निगम के टेंडर कमेटी चेयरमैन ने दिया इस्तीफा
आसनसोल: आसनसोल नगर निगम में बदलते बिगड़ते राजनीतिक समीकरण के बीच कांग्रेस पार्षद व निगम टेंडर कमेटी के चेयरमैन शिवदास चटर्जी ने गुरुवार को चेयमैन पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इसका मुख्य कारण निगम की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति बता या . मेयर तापस बनर्जी ने क हा कि इस्तीफा मिला है. मंजूर करने से […]
आसनसोल: आसनसोल नगर निगम में बदलते बिगड़ते राजनीतिक समीकरण के बीच कांग्रेस पार्षद व निगम टेंडर कमेटी के चेयरमैन शिवदास चटर्जी ने गुरुवार को चेयमैन पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इसका मुख्य कारण निगम की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति बता या . मेयर तापस बनर्जी ने क हा कि इस्तीफा मिला है.
मंजूर करने से पहले उनकी कोशिश श्री चटर्जी से बात करने की होगी. लेकिन वे यदि अपने इस्तीफा पर अड़े रहे तो उसे स्वीकार करना विवशता होगी. निगम के टेंडर कमेटी के चेयरमैन श्री चटर्जी ने कहा कि उन्होंने चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन उन्होंने इसका मुख्य कारण नहीं बताया. उन्होंने कहा कि समय आ ने पर वे इसका कारण भी सार्वजनिक कर देंगे. फिलहाल वे निगम की मौजूदा राजनीतिक कारणों से परेशान होकर इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने इसके अन्य पहलूओं पर भी प्रकाश ड़ालने से इंकार कर दिया.
क्या है निगम की स्थिति
श्री चटर्जी के इस्तीफे को लेकर निगम कार्यालय परिसर में दिनभर चर्चा होती रही. मुख्य कारण समझ में नहीं आने के कारण कई मुद्दों को आधार माना जाता रहा. कुछ कर्मियों का कहना था कि निगम में सभी कार्य टेंडर के माध्यम से नहीं हो रहे थे. सत्तासीन पार्टियों के पार्षद व मेयर परिषद सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में अपने मन से कार्य करा रहे थे.
लेकिन उन्हें मुख्य रुप से स्पष्टीकरण देना पड़ रहा था. इससे परेशान होकर उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया. कुछ अन्य का कहना है कि निगम में राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज चल रही हैं. कांग्रेस पार्षद व मेयर परिषद सदस्य गुलाम सरवर के अधिकारों में लगातार कटौती हो रही है. हाल में पार्टी सांसदों ने अलग से बैठक की थी तथा मेयर श्री बनर्जी पर कांग्रेस पार्षदों की उपेक्षा का आरोप लगा था. बात निगम बोर्ड से अलग होने तक पहुंची थी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्या से निर्देश भी मांगा गया था. हो सकता है कि टेंडर कमेटी के चेयरमैन पद से इस्तीफा इसी का परिणाम हो.
निगमायुक्त भी हैं सक्रिय
कुछ जानकारों का कहना है कि निगम आयुक्त का प्रभार लेने के बाद महकमाशासक शिल्पा गौरीसरिया ने टेंडर संबंधित कार्र्यो की क ड़ाई से जांच शुरू की है. उन्होंने विकास कार्यो से संबंधित कई फाइलों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है. कई स्थानों के निरीक्षण का भी निर्णय लिया है. हाल में उन्होंने ई-टेंडर के बारे में भी निर्देश जारी किया है. राज्य सरकार के सचिव एचके त्रिवेदी के पत्र का उन्होंने हवाला देते हुये कहा हैं कि 50 लाख रुपये से अधिक राशि के विकास कार्य के लिए इ-टेंडर जारी करना होगा. उन्होंने कहा है कि जिन क्षेत्रों में इससे कम राशि के कार्यो का इ-टेंडर जारी होता रहा है, वहां भी इ-टेंडर जारी करना होगा. निगम में अब तक इ-टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. निगमायुक्त ने इसकी शुरूआत करने का निर्देश दिया है. माना जा रहा है कि इस्तीफे का एक कारण यह भी हो सकता है.
मेयर करेंगे बातचीत
मेयर श्री बनर्जी ने कहा कि श्री चटर्जी का इस्तीफा मिल गया है. इसपर वे विचा र कर रहे हैं. लेकिन अंतिम निर्णय लेने से पहले वे इस संबंध में श्री चटर्जी से बातचीत करेंगे, ताकि वे अपना इस्तीफा वापस ले लें. उन्होंने कहा कि उन्हें इस्तीफा का कारण पता नहीं है. लेकिन यदि वे अपने इस्तीफे पर अड़े रहेंगे तो इस्तीफा मंजूर करना विवशता होगी.
जानकारों की राय
निगम के जानकारों ने बताया कि आमतौर पर टेंडर कमेटी के चेयरमैन का नियुक्ति निगम बोर्ड की बैठक में हुई है. इसलिए यदि चेयरमैन को इस्तीफा देना होगा तो उन्हें निगम चेयरमैन जितेंद्र तिवारी को इस्तीफा सौंपना चाहिए था. श्री तिवारी ने कहा कि उन्हें इस्ताफी पत्र नहीं मिला है और न उन्हें इसकी कोई जानकारी है.