पाकिस्तान ने जेयूडी का कवरेज बंद किया

इस्लामाबाद : लश्कर ए तैयबा, जेयूडी और इसके सहयोगी फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन तथा अन्य प्रतिबंधित समूहों का मीडिया कवरेज प्रतिबंधित करना हाल में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अमेरिकी दौरे में राष्ट्रपति बराक ओबामा से किए गए वादे का हिस्सा था। यह बात आज यहां मीडिया की एक रिपोर्ट में बताई गई. पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2015 3:32 PM
इस्लामाबाद : लश्कर ए तैयबा, जेयूडी और इसके सहयोगी फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन तथा अन्य प्रतिबंधित समूहों का मीडिया कवरेज प्रतिबंधित करना हाल में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अमेरिकी दौरे में राष्ट्रपति बराक ओबामा से किए गए वादे का हिस्सा था। यह बात आज यहां मीडिया की एक रिपोर्ट में बताई गई.
पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 1267 का हवाला देकर सोमवार को इन संगठनों का मीडिया कवरेज प्रतिबंधित कर दिया. आधिकारिक सूत्रों का हवाला देते हुए डॉन अखबार ने खबर दी कि सूचना मंत्रालय ने एक पत्र जारी कर पीईएमआरए को निर्देश दिया कि इन तीन संगठनों के सभी कवरेज को बंद कर दिया जाए.
इसने खबर दी, ‘‘अधिकारियों ने दावा किया कि प्रधानमंत्री द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति से किए गए वादे के मुताबिक सूचना मंत्रालय से यह आदेश आया है.’ शरीफ ने पिछले महीने अमेरिका का दौरा किया था और विभिन्न मुद्दों पर राष्ट्रपति ओबामा से उनकी विस्तृत बातचीत हुई थी जिसमें आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल था.
शरीफ के दौरे के समय जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को पाकिस्तान की इस प्रतिबद्धता से अवगत कराया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्तावों के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आतंकवादी घोषित व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाया जाएगा जिसमें एलईटी और इसके सहयोगी शामल हैं.’
पीईएमआरए ने अपनी अधिसूचना में दावा किया कि गृह और विदेश मंत्रालय के निर्देश पर ये आदेश जारी किए गए. लेकिन गृह मंत्रालय ने सोमवार को अपने बयान में कहा कि इसने इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया.पीईएमआरए ने 72 समूहों की आधिकारिक सूची को भी अग्रसारित किया जिन्हें या तो पाकिस्तान की सरकार या संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित किया गया है.
पीईएमआरए के निर्देश पर जेयूडी के प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ ने कहा कि 2008 के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव संख्या 1267 के तीन हिस्से हैं जिनमें चार लोगों — हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी, महमूद बहाजिक (सउदी नागरिक) और हाजी अशरफ के नाम हैं जिसकी करीब दो वर्ष पहले मौत हो चुकी है. आसिफ ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव है कि ये लोग विदेशों की यात्रा नहीं कर सकते, उनके निजी बैंक खातों को सील किया जाएगा और उन्हें हथियारों तक पहुंच की अनुमति नहीं होगी।’ उन्होंने कहा कि ये तीनों शर्तें पूरी की जा रही थीं लेकिन देश के अंदर आवाजाही या भाषण पर प्रतिबंध की कोई बात नहीं थी.

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