पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में सात जिलोंके 55 विधानसभा सीटों के लिए एक नवंबर को मतदान होना है. चौथे चरण में जदयू के साथ-साथ भाजपा की प्रतिष्ठा भी दावं पर है. 55 में से जहां 26 भाजपा की सीटिंग सीटें हैं. वहीं, जदयू की 24 सीटिंग सीटें हैं. तीन सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी. जबकि दो सीट राजद के खाते में गयी थी. इस बार के चुनाव में बिहार सरकार के मंत्री बोचहां से रमई रामसमेतदो अन्य मंत्री भी मुकाबले में फंसे हैं. जबकि पीपरा सीट से मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा को टिकट दिया गया था, लेकिन एक स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेते दिखाये जाने के बाद उन्हें मंत्री पद के साथ-साथ उम्मीदवारी से भी हाथ धोना पड़ा. उनकी जगह कृष्णचंद चुनाव लड़ रहे हैं. आइये जानते है चौथे चरण के लिए दस अहम सीटों का हाल…
1. लौरिया
उम्मीदवार : विनय बिहारी भापजा, रणकौशल प्रताप राजद, शंभू तिवारी निर्दलीय, प्रदीप सिंह राकांपा, रामबाबू भाकपा
गीतकार एवं भोजपुरी कलाकार विनय बिहारी भाजपा के टिकट पर इस बारयहांसे मैदान में हैं. वहीं, पूर्व विधायक प्रदीप सिंह पश्चिम चंपारण के लौरिया विधानसभा क्षेत्र से राकांपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. तीसरे नंबर पर राजद के शंभू तिवारी मैदान में हैं. वहीं लेखक व पत्रकार रामबाबू कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर यहां से भाग्य आजमायेंगे. भाजपा के उम्मीदवार विनय बिहारी पिछली बार निर्दलीय चुनाव जीते थे. इस बार जीतन राम मांझी के साथ थे लेकिन भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं.
2. बोचहा
अनिल कुमार साहू लोजपा, रमई राम जदयू, बेबी कुुमारी निर्दलीय
बोचहा विधानसभा सीट एससी उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित है. इस सीट पर मौजूदा समय में जदयू का कब्जा है. रमई राम नेराजद के मुसाफिर पासवान को हराया था. बिहार सरकार में मंत्री रमई राम, हेल्थ इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़कर वर्ष 1969 में सक्रिय राजनीति में आए थे. रमई राम का चुनावी क्षेत्र तो एक रहा, लेकिन उन्होंने पार्टियां कई बदली हैं. इस क्षेत्र में कुल मतदाता 2,32,710हैं. जिनमें 1, 23,434 पुरुष मतदाता हैं, तो 1,09,273 महिला मतदाता.उधर, टीवी स्क्रीन पर आंसू बहाने के बाद लोजपाप्रमुख रामविलास पासवान ने अपने दामाद अनिल कुमार साधु को बोचहां से उम्मीदवार बनायाहैं.हालांकि,उनकेइस निर्णय केसाथ ही इस सीट पर उनकीपार्टी की हार भी तयमानीजारहीहैं. दरअसल साधु को उम्मीदवार बनाने से पहले सहयोगी भाजपा की सलाह पर लोजपा ने स्थानीय कार्यकर्ता बेबी कुमारी को टिकट थमाया था. वो नामांकन भी दाखिल कर चुकी थीं पर ऐन मौके पर पार्टी ने पत्ता काट दिया और साधु को आधिकारिक उम्मीदवार बना दिया. फिलहाल बेबी कुमारी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में हैं.इस सीट पर लोजपा ने अंतिम समय में प्रत्याशी बदल कर मुकाबला को त्रिकोणीय बना दिया है.
3. शिवहर
उम्मीदवार : लवली आनंद हम, मो. शर्फुद्दीन जदयू, अजीत कुमार झा सपा
शिवहर का संग्राम दिलचस्प है. पिछले कई चुनावों में जातीय समीकरण ही यहां के चुनाव परिणाम को प्रभावित करते रहे हैं. इस सीट परइसबार मुकाबला त्रिकोणात्मक माना जा रहा है, लेकिन निर्दलीय और पूर्व विधायक ठाकुर रत्नाकर राणा इसलड़ाई को चतुष्कोणीय बनाने में जुटे हैं. सत्तारूढ़ महागठबंधन ने निर्वतमान जदयू विधायक मोहम्मद सर्फुद्दीन को एक बार फिर मैदान में उतारा है तो राजग ने हम के उम्मीदवार पर भरोसा जताया है. हम ने पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को यहां से प्रत्याशी बनाया है. पूर्व मंत्री और 25 वर्षो से ज्यादा समय तक विधानसभा में शिवहर का प्रतिनिधित्व करने वाले दिग्गज नेता रघुनाथ झा के बेटे अजीत झा राजद के टिकट के दावेदार थे, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह सीटजदयूको देदी. इसके बाद रघुनाथ झा राजद से बगावत कर सपा में शामिल हो गये. अब उनके बेटे अजीत झा यहां सपा के उम्मीदवार हैं. बसपा के मोहम्मद इमामुद्दीन भी टक्कर दे रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू के माहेम्मद मोहम्मद सर्फुद्दीन ने बसपा उम्मीदवार प्रतिमा देवी को 1,600 से ज्यादा मतों से हराया था. शिवहर में बसपा का अपना एक मजबूत वोट बैंक है. ऐसे में मुकाबला कड़ा ही नहीं, दिलचस्प भी है. शिवहर से कुल 11 प्रत्याशी चुनावी समर में भाग्य आजमा रहे हैं. लवली आनंद पिछला लोकसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़कर हार गई थीं.
