पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों का थोक वोट लेने के लिए यह नीतीश नीत महागठबंधन दलितों पिछडों की हकमारी में जुटा है. सुशील ने आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद और धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन में शामिल कांग्रेस पर आज आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों का थोक वोट लेने के लिए यह महागठबंधन दलितों पिछडों के हिस्से से काटकर 9 फीसद आरक्षण मुसलमानों और ईसाइयों को देना चाहता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद गोमांस खाने का समर्थन करते हैं और बीफ पार्टी पर चुप्पी साधते हैं. अगर ये कामयाब हुए तो इसका खामियाजा दलितों और पिछड़ों को उठाना पडेगा. सुशील ने कहा कि देश का संविधान धार्मिक आधार पर आरक्षण देने के विरुद्ध है फिर भी इस व्यवस्था से छेडछाड की साजिश हो रही है. भाजपा इसे कभी सफल नहीं होने देगी.
उन्होंने पूछा कि नीतीश कुमार बताये कि क्या वह धार्मिक आधार पर आरक्षण देने की दलित-पिछडा विरोधी मुहिम में शामिल नहीं हैं? सुशील ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने 24 अगस्त 2005 को लोकसभा में कहा था कि मुसलमानों में जो दलित जातियां हैं उनको भी अनुसूचित जातियों में शामिल करना चाहिए. फिर 2006 में रफीगंज की पसमांदा मुस्लिम रैली में उन्होंने यही बात दोहरायी. 2007 में भी नीतीश कूमार ने अल्पसंख्यकों को धार्मिक आधार पर आरक्षण देने की बात की थी.
सुशील ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद ने 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का घोषणापत्र जारी करते समय कहा था कि वह संविधान के अनुच्छेद 341 को बदल कर मुसलमानों और ईसाइयों को अनुसूचित जाति में जोडेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी यही बात 11 दिसंबर 2011 को लखनउ में कही थी. 2012 में उतर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में तो कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने खुलकर मुसलमानों को 9 फीसद आरक्षण देने का वादा किया.
सुशील ने पूछा कि महागठबंधन के नेता बताये कि क्या धार्मिक अल्पसंख्यकों को आरक्षण देना संविधान की भावना के विपरीत नहीं है? क्या वे सत्ता के लिए दलितों पिछडों के वोट लेकर उनके आरक्षण कोटे में कटौती भी करना चाहते हैं? बिहार के मतदाता आरक्षण पर धर्म की राजनीति करने वालों को कड़ा सबक सिखायेंगे.