TIMES NOW पर शाह की सफाई : मोदी जी के कमजोर होने से एंटी नेशनल होंगे खुश
पटना/नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने समाचार चैनल टाइम्स नाउ को शुक्रवार को दिये लंबे साक्षात्कार में बिहार चुनाव के मद्देनजर कई अहम बिंदुओं पर खुलकर अपनी बात रखी. अमित शाह ने कहा कि बिहार का चुनाव हम विकास के ही मुद्दे पर लड़ रहे हैं और अपनी चुनावी जनसभाओं […]
पटना/नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने समाचार चैनल टाइम्स नाउ को शुक्रवार को दिये लंबे साक्षात्कार में बिहार चुनाव के मद्देनजर कई अहम बिंदुओं पर खुलकर अपनी बात रखी. अमित शाह ने कहा कि बिहार का चुनाव हम विकास के ही मुद्दे पर लड़ रहे हैं और अपनी चुनावी जनसभाओं में हमने 95 प्रतिशत वही बातें कही है. लेकिन, विवादस्पद मुद्दे मसलन बीफ, जाति, कौवा काटने,भूत भगाने व नरभक्षी आदि पर आने वाले बयानों पर पार्टी व अपने नेताओं का बचाव करते हुएअमितशाह ने कहा कि वे बयान हमने नहीं दिये, लेकिन जब महागंठबंधन के नेताओं ने उन मुद्दों पर बोला तो एक पार्टी होने के नाते हमें अपनी स्थितिसाफ करनी होती है. हम चुनाव लड़रहेहैं औरऐसे में चुप नहीं रख सकते हैं. जनता को अपना फैसला लेने के लिए अपनीस्थिति स्पष्ट करनी होती है.
रक्सौल के बयान पर
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रक्सौल में गुरुवार को दिये बयान पर भी अपना पक्ष रखा. अमित शाह ने कहा कि रक्सौल में उन्होंने बीजेपी की हार हाेने पर पाकिस्तान में पटाखे फुटने संबंधी बातें कही तो इसमें गलत क्या है? उन्होंने कहा कि मेरा तात्पर्य यह था कि यहां बीजेपी के हारने से मोदी जी कमजोर होंगे, जाहिर है इससे एंटी नेशनल ताकते खुश होंगी और मैंने इसी संदर्भ में अपना बयान दिया था.
आरक्षण पर हमारा रुख स्पष्ट, नीतीश भी करें
अमित शाह ने कहा कि आक्षण पर मैंने पार्टी अध्यक्ष के नाते और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के प्रमुख होने के नाते अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है कि हम इसमें किसी बदलाव के पक्षधर नहीं हैंऔर यह संवैधानिक व्यवस्था कायम रहनी चाहिए. उन्होंने अल्पसंख्यकों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के मुद्दे को उठाये जाने संबंधी सवाल पर प्रतिप्रश्न किया कि हमने जितनी स्पष्टता से अपनी बात कही, क्या महागंठबंधन के नेताओं ने उस बिंदु पर स्पष्टता से अपनी बात कही है कि वे इसके पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को पिछड़ाें का पांच प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के मुद्दे पर नीतीश कुमार व कांग्रेस को अपना पक्ष रखना चाहिए.
टाइम्स नाउ के प्रस्तोता अर्णव गोस्वामी से केकम्युनलएजेंडायाविकासका एजेंडा संबंधी एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि लोग आपसे भी यह पूछेंगे कि आपने अबतक विकास के मुद्दे पर कोई सवाल क्यों नहीं पूछा, कहीं आपका एजेंडाकम्युनल तो नहीं है?
हमारे लिए मुद्दे स्थानीय
अमित शाह ने कहा कि हमारे लिए बिहार का गौरव, वहां के स्थानीय मुद्दे, शुद्ध पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा संस्थान व स्वास्थ्य ही मुद्दे हैं और हम उन्हीं पर चुनाव लड़ रहे हैं. अमित शाह ने इस आरोप को भी खारिज किया कि भाजपा ने इस चुनाव को राजनीतिक से निजी बना दिया. उन्होंने कहा कि नरभक्षी व बिहारी- बाहरी जैसे शब्द हमने नहीं कहे. और, ऐसी बातें कही जाती है तो हमें अपना स्टैंड साफ करना पड़ता है, आखिर हम इंटरव्यू नहीं ले रहे हैं, चुनाव लड़ रहे हैं.
