पटाखे अमृतसर, मुम्बई में फूटेंगे : नीतीश
दरभंगा : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ‘पाकिस्तान में पटाखे’ वाली टिप्पणी के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महाराष्ट्र और पंजाब में भाजपा के सहयोगी दलों के साथ उसके संबंधों में तनाव की ओर इशारा करते हुए आज पलटवार किया और कहा कि भाजपा यदि बिहार विधानसभा चुनाव हार जाती है तो ‘‘सबसे […]
दरभंगा : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ‘पाकिस्तान में पटाखे’ वाली टिप्पणी के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महाराष्ट्र और पंजाब में भाजपा के सहयोगी दलों के साथ उसके संबंधों में तनाव की ओर इशारा करते हुए आज पलटवार किया और कहा कि भाजपा यदि बिहार विधानसभा चुनाव हार जाती है तो ‘‘सबसे अधिक पटाखे” मुम्बई और अमृतसर में फूटेंगे.
कुमार ने दरभंगा जिले के बहेरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘महागठबंधन की जीत पर पटाखे पाकिस्तान में नहीं फूटेंगे बल्कि अधिकतर पटाखे अमृतसर और मुम्बई में फूटेंगे.” भाजपा के राजग के सहयोगी दलों पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ संबंधों में समय समय पर मतभेद उभरे हैं. कुमार की ओर से यह जवाब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से इस बात पर जोर दिये जाने के बाद आया है कि गलती से भी यदि बिहार में भाजपा हार जाती है तो पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे.
उन्होंने यह आरोप लगाया कि शाह का उद्देश्य है कि धार्मिक आधार पर वोटो का ध्रुवीकरण हो जाए. यह धार्मिक आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण करने की कुटिल योजना सफल नहीं होगी. कुमार ने तांत्रिक से उनकी मुलाकात का उपहास उड़ाने को लेकर अपने धुर विरोधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री के कथित तौर पर ज्योतिषी बेजान दारुवाला से मुलाकात का उल्लेख किया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने किसी से छुपे बिना दिन में एक औघड से मुलाकात की, यद्यपि खबरों में दिखाया गया है कि नरेंद्र मोदी ने कथित तौर पर ज्योतिषी बेजान दारुवाला से मुलाकात की. कुमार ने कहा कि आप मेरे खिलाफ जंतर मंतर की बात कर रहे थे लेकिन आपके ज्योतिषी बेजान दारुवाला से मुलाकात का क्या. क्या यह दोहरा मापदंड नहीं है? उन्होंने अपने एक मंत्री के कैमरे पर रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने को लेकर प्रधानमंत्री की ओर निशाना साधे जाने पर पलटवार किया और परोक्ष रुप से केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह की ओर इशारा करते हुए पूछा उस व्यक्ति के बारे में क्या जिसके घर से दो करोड़ रुपये बेहिसाब पैसा मिला और उसे पुरस्कृत करते हुए मंत्री बना दिया गया?