बैंकॉक के अस्पताल से भाग गया था राजन

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एमएन सिंह ने कहा है कि छोटा राजन के प्रत्यर्पण तक वह उत्साहित नहीं हैं. यदि वह प्रत्यर्पित होता भी है, तो वह बहुत बूढ़ा, बीमार हो गया है और अपने गिरोह के साथ सक्रिय भी नहीं रहा. सिंह ने कहा, ‘राजन को वर्ष 2000 में गोली लगी थी. वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2015 7:53 AM

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर एमएन सिंह ने कहा है कि छोटा राजन के प्रत्यर्पण तक वह उत्साहित नहीं हैं. यदि वह प्रत्यर्पित होता भी है, तो वह बहुत बूढ़ा, बीमार हो गया है और अपने गिरोह के साथ सक्रिय भी नहीं रहा. सिंह ने कहा, ‘राजन को वर्ष 2000 में गोली लगी थी. वह अस्पताल में था. मैं तब महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री छगन भुजबल तथा अतिरिक्त गृह सचिव के साथ विदेश मंत्री जसवंत सिंह से मिला था. उनसे अपराध शाखा की एक टीम बैंकाॅक भेजने का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया. मैंने क्राइम ब्रांच के तीन निरीक्षकों को वहां भेजा, ताकि राजन को गिरफ्तार कर प्रत्यर्पित किया जा सके. लेकिन एक दिन अचानक खबर आयी कि राजन अस्पताल से भाग गया है, जो स्थानीय पुलिस के सहयोग के बगैर असंभव था.’

कौन हुआ गिरफ्तार : छोटा राजन या सायनाइड मोहन!
छोटा राजन की गिरफ्तारी के बाद तक उसकी पचान को लेकर गफलत बनी रही. भारत ने आधिकारिक तौर पर छोटा राजन की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की, तो खबर चल पड़ी कि गिरफ्तार शख्स सीरियल किलर ‘सायनाइड मोहन’ है. वर्ष 2003 से 2009 के बीच बड़ी संख्या में महिलाओं को सायनाइड देकर मारनेवाले मोहन कुमार को सायनाइड मोहन के नाम से जाना जाता है. हालांकि, बाद में सीबीआइ, रॉ और गृह मंत्रालय ने भी पुष्टि की कि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति छोटा राजन ही है.
कौन है छोटा राजन?
असल नाम : राजेंद्र सदाशिव निखलजे
जन्म तिथि : पांच दिसंबर, 1959
जन्म स्थान : मुंबई (चेंबूर के तिलक नगर में बीता बचपन)
पिता : सदाशिव निकलजे मिल में मजदूर थे
माता : लक्ष्मीबाई सदाशिव निकलजे
भाई : दीपक निकलजे
पत्नी : सुजाता निकलजे
बच्चे : खुशी, अंकिता, निकिता
अपराध जगत में प्रवेश : राजन नायर उर्फ बड़ा राजन की सरपरस्ती में शहकार सिनेमा हॉल के बाहर टिकट ब्लैक करने के साथ-साथ बड़ा राजन के लिए गुंडागर्दी करते हुए
– 55 साल का राजन दो दशक से भारत से बाहर है. 1995 में इंटरपोल ने मोस्ट वांटेड घोषित किया
– 1993 तक दाऊद के साथ काम करने के बाद अलग गैंग बनाया

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