पेरिस/नयी दिल्ली : दुनिया में मानवता के लिए सबसे बड़ा संकट बन चुके इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आइएसआइएस ने फ्रांस की राजधानी पेरिस पर हमला कर 153 लोगों की हत्या कर दी. शुक्रवार को हुए इस हमले के महज एक दिन पहले ही दुनिया के लिए एक खुशनुमा खबर आयी थी कि आइएसआइएसकाजिहादीजाॅनमारागयाहै.जिहादीजॉन कीहत्या की खबर इसलिए सुकून देने वाली थीक्योंकि वहअपनेकब्जे में लिये गये विदेश नागरिकों, पत्रकारों की छूरे से गला रेत कर हत्या करता था.उस नकाबपोशशख्सकाबाद में वीडियोआइएसआइएससार्वजनिक करता था. इस घटना के तुरंत बाद आइएसआइएस के इस ताजे कहर को दुनिया के सुरक्षा विशेषज्ञ अपने अपने तरीके से पढ रहे हैं व पढेंगे, लेकिन क्या यह जेहादी जॉन की हत्या के बादप्रतिक्रिया स्वरूप की गयी त्वरित कार्रवाई तो नहीं है? भले ही इतने बड़े हमले की तैयारी पूर्व में ही की गयी हो.
अबतक 153 लोगों की मौत
फ्रांस से प्राप्त खबरों के अनुसार, स्वचालित राइफलों और विस्फोटकों वाली बेल्ट का इस्तेमाल कर हमलावरों ने राजधानी पेरिस की कम से कम छह जगहाें को हत्या के मंजर में तब्दील कर दिया. अबतक 153 लोगों में मारे जाने की खबर है. यह एक आम शुक्रवार की रात थी जो लहूलूहान होगयी. पेरिस के लोगों ने बार बार इसे जनसंहार का शब्द दिया.
पूर्वी पेरिस में खचाखच भरे बाताक्लान कंसर्ट हॉल में अमेरिकी रॉक बैंड ‘इगल्स ऑफ डेथ मेटल’ की प्रस्तुति को सुनने के लिए जुटे लोगों के हुजूम पर हमलावरों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दी. एक प्रत्यक्षदर्शी ने फ्रांस इन्फो रेडियो को बताया कि जब आतंकवादियों ने हत्या को अंजाम देना और लोगों को बंधक बनाना शुरू किया तो उसने उन्हें ‘‘अल्लाहू अकबर’ का नारा लगाते सुना.
शहर की पुलिस के प्रमुख मिशेल कैदत ने बताया, हमलावरों के पास आत्मघाती बेल्ट भी थी, जिसमें उन्होंने विस्फोट कर दिया.
शुक्रवार रात बेहद व्यस्त रहने वाले ‘बेले इक्विप बार’ में करीब डेढ किलोमीटर के दायरे में हमलावरों ने गोलियां बरसाईं. एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने फ्रेंच रेडियो को बताया कि वहां हर जगह खून ही खून फैला था. ऐसे पलों में आप खुद को बहुत अकेला महसूस करते हैं. पेरिस के वकील फ्रांस्वा मोलीं ने बताया कि शुरू में 18 लोगों के मरने की सूचना मिली और शवों को सफेद चादर से ढंक दिया गया.
पुलिस यूनियन के एक अधिकारी जॉर्ज गूपिल ने बताया कि स्टेडियम के प्रवेश द्वार और मैकडोनाल्ड के पास दो आत्मघाती हमले और एक बम विस्फोट किए गए, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी. सबसे पहले स्टेडियम में विस्फोट होते देखा गया. फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद को तुरंत स्टेडियम से बाहर निकाला गया और इसके तुरंत बाद आपातकाल की घोषणा कर दी गयी.
हताहत में भारतीय के होने की सूचना नहीं
आतंकी हमले में मारे गये लोगों में अबतक किसी भारतीय के होने की सूचना नहीं है. फ्रांस में भारतीय दूतावास के उप प्रमुख मनीष प्रभात ने एक भारतीय न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि अबतक किसी भारतीय के मारे जाने की खबर नहीं है. उन्होंने कहा है कि फ्रांस की सरकार ने एडवाइजरी दी है कि बहुत जरूरी नहीं हो तो लोग घर से बाहर नहीं निकलें. उन्होंने कहा है कि हम फ्रांस सरकार के अगले एडवाइजरी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय पेरिस में पांच छह जगहों पर हमले की सूचना मिली है.
एक दिन पहले अमेरिका के नेतृत्व में हुआ था हमला
पेरिस हमले के एक दिन पहले ही कुर्दिश इराकी फायटरों ने यूएस के नेतृत्व में उत्तरी इराक के सिंजर शहर पर एयर स्ट्राइक किया था, जिसमें जिहादी जॉन के मारे जाने की बात कही गयी.उसकेमारेजाने के बाद सुरक्षा विश्लेषकों का कहना था कि अमेरिका के नेतृत्व में हुए एयर स्ट्राइक से आइएसआइएस के लिए अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया है. उत्तरी सीरिया के इलाके में सीरिया तुर्की बाॅर्डरके60 मील इलाके पर ही अब आइएसआइएसकाकब्जा है. औसतनहर महीने एक हजारविदेश नागरिक आइएसआइएस में शामिल होते हैऔर वर्तमान में उसकेपास30 हजार विदेशीलड़ाकेहैं.
भारत के लिए बड़ा खतरा : डी शिवानंदन
एनआइए के द्वारा गठित नेशनल टॉस्क फोर्स के सदस्य डी शिवानंदन ने फ्रांस के हमले को भारत के लिए बड़ा संकट बताया है. उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि भारत पहले से ही जैश ए मुहम्मद और अल कायदा के निशाने पर है. उन्होंने कहा है कि चेन्नई, बेंगुलुरु व हैदाबाद के युवा इनके परिसर में गये हैं. कल्याण के भी चार लड़के गये थे. उन्होंने कहा है कि इनकी इंटरनेट पर सक्रियता भारत के लिए बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा है कि जो युवा यहां से आइएसआइएस के पास जाते हैं, वे अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि वे स्थानीय परिवेश से वाकिफ होते हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार के पास जागरूकता व रिसोर्स की जरूरत है. उन्होंने भी दूसरे सुरक्षा विशेषज्ञाें की तरह इसकी तुलना मुंबई हमले से की.
क्या दखल का अंजाम था यह
मीडियारिपोर्ट में कहा गया है कि पेरिस हमले में एक चश्मदीद ने सुरक्षा एजेंसियों को बतायाहैकि हमलावर सीरिया की लड़ाई मेंफ्रांस केदखल काजिक्रकर रहा था.वहआतंकीपेरिसपर किये गये हमले को उचित करार दे रहा था.वहहमला करने वक्त सीरियामें फ्रांस कीसैन्य कार्रवाई को दोषीठहरारहा था. इसके लिए राष्ट्रपतिफ्रांस्वा ओलांदको दोषीबताया जा रहा था. वह कह रहा था कि तुम्हारे राष्ट्रपतिकी गलती है, उसेसीरियामें दखल नहीं देना चाहिए.