आसनसोल: सात साल की स्कूली छात्र के साथ बलात्कार व हत्या तथा आर्म्स एक्ट के आरोपी सुकांत सरकार उर्फ रावण ने गुरुवार को आसनसोल कोर्ट के लॉकअप के शौचालय में खुद को आग लगा ली. उसे गंभीर हालत में बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया गया है. वह 80 फीसदी जल चुका है.
उसे न्यायिक हिरासत से आर्म्स एक्ट के मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट लाया गया था. जेल से कोर्ट आने तक उसे केरोसिन व माचिस कहां से मिली, इसकी जांच की जिम्मेदारी पुलिस आयुक्त अजय नंद ने अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) सुरेश कुमार को सौंपा है. उन्होंने कहा कि दोषी पाये गये पुलिसकर्मियों के खिलाफ क ड़ी कार्रवाई की जायेगी.
पुलिस के अनुसार, रावण न्यायिक हिरासत में है. प्रात: कालीन कोर्ट में जीआर कांड संख्या 1676/2013 की सुनवाई के लिए उसे गुरुवार को आसनसोल कोर्ट में पुलिस वाहन से अन्य बंदियों के साथ लाया गया. न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय कोर्ट में आर्म्स एक्ट मामले की सुनवाई थी. उसे कोर्ट के पुलिस हाजत में रखा गया. वह नाइलन की गंजी और लुंगी पहने हुए था. लॉकअप के बाथरूम में जाकर उसने पहले अपने शरीर पर केरोसिन उड़ेला और माचिस से आग लगा ली. आग की तपिश से वह चिल्लाने लगा. अन्य बंदियों व पुलिस कर्मियों के पहुंचने तक वह छाती से लेकर नाभि तक 80 फीसदी जल चुका था .
उसे तत्काल आसनसोल जिला अस्पताल ले जाया गया . अस्पताल के अधीक्षक डॉ निखिल चंद्र दास ने बताया कि उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया. इस घटना के बाद कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया. सूचना पा कर पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) शीश राम झाझरिया और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) श्री कुमार ने आसनसोल कोर्ट लॉकअप का निरीक्षण किया और कोर्ट इंस्पेक्टर से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली.
पुलिस आयुक्त श्री नंद ने कहा कि इस मामले में पुलिस की लापरवाही की जांच की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) श्री कुमार को सौंपी गयी है. शुक्रवार तक रिपोर्ट मिल जायेगी. दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ क ड़ी कार्रवाई की जायेगी. अभियुक्त गांजा केस मामले में बर्दवान जेल जा चुका था. उसके खिलाफ आसनसोल कोर्ट में तीन मामले चल रहे हैं.
उठ रहे सवाल : रावण के खुद को आग लगा लेने के बाद पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं. जेल से सीधे कोर्ट आये कैदी को केरोसिन व माचिस का मिलना लापरवाही की हद है. पुलिस का मानना है कि उसने जेल से ही केरोसिन व माचिस की व्यवस्था कर ली थी. तब सवाल उठता है कि उसने कोर्ट तक आने का इंतजार क्यों किया? वह चाहता तो जेल के बाथरूम में ही आत्मदाह की कोशिश कर सकता था.
बलात्कार व हत्या का आरोपी
आठ अगस्त, 2012 को नवोघांटी निवासी सात साल की स्कूली छात्र के साथ दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. रावण ने कई बार अपने को बेकसूर बताया था. छात्र के परिजनों ने भी उसे आरोपी मानने से इनकार किया था. पुलिस से साक्ष्य मांगा था. रावण ने न्यायिक हिरासत के दौरान जेल में दो बार अनशन करते हुए कहा था कि वह निर्दोष है.