डिंपी ने कहा, मरजी से गयी थी कुंदन के साथ
* न्यायालय परिसर में रहा अफरा-तफरी का माहौल, परिजनों को शांत करने में लगी रही पुलिसजमुई : खैरा थाना में 17 अप्रैल को केंदुआ गांव निवासी सदानंद सिंह ने पुत्री डिंपी कुमारी को शादी की नीयत से भगा ले जाने का आरोप सोनो निवासी कुंदन कुमार सिन्हा व उसकी मां पर लगाया था. जिससे कुंदन […]
* न्यायालय परिसर में रहा अफरा-तफरी का माहौल, परिजनों को शांत करने में लगी रही पुलिस
जमुई : खैरा थाना में 17 अप्रैल को केंदुआ गांव निवासी सदानंद सिंह ने पुत्री डिंपी कुमारी को शादी की नीयत से भगा ले जाने का आरोप सोनो निवासी कुंदन कुमार सिन्हा व उसकी मां पर लगाया था. जिससे कुंदन कुमार व उसकी मां पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था.
उक्त मामले में जब बुधवार को केंदुआ निवासी सदानंद सिंह की पुत्री मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में सशरीर उपस्थित होने पहुंची तो परिजनों द्वारा न्यायालय परिसर में पुलिस पर पथराव भी किया गया. इस दौरान पुलिस व परिजनों में हाथापाई भी हुई. इसी बीच अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वीरेंद्र साहु व सदर थानाध्यक्ष जीतेंद्र कुमार ने पुलिस बल के साथ न्यायालय परिसर में पहुंच कर उग्र परिजनों को शांत कराया.
* न्यायालय में दर्ज हुआ 164 का बयान
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मो एजाज उद्दीन ने न्यायालय में डिंपी कुमारी के सशरीर उपस्थित होने पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्यामल कुमार को उक्त लड़की का बयान दर्ज करने का आदेश दिया. न्यायालय में दिये अपने बयान में डिंपी कुमारी ने कहा कि अपनी मरजी से 16 अप्रैल को कुंदन कुमार के साथ घर से भागकर मुंगेर के महावीर मंदिर में शादी कर जी है.
साथ ही शादी करने के पश्चात झाझा में किराया पर कमरा लेकर रहने की बात बतायी. इसके अलावे डिंपी कुमारी ने न्यायालय में दिये बयान में कहा कि जैसे ही मुङो इस केश की जानकारी हुई मैं सोनो थाना पहुंची.
जमुई आने के दौरान मेरे परिजनों द्वारा मुङो मेरे पति तथा ससुराल के परिवार वालों को जान से मार देने की धमकी भी दी. मैं अपने पति कुंदन कुमार व ससुराल वालों के साथ रहना चाहती हूं. जिस पर सीजेएम ने डिंपी कुमारी को व्यस्क मानते हुए स्वेच्छा से ससुराल के साथ जाने का आदेश दिया.
* सात वर्ष पुराने मामले में हुआ समझौता
जमुई : बर्धमान पश्चिम बंगाल निवासी उपेंद्र रजक व उसकी पत्नी सुशीला देवी के बीच सन् 2007 से चल रहा वैवाहिक विवाद बुधवार को समाप्त हो गया. विदित हो कि 2007 में उपेंद्र रजक का विवाह झाझा निवासी सुशीला देवी का साथ हुआ था.
किंतु उसी समय से दोनों में कुछ बात को लेकर विवाद हो गया था जिससे वह दोनो अलग-अलग रहने लगे. सुशीला देवी द्वारा इस बात को लेकर महिला हेल्प लाइन में केश भी दर्ज कि या गया था. बुधवार को महिला हेल्प लाइन के द्वारा पति-पत्नी के बीच समझौता करवाया गया तथा दोनों ने एक दूसरे के साथ राजी खुशी से रहने की बात कही.