कहीं आपका बेबी तो बेड गीला नहीं करता

अकसर आपने कई पैरेंट्स को यह कहते सुना होगा कि उनका बच्च रात में बिस्तर गीला कर देता है. इस बात को लेकर पैरेंट्स परेशान रहते हैं. कभी-कभी तो पति-पत्नी ड्यूटी बांध लेते हैं कि कौन बच्चे को कब पेशाब करवायेगा. इन परेशानियों की वजह से पति-पत्नी में नोक-झोंक भी होती है. बच्चों की इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2013 12:21 PM

अकसर आपने कई पैरेंट्स को यह कहते सुना होगा कि उनका बच्च रात में बिस्तर गीला कर देता है. इस बात को लेकर पैरेंट्स परेशान रहते हैं. कभी-कभी तो पति-पत्नी ड्यूटी बांध लेते हैं कि कौन बच्चे को कब पेशाब करवायेगा. इन परेशानियों की वजह से पति-पत्नी में नोक-झोंक भी होती है. बच्चों की इन गलत आदतों से छुटकारा पाने के लिए होमियोपैथ में कई अच्छी दवाइयां उपलब्ध हैं. उन दवाइयों पर प्रकाश डालता यह आलेख.

जब कोई बच्चा 5 या 6 वर्ष की उम्र के बाद भी (जिस उम्र तक पेशाब की थैली में पेशाब रोकने की क्षमता आ जाती है) रात या दिन में नींद में खुद-ब-खुद पेशाब कर देता है, ऐसी स्थिति को ‘ऐनुरेसिस’ कहते हैं.

ज्यादातर बच्चों में पेशाब की थैली में पेशाब रोकने की शक्ति 4 वर्षो तक आ जाती है.

15-20 प्रतिशत बच्चे पांच वर्ष के बाद भी बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं. पांच प्रतिशत 10 वर्ष के बाद तक करते रहते हैं.

लड़कों में यह लड़कियों के अनुपात में अधिकतर पाया जाता है.

कारण : हेरिडिटी, तनावपूर्ण घरेलू वातावरण, नया-नया स्कूल जाने का तनाव, पेशाब महसूस होने पर भी रोक कर रखना, पेशाब में इंफेक्शन, कब्जियत व गहरी नींद इत्यादि.

लक्षण : 5 वर्ष की उम्र के ऊपर के बच्चे को

रात में बिस्तर पर पेशाब होना.

होमियोपैथिक दवाइयां

क्रियोसोट : अगर बच्चा उम्र से ज्यादा उम्र का लगे. पतला-दुबला, कमजोर, चिड़चिड़ा हो व संगीत सुन कर रोने लगे. सोने के थोड़ी देर बाद पेशाब कर दे. उठाने पर बिल्कुल न उठे. भीगे बिस्तर पर ही गहरी नींद में सोये रहे, सपने में भी लगे कि पेशाब कर रहा है. रोज सुबह ‘क्रि योसोट 200 शक्ति’ की दवा दें.

इक्यूसेटम हायमेल : (मूल अर्क) बच्चे को लगे जैसे वह सपने में पेशाब कर रहा है. हल्की-सी जलन महसूस हो. यह एक उत्तम दवा है. मूल अर्क की 8 बूंदें सुसुम पानी के साथ आधा कप रात में सोने से एक घंटे पहले दें. फायदा होगा.

रक्स टक्स : बच्च रात भर बैचेन रहे. करवट बदलता रहे. ठंड व बरसात के मौसम में अधिक परेशान रहे. प्यास अधिक लगे. लड़कों में व ज्यादा उम्र के बच्चों में भी अधिक कारगर दवा है. ‘रक्स टक्स 200 शक्ति’ की दवा रोज सुबह एक बार दें.

कास्टीकम : कमजोर बच्चे, चलना देर से शुरू करे, नमक खाना ज्यादा पसंद करे, मगर मीठी चीज, मांस, सब्जी अच्छी न लगे. छोटी-छोटी बातों में रो दे, रात में अकेला सोना न चाहे. आधी रात के तुरंत बाद बिस्तर गीला कर दे. ‘कास्टीकम एक हजार शक्ति’ की दवा सप्ताह में एक बार दें.

सिपिया : पतले बच्चे, जिनके नाक, गाल पर हल्के पीले धब्बे रहे, पेट निकला हुआ हो. जरा-सा मौसम बदलने पर सर्दी हो जाये, खट्टी चीजें पसंद हो. बिस्तर पर सोते ही पेशाब कर दे, जिसमें असहनीय बदबू हो और जल्द-से-जल्द बिस्तर को कमरे में बाहर करना पड़े. ‘सिपिया 200 शक्ति’ की दवा रोज सुबह एक बार दें.

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