नीतीश जवाब दें
नीतीश कुमार को अहंकारी कहे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब बिहार को सवा लाख करोड़ का पैकेज देने का पीएम ने एलान किया तो उन्हें धन्यवाद देना चाहिए था, वह देश की तिजोरी पर बिहार का हक है. लेकिन ऐसा नहीं किया, हमारी बातें इसी संदर्भ में थीं. उन्होंने कहा कि नीतीश को बताना चाहिए कि दस सालों में सोनिया-मनमोहन की सरकार ने बिहार के लिए क्या किया.
सीडी हमने जारी नहीं की
नीतीश कुमार को तांत्रिक से मिलने वाले सीडी को रिलीज किये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसे हमारी पार्टी या हमारे नेताओं ने रिलीज नहीं किया, हां फारवर्ड जरूर किया. गिरिराज सिंह का का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने उसे रिलीज नहीं किया, बल्कि फाॅरवर्ड किया. उन्होंने एक बार फिर गिरिराज के पिछड़ा सीएम एनडीए की ओर से बनने की बातों को खारिज किया और कहा कि यह चुनाव परिणाम आने के बाद तय होगा.
पप्पू से हमें मदद नहीं
उन्होंने कहा कि जंगल राज मुहावरा नीतीश का ही बनाया हुआ है और नीतीश को लालू का मुखौटा कहे जाने की बात की भी पुष्टि करते हुए कहा कि आज उनमें लालू का विरोध करने का दम नहीं है, क्योंकि ऐसा करेंगे तो उनकी सत्ता चली जायेगी.
अमित शाह ने इस आरोप को भी खारिज किया कि पप्पू यादव से उनका किसी तरह का राजनीतिक समझौता है या वे उन्हें मदद पहुंचा रहे हैं. उल्टे उन्होंने कहा कि पप्पू व उनकी पत्नी दोनों तो महागंठबंधन के घटक दलों से ही चुनाव जीते थे.
बिहार बनाम जम्मू कश्मीर
नीतीश कुमार पर सिद्धांतों से समझौता करने का आरोप लगाने वाले अमित शाह से जब यह पूछा गया कि आपने भी तो जम्मू कश्मीर में अपने वैचारिक व सैद्धांतिक विरोधी पीडीपी के साथ समझौता कर लिया है, तो उन्हें बेहद चतुराई भरा जवाब दिया. अमित शाह ने कहा कि हमने वहां कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया है, क्या लालू नीतीश को बिहार में यह बनाना चाहिए या नहीं. जम्मू कश्मीर में सारे विवादित मुद्दे एक ओर हैं और वहां सरकार सीएमपी पर ही चल रही है.
नीतीश ने किया जनादेश का अपमान
उन्होंने कहा कि नीतीश ने भाजपा से रिश्ता तोड़ कर बिहार की जनता का जनादेश का अपमान किया है, जो उन्हें लालू, कांग्रेस के विरोध के लिए भाजपा के साथ मिला था और आज वे उन्हीं के साथ हो गये. अमित शाह ने कहा कि भाजपा के नीतीश सरकार से अलग होने के बाद विकास दर के सभी सूचकांकों में 33 प्रतिशत की कमी आयी है, जबकि अपराध में 37 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है, इसलिए हम यह कहते हैं कि नीतीश कुमार लालू क साथ बिहार का विकास नहीं कर सकते हैं.
जाति का उल्लेख हमारी ओर से नहीं
अमित शाह ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री की जाति का कभी उल्लेख नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इबीसी या अति पिछड़ा शब्द संवैधानिक है. उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि उसी के टर्म के आधार पर हमने पिछड़ा सीएम व पिछड़ा पीएम देश को देने की बात कही.