4. सिवान
उम्मीदवार : व्यासदेव प्रसाद भाजपा, बब्लू प्रसाद जदयू, अवध बिहारी निर्दलीय
सीवान विधानसभा सीट पर मुकाबलेकी बात करें तो इस बार यहां महागठबंधन के जदयू उम्मीदवार बबलू प्रसाद और भाजपा के व्यास देव प्रसाद के बीच सीधी लड़ाई है. सीपीआई एमएल के जमील अहमद भी कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं.
5. पीपरा
श्यामबाबू प्रसाद भाजपा, कृष्णचंद्र जदयू, अरुण कुमार निर्दलीय
पूर्वी चंपारण की पीपरा सीट से पहले जेडीयू ने अवधेश कुशवाहा को मैदान में उतारा था, लेकिन स्टिंग में फंसने के बाद उन्हे पद के साथ-साथ टिकट से भी हाथ धोना पड़ा और जदयू के टिकट पर इस बार यहां से कृष्णचंद्र मैदान में हैं. वहीं भाजपा ने श्यामबाबू प्रसाद को मैदान में उतारा हैं. मालूम हो कि पहले चरण के चुनाव के एक दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया है जिसमें अवधेश कुशवाहा कथित तौर से चार लाख रुपए करते हुए दिखाया गया था. इस घटना के बाद कार्रवाई करते हुए अवधेश कुशवाहा को मंत्रीमंडल से हटाने के साथ साथ उनका टिकट भी काट दिया गया था.
6. मुजफ्फरपुर
उम्मदवार : सुरेश कुमार शर्मा भाजपा, विजेंद्र चौधरी जदयू, सैयद माजिद सपा
भाजपा के सुरेश कुमार शर्मा यहां से चुनाव मैदान में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभाओं से इस सीट पर भाजपा के पक्ष में माहौल बनने का अंदेशा हैं. महागंठबंधन से जदयू के विजेंद्र चौधरी मैदान में हैं. नगर निगम के उपमहापौर सैयद माजिद हुसैन सपा के टिकट पर ताल ठाेक रहे हैं.
7. परिहार
उम्मीदवार : गायत्री देवी भाजपा, डॉ रामचंद्र पूर्वे राजद, शम्स शाहनवाज सपा
भाजपा ने गायत्री देवी को टिकट दिया है. पति की विरासत बचाने के लिए पत्नी गायत्री देवी चुनाव मैदान में हैं. उनका मुकाबला राजद के दिग्गज डॉ रामचंद्र पूर्वे से है. पिछली बार की तरह इस बार भी 14 प्रत्याशी मैदान में हैं.
8. साहेबगंज
उम्मीदवार : राजू कुमार सिंह भाजपा, राम विचार राय राजद, मदन चौधरी निर्दलीय
पिछली बार इस सीट से जदयू के राजू कुमार सिंह विजयी हुए थे. उन्होंने राजद के प्रत्याशी रामविचार राय का पराजित किया था. जीतन राम मांझी के खेमे में शामिल राजू सिंह ने पिछले माह भाजपा की सदस्यता ली. राम विचार राय भी यहां से तीन बार विजयी रहे चुके हैंऔर इस बार राजद के टिकट पर मैदान में हैं. वहीं निर्दलीय मदन चौधरी तीसरा कोण बनाने में जुटे हैं.
9. दारौंदा
उम्मीदवार : जीतेंद्र स्वामी भाजपा, कविता कुमारी जदयू, जयशंकर पंडित माले
जदयू से कविता इस बार मैदान में हैं. जबकि भाजपा की ओर से पूर्व सांसद उमाशंकर सिंह के पुत्र जीतेंद्र स्वामी मैदान में हैं. माले ने जयशंकर को मौका दिया है पर यहां का मुख्य मुकाबला भाजपा व जदयू के बीच ही केंद्रीत हैं.
10. नरकटियागंज
उम्मीदवार : रेणु देवी भाजपा, विनय वर्मा कांग्रेस, रश्मि वर्मा निर्दलीय
इस सीट से वर्ष 2005 में भाजपा के प्रत्याशी के रूप में सतीशचंद्र दुबे विजयी हुये थे. लोकसभा चुनाव में वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र से सतीशचंद्र दुबे के विजयी होने के बाद यह सीट खाली हो गयी थी. तीनों उम्मीदवारों के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना जतायी जा रही हैं.