पुत्री व प्रकृति को संरक्षण दे रही धरहरा
बिहार में अभी भी कई ऐसे गांव हैं, जहां बेटी के पैदा होते ही या उपरांत उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है या गर्भ में ही उसका अस्तित्व समाप्त कर दिया जाता है. लेकिन धरहरा गांव में बेटी के जन्म पर दस पौधे लगा कर जश्न मनाने की परंपरा वर्षों से चली आ […]
बिहार में अभी भी कई ऐसे गांव हैं, जहां बेटी के पैदा होते ही या उपरांत उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है या गर्भ में ही उसका अस्तित्व समाप्त कर दिया जाता है. लेकिन धरहरा गांव में बेटी के जन्म पर दस पौधे लगा कर जश्न मनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है.
यह गांव अचानक देश-विदेश में उस समय चर्चित हो गया, जब 2010 में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांव की एक बेटी के जन्म दिन पर गांव में जाकर वृक्षारोपण किया. लोगों को तब यह पता चला कि इस गांव के लोग बेटी के जन्म पर दस पेड़ लगाते हैं. तबसे लेकर हर साल नीतीश कुमार पौधे लगाते आ रहे हैं. यह गांव भ्रूणहत्या के खिलाफ तथा पर्यावरण संरक्षण का पर्याय बन गया है.