सुमो का बचाव
उन्होंने बीफ व बकरे के मांस को समान बताने वाले लालू के बयान की निंदा करते हुए सुशील मोदी का भी बचाव किया. अर्णव गोस्वामी ने पूछा कि बिहार में आपके सबसे बड़े नेता सुशील कुमार मोदी ने इस चुनाव को गौ मांस खाने वालों व नहीं खाने वालों के बीच का चुनाव बताया, क्या कहेंगे. इस पर शाह ने कहा कि यह बात उन्होंने लालू के बयान पर टिप्पणी करते हुए कही होगी और राजनीतिक पार्टी होने के नाते हमें प्रतिक्रिया देनी होती है.
हम केंद्र के लिए 2019 में जवाब देंगे
अमित शाह ने नीतीश के द्वारा डेढ साल में मोदी सरकार के कामकाज का हिसाब मांगे जाने संबंधी सवाल पर कहा कि हमें 2019 तक के लिए जनादेश केंद्र में मिला है और जब हम उस समय चुनाव में आयेंगे तो अपना पक्ष रखेंगे, लेकिन अभी तो बिहार का जनादेश लिया जाना है. उन्होंने केंद्र के पैकेज को नीतीश द्वारा रि पैकेजिंग बताये जाने को खारिज किया और कहा कि यह बिहार के तीन साल के बजट के बराबर है. अमित शाह ने कहा कि इस पैसे से हम बिहार में ही तो पुल बनायेंगे, बिजली पहुचायेंगे और भारत सरकार की कोई घोषणा हवा में तो नहीं होती है.
अमित शाह ने कहा कि नीतीश कुमार को सोनिया-मनमोहन के दस साल के शासन में बिहार के लिए किये गये काम के बारे में बताना चाहिए.
दादरी पर चुनाव बाद बोलूंगा
अमित शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह दादरी सहित अन्य मुद्दों पर बिहार चुनाव बाद बोलेंगे. अमित शाह ने विभिन्न क्षेत्र की हस्तियों द्वारा आवार्ड लौटाये जाने के सवाल पर कहा कि इनमें से कई को सिख दंगे से पहले आवार्ड मिले, इसके बाद भागलपुर दंगे हुए, कश्मीरी पंडित मारे गये, तब उन्होंने आवार्ड क्यों नहीं लौटाया.उन्होंने राजीव गांधी के धरती हिलने संबंधी बयान का जिक्र करते हुए कहा कि तब क्यों नहीं आवार्ड लौटाया? महेश शर्मा के दादरी जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे वहां के सांसद हैं और ऐसे में यह उनकी जिम्मेवारी है और अगर नहीं जाते तो मैं उनसे पूछता कि क्यों नहीं गये. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि उनसे बयान देने में कुछशब्दों का चयन ठीक नहींकिया. अमित शाह ने वहां राहुल गांधी, ओवैसी व केजरीवाल के जाने पर सवाल उठाते कहा कि वे आखिर क्यों गये और उस पर किसी ने कुछ क्यों नहीं कहा?
बिहार चुनाव का क्या होगा असर
अर्णव गोस्वामी ने अमित शाह सेकहाकिइस चुनाव को मिनी जनरल इलेक्शन कहा जा रहा है और बीजेपी वर्सेस ऑल हो गया है, तो इस पर उन्होंने कहा कि दरअसल यह बीजेपी की ताकत है. उन्होंने इस सवाल पर कि क्या यह मोदी सरकार का जनमत सर्वेक्षण है, कोई सीधा जवाब नहीं दिया. अमित शाह ने हालांकि दावा किया कि उनका गंठबंधन दो तिहाई बहुमत से चुनाव जीतेगा. जब उनसे पूछा गया कि आप चुनाव जिताउ माने जाते हैं तो आपके लिएबिहारचुनाव निजी तौर पर कितनी अहम है. इस पर उन्होंने कहा कि जीत, हार होती रहती है और यह मेरे लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है, मेरे लिए मेरी पार्टी मुझसे बहुत बड़ी है और मैं उसके लिए मेहनत करता हूं, काम करता हूं, हमारे पास आज का सबसे लोकप्रिय नेतृत्व है. मेरी पार्टी आगे बढेगी और हम देश के लिए बढिया करेंगे तो अच्छा होगा.