बिहार में कांटे की टक्कर नहीं : नीतीश, VIDEO
पटना : बिहार में महागंठबंधन एवं एनडीए के बीच जबदस्त टक्कर होने की बात को सिरे से खारिज करते हुए नीतीश कुमार ने गुरुवार को भाजपा पर जमकर हमला बोला है. महागंठबंधन के नेता नीतीश कुमार ने भाजपा पर पब्लिसिटी तकनीक का इस्तेमाल कर माहौल बनाने का अारोप लगाते हुए कहा है कि बिहार चुनाव […]
पटना : बिहार में महागंठबंधन एवं एनडीए के बीच जबदस्त टक्कर होने की बात को सिरे से खारिज करते हुए नीतीश कुमार ने गुरुवार को भाजपा पर जमकर हमला बोला है. महागंठबंधन के नेता नीतीश कुमार ने भाजपा पर पब्लिसिटी तकनीक का इस्तेमाल कर माहौल बनाने का अारोप लगाते हुए कहा है कि बिहार चुनाव में भाजपा कोई बड़ी ताकत नही हैं. नीतीश ने कहा कि हम तांत्रिक से मिले, उनकी बात सुनी और निकल लिए, हमने कुछ छुपाया तो नहीं. पीएम मोदी ने इसे तंत्र-मंत्र से जोड़ दिया. उन्होंने कहा, पीएम मोदी खुद को तंत्र-मंत्र के खिलाफ घोषित करें और बताएं वे साधुओं से क्यों मिलते है.
Unhone isse tantra mantra se joda, toh apne aap ko ghoshit karien tantra mantra ke khilaaf, kyun milte hain sadhuon se phir?: Nitish Kumar
— ANI (@ANI) October 29, 2015
Hum unse (tantrik) milein, unki baat sun liya aur chalein aaye. Humne to chhipaya nahin: Nitish Kumar pic.twitter.com/k2Q3cWes6h
— ANI (@ANI) October 29, 2015
न्यूज एजेंसी एएनआइ के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बातें कही. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ गंठबंधन करने को लेकर विरोधी खेमे के आरोपों के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम दोनों के विचार समान हैं और हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि एनडीए के घटक दलों के बीच कई मामलों पर मतभेद है और वे महागंठबंधन के नेताओं के बीच मतभेद को लेकर भ्रम फैला रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भीड़ को लेकर नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के नेता पीएम मोदी की जनसभा में भीड़ जमा करने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं. जबकि उनकी सभा में जनता खुद से सभा स्थल पर पहुंचती हैं. उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए एवं महागंठबंधन के बीच सही मायनों में कोई बड़ी लड़ाई नहीं हैं. हां, लेकिन हम ऐसा मानते है कि लड़ाई में सामने वाले पक्ष को कमजोर नहीं समझना चाहिए, ऐसा मान कर हम चुनाव लड़ रहे हैं.
महागंठबंधन के नेता ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी मंशा साफ है, उनका मकसद एक राज्य में चुनाव जितने के बाद दूसरे राज्य में सरकार बनाने के लिए प्रयास करनाहैं. भाजपाहरराज्य में सत्ताहासिलकरने के लिए प्रयासरत है, उनका सरकार चलाने में कोई रुचि नहीं हैं. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद अब तक एनडीए सरकार आर्थिक, सामाजिक, विदेश मामले समेत अन्यअहम मुद्दों परप्रभावी नहींदिखी हैं.
उन्होंने कहा कि अाज लोग मजाक करने लगे है और कहते है, मोदी जी, अच्छे दिन अपने पास रखिए, पुराने दिनही लौटा दीजिए. कम से कम दाल के लिए तो दो सौ रुपये नहीं देने होंगे. अरुण शौरी व राम जेठमलानी के बयानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा पर बुद्धजीवियों ने हमला बोलना शुरु कर दिया हैं. साफ है कि मोदी जी ने सरकार तो बना ली लेकिन देश चलाने में नाकामयाब रहे हैं. अाप को बहुमत मिला है, फिर भी आप संसद नहीं चला पा रहे हैं. व्यापमं, ललितगेट समेत अन्य मुद्दों पर संसदकीकार्यवाहीकईदिनों तक ठप रहीथी. बहुमत की सरकार होने के बावजूद एनडीए सरकार अधिकतम जगहों पर नकारात्मक मुद्रा में दिख रही हैं.
जीतन राम मांझी के एनडीए के साथ आने पर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जब हमने उन्हें सीएम बनाया था, उस दौरान भाजपा के नेता कई दिनों पर मांझी के विरोध में बयान देते रहे थे. जब हमने उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया तो, वे कह रहे है कि मैंने महादलित का अपमान किया हैं. जनता सब देख रही है और समझ चुकी है. आज बिहार चुनाव के दौरान वे साथ आ गये हैं.
तांत्रिक से मिलने के मामले पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे एक साथी के आग्रह पर मैंने डेढ साल तांत्रिक से मुलाकातकीथी. इस मुलाकात का वीडियो आज दिखाकर भाजपा वाले साबित क्या करना चाहते हैं. उन्होंने हमला तेज करते हुए कहा कि पीएम मोदी किन लोगों से मिले है, यह सब भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं. नीतीश ने कहा कि हम तांत्रिक से मिले, उनकी बात सुनी और निकल लिए, हमने कुछ छुपाया तो नहीं. पीएम मोदी ने इसे तंत्र-मंत्र से जोड़ दिया. उन्होंने कहा, पीएम मोदी खुद को तंत्र-मंत्र के खिलाफ घोषित करें, क्यों मिलते है साधुओं से.
नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू और भाजपा सत्रह वर्षाें तक साथ रहें. लेकिन जब भाजपा ने नये अवतार को पेश किया, हमने उनके साथ नहीं रहने का एेलान कर दिया और अलग हो गये. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीबननेकेचौदह माह बाद जब नरेंद्र मोदीपहली बार बिहारआएं, तो मैं एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिएपहुंचा था.यहांसे जबवेमुजफ्फरपुर पहुंचे,तो वहां मेरे डीएनए पर ही सवाल खड़ाकर दिया.