

अब इस दुखद सत्य पर प्रधानमंत्री या उनके बड़बोले केंद्रीय मंत्रिगण चुप क्यों है? बिहार की जनता जानना चाहती है. उन्होंने कहा कि महंगाई पर नियंत्रण सौ दिनों के अन्दर करने की गर्जना कर केन्द्र में सत्तासीन हुए प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी इस मोरचे पर विफल होने के कारण मिमियाने लगे हैं. बिहार के लोग भूले नहीं है कि प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव के समय महंगाई पर सरकार बनते ही नियंत्रण करने का वादा किया था और आज महंगाई रुकने या घटने के बजाय केन्द्रीय मंत्रिगण तरह–तरह के बहानेबाजी और कुतर्कों का सहारा ले रहे हैं. विजय चौधरी ने कहा कि आज दाल का भाव बेलगाम महंगाई का प्रतीक बन गया है. दवा की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. घरेलू आवश्यकता की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. गरीब और मध्यम वर्ग बढ़ती महंगाई में पीसकर कराह रहा है, लेकिन केन्द्र सरकार बेफिक्र है. इसके साथ भी अगर हम आर्थिक स्थिति के दूसरे पहलुओं पर गौर करें तो केन्द्र सरकार की विफलताएं और उजागर होती है.

दुनिया जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर सबसे अधिक दबाव पेट्रोलियम पदार्थ के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों का पड़ता है. केन्द्र में एनडीए सरकार बनने के बाद से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में 60 प्रतिशत की गिरावट आयी है, लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदाथों के दामों में लगातार गिरावट का परिणामी असर भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर केन्द्र सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण नहीं हो पा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 56 इंच के सीने वाली हिम्मत के साथ अपनी विफलता स्वीकारनी चाहिए और महंगाई रोकने के लिए कारगर कदम उठाना चाहिए. वैसे बिहार की जनता इनकी विफलता से वाफिक है और इन्हें इस चुनाव में सबक सिखायेगी.

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