कैसे विदा करेंगे बेटी की बारात
आसनसोल : सारदा कंपनी में 15 माह के लिए तीन एकाउंट खुलवाने वाले धादका रोड निवासी राधेश्याम वर्मा ने 40 हजार रुपये जमा कराये गये थे. लेकिन कंपनी के कार्यालयों पर ताला लगने के बाद उनके परिवार की चिंता की लकीरें बढ़ गयी है. 29 मई को उनकी बेटी के विवाह की तिथि भी तय […]
आसनसोल : सारदा कंपनी में 15 माह के लिए तीन एकाउंट खुलवाने वाले धादका रोड निवासी राधेश्याम वर्मा ने 40 हजार रुपये जमा कराये गये थे. लेकिन कंपनी के कार्यालयों पर ताला लगने के बाद उनके परिवार की चिंता की लकीरें बढ़ गयी है.
29 मई को उनकी बेटी के विवाह की तिथि भी तय हो चुकी है. वह घर के पास ही सड़क किनारे चाय की दुकान चलाते है. श्री वर्मा ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा व एक बेटी है. परिवार के आय का स्नेत एकमात्र चाय की दुकान है.
कंपनी के दो एजेंटों के पास उन्होंने 15 माह का रेकरिंग डिपोजिट कराया था. बेटी के विवाह की खातिर दिनभर की कमाई का कुछ हिस्सा एजेंटों के पास जमा करते थे. ताकि बेटी के विवाह में यह काफी उपयोगी हो. आवास के पास ही कंपनी का कार्यालय होने व एजेंटों द्वारा बार- बार विश्वास दिलाये जाने पर वे आश्वास्त थे कि उनकी जमा पूंजी ब्याज समेत मिलेगी. उन्होंने छह सौ रुपये प्रति माह, एक हजार रुपये प्रति माह और 50 रुपये दैनिक राशि के रूप में तीन एकाउंट खुलवाये.
वे तय समय में राशि एजेंटों को देते थे. इस स्कीम के लिए 13 माह की अवधि समाप्त हो चुकी थी. मई- जून माह में इसकी अवधि पूरी होनी थी. तय समय में राशि मिलने पर पुत्री के विवाह में यह काफी काम आता. लेकिन कंपनी के कार्यालयों में ताला बंदी से उनलोगों में चिंता बढ़ गयी है.