भाजपा में अंतर्कलह
नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद भाजपा में आज अंतर्कलह खुलकर सामने आ गयी जब लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ दो अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष का बिगुल बजाते हुए कहा कि पिछले एक साल में पार्टी कमजोर हुई है […]

नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद भाजपा में आज अंतर्कलह खुलकर सामने आ गयी जब लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ दो अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष का बिगुल बजाते हुए कहा कि पिछले एक साल में पार्टी कमजोर हुई है और उसे कुछ मुट्ठीभर लोगों के अनुसार चलने पर मजबूर किया जा रहा है.
The results of the Bihar elections show that no lesson has been learnt from the fiasco in Delhi: Yashwant Sinha
— ANI (@ANI) November 10, 2015
भाजपा में निर्विवाद नेता के तौर पर उभरने और मई में सरकार बनने के बाद मोदी को पहले बडे असंतोष का सामना करना पड रहा है जिसमें शांता कुमार और यशवंत सिन्हा समेत दिग्गजों ने संक्षिप्त लेकिन कडे शब्दों में एक बयान जारी कर बिहार की हार की संपूर्ण समीक्षा की मांग उठाई. बयान के अनुसार, ‘‘सबसे हालिया हार का मुख्य कारण पिछले एक साल में पार्टी का कमजोर होना है.
Arun Shourie leaves from MM Joshi's residence, Delhi. pic.twitter.com/ynwPRY1Id9
— ANI (@ANI) November 10, 2015
वरिष्ठ नेताओं के वक्तव्य के अनुसार, ‘‘हार के कारणों की पूरी तरह समीक्षा की जानी चाहिए और इस बात का भी अध्ययन होना चाहिए कि पार्टी कुछ मुट्ठीभर लोगों के अनुसार चलनेे पर मजबूर क्यों हो रही है और उसका आम-सहमति वाला चरित्र नष्ट कैसे हो गया.’ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष जोशी के आवास से बयान जारी किये जाने से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री अरण शौरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व विचारक और पूर्व भाजपा नेता गोविंदाचार्य ने जोशी से बंद कमरे में गुफ्तगू की. बयान के अनुसार बिहार के चुनाव परिणाम दिखाते हैं कि दिल्ली की हार से पार्टी ने कोई सबक नहीं सीखा है जिसमें आम आदमी पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 67 पर जीत हासिल कर भाजपा को जबरदस्त पटखनी दी थी.
वक्तव्य के मुताबिक, ‘‘बिहार में हार के लिए सभी को इसलिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है ताकि किसी एक को जिम्मेदार नहीं ठहराना पडे। यह दिखाता है कि पार्टी के जीतने की स्थिति में श्रेय लेने वाले लोग बिहार में निराशाजनक प्रदर्शन के लिए जिम्मेदारी से पल्ला झाड रहे हैं.’
इस बयान को कल संसदीय बोर्ड में की गयी समीक्षा के संदर्भ में वित्त मंत्री अरण जेटली द्वारा किये गये पार्टी नेतृत्व के बचाव पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है. जेटली ने कहा था, ‘‘जहां तक जवाबदेेही की बात है तो पार्टी सामूहिक रुप से जीतती है और सामूहिक रुप से हारती है.’ जेटली से पूछा गया था कि क्या हार के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
आज मुरली मनोहर जोशी के घर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में लालकृष्ण आडवाणी, गोविंदाचार्य, यशवंत सिन्हा, शांता कुमार शामिल थे. शांता कुमार इस बैठक में टलीफोन के जरिये जुड़े थे. बैठक के बाद वरिष्ठ नेताओं ने एक साझा बयान जारी किया.
बयान में सभी विरष्ठ नेताओं ने एक साथ भाजपा नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया. साझा बयान में कहा गया, बिहार चुनाव में हार के लिए बड़ी वजह यह है कि पार्टी पिछले साल से कम ताकतवर हो गयी ह. जो लोग पार्टी की जीत पर उसका श्रेय लेते थे वही पार्टी की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है. चुनाव में मिली हार का विशलेषण चुनाव से जुड़े लोग कैसे कर सकते हैं.
इस बैठक से नरेंद्र मोदी सरकार की चिंताएं बढ़ सकती है. बैठक में शामिल कई नेता सीधे तौर पर मोदी सरकार पर निशाना साध चुके हैं.अरुण शौरी ने भी कई बार नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उनके बयान पर कई बार बवाल खड़ा हुआ है.
गौरतलब है कि बिहार चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा ने संसदीय दल की बैठक की थी. बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हार के कारणों की समीक्षा का विवरण पत्रकारों के सामने रखा. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हार के लिए जिम्मेदार मानने से साफ इनकार कर दिया गया.
पत्रकारों ने जब आरएसएस प्रमुख के बयान से हुए नुकसान पर सवाल किया तो उससे भी जेटली ने इनकार करते हुए कहा कि कोई भी चुनाव किसी एक बयान से हारा या जीता नहीं जा सकता. पार्टी का पक्ष सामने आने के बाद अब लालकृष्ण आडवाणी और यशवंत सिन्हा जैसे बड़े नेताओं का मीडिया से बात करने का फैसला पार्टी के लिए चिंताएं बढ़ा सकता है.