पटना : बिहार में एनडीए के घटक दलों में शामिल होकर चुनाव लड़ रही लोजपा के पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन और सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि उन्हें दलित नेता कहलाना पसंद नहीं है,क्योंकि समय बदल चुका है. फिल्मी कैरियर को मझधार में छोड़ राजनीति की पहली पारी में ही सफल हुए चिराग का कहना है मुझे दलित नेता कहलाना पसंद नहीं क्योंकि समय बदल चुका है. वहीं दूसरी ओर बिहार की राजनीति में जातिगत गोलबंदी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसलिए रामविलास पासवान आज भी दलित नेता के रूप में बिहार में जाने जाते हैं. चिराग का मानना है कि बिहार में जातिगत राजनीति का समय खत्म हो गया है.
वॉलिवुड की सफल अमिनेत्री कंगना रनावत के साथ स्क्रीन पर लव केमेस्ट्री दिखा चुके चिराग 2011 में उनके साथ मिले ना मिले हम फिल्म बना चुके हैं. हालांकि फिल्म ज्यादा सफल नहीं हुई और चिराग राजनीति की ओर मुड़ गए और अभी जमुई से सांसद हैं. चिराग ने ट्वीट कर कहा है कि बीजेपी विकास की राजनीति करती है. मोदी जी ने देश के विकास के लिए बड़ा सपना देखा है. वह बुलेट ट्रेन की बात करते हैं. इससे पहले किसी नेता ने ऐसी बात क्यों नहीं की. गौरतलब हो कि बिहार में एनडीए के साथ मिलकर लोजपा,रालोसपा और जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा चुनाव लड़ रही है.
एनडीटीवी को दिए अपने बयान में चिराग ने कहा है कि हमने नीतीश जी को स्वीकार किया था सपोर्ट किया था क्योंकि उन्होने विकास किया था. लेकिन लोग अब ज्यादा विकास चाहते हैं. इसलिए मोदी जी इसके लिए बेहतर हैं. मोदी जी से पहले विकास का किसी ने सपना क्यों नहीं देखा. चिराग ने कहा कि लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे मेरे भाई हैं.