पार्टी एक्शन लेगी तो उफ न करूंगा, आंसू पी लूंगा : शत्रुघ्न सिन्हा
नयी दिल्ली / पटना : बिहार बीजेपी नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के तेवर में पार्टी के प्रति कोई नरमी नहीं आयी है. सांसद ने इंडिया न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ को दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि बिहार में नीतीश-लालू की सरकार बनने के बाद जंगलराज पार्ट-2 नहीं आएगा. सिन्हा ने पार्टी को सलाह भी […]
नयी दिल्ली / पटना : बिहार बीजेपी नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के तेवर में पार्टी के प्रति कोई नरमी नहीं आयी है. सांसद ने इंडिया न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ को दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि बिहार में नीतीश-लालू की सरकार बनने के बाद जंगलराज पार्ट-2 नहीं आएगा. सिन्हा ने पार्टी को सलाह भी दी है कि उन्हें जंगलराज की जगह मुद्दों पर बात करनी चाहिए.
बिहारी बाबू ने चैनल की ओर से आयोजित संवाद कार्यक्रम में कहा कि बिहार में महागंठबंधन पार्टी के लिए एक महाचैलेंज था जिसे चाहने पर महाअवसर में बदला जा सकता था. बिहारी बाबू ने कहा कि वो जब बिहार जाते हैं तो बिहार के कुछ स्थानीय नेताओं में घबराहट होने लगती है. और वही लोग उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं.
सिन्हा ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी बिहार के उन नेताओं की होगी जिनलोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी को राज्य के चुनाव में ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया है. सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री को देश का सारा कामकाज छुड़ाकर यह लोकल नेता उन्हें हर जगह ले जा रहे हैं जिसकी वजह से यह लड़ाई प्रधानमंत्री और नीतीश के बीच की हो गयी है. उन्होंने कहा कि पार्टी हारी तो इसकी जिम्मेदारी लोकल नेताओं पर पड़ेगी और इमेज पर भी असर होगा.
सिन्हा ने कहा कि सामूहिक नेतृत्व हमेशा बेहतर होता है. सिन्हा ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि बिहार चुनाव मसले पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की कोशिश की थी लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी और अमित शाह से भी मुलाकात नहीं हो सकी.
सिन्हा ने कहा कि एनडीए को बिहार का सीएम कैंडिडेट घोषित करना चाहिए था. बिहारी बाबू ने कहा कि बिहार अन्य राज्य नहीं यह एक राजनीतिक सजग जगह है. सिन्हा ने कहा कि मैं चुनाव की घड़ी में कुछ कहूंगा तो एंटी पार्टी वाला मामला हो जाएगा. उन्होंने बीजेपी के लिए दुआ भी मांगी. चुनाव बाद अपने खिलाफ कार्रवाई की आशंका पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्हें तसल्ली है कि ऐसी बात उन्हें अभी-तक किसी जिम्मेदार आदमी के जरिए नहीं सुनाई पड़ी है. अगर कार्रवाई होती है तो चुप रहेंगे, उफ न करेंगे, लब सिल लेंगे और आंसू पी लूंगा क्योंकि वो बीजेपी में नो डिमांड, नो कमांड, नो कम्प्लेंट्स और नो एक्सपेक्टेशन के साथ हैं.
सिन्हा ने कहा कि हो सकता है मुझे आडवाणी जी के करीबी होने का नुकसान हो रहा हो ,पीएम उम्मीदवार बनाने के समय आडवाणी और सुषमा स्वराज को नजरअंदाज नहीं करने के बयान की वजह से दरकिनार कर दिया गया हो. उन्होंने यह भी कहा कि खामोश हूं पार्टी का वाफादार हूं. उन्होंने यह भी कहा कि लोग पूछते हैं मुझे मंत्री क्यों नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा कि अब बिहार चुनाव में जाऊंगा तो वो भी मुद्दा बन जाएगा. उन्होंने कहा कि मैंने नीतीश की तारीफ शिष्टातार में की है और वो मैं भूल नहीं सकता. साथ ही कहा कि फोटो-पोस्टर का मोहताज नहीं पर मेरा चेहरा क्यों नहीं. तसल्ली है कि जब आडवाणी और जोशी को नहीं बुला रहे तो मैं क्या चीज हूं.