IS के खिलाफ तेज हो सकता है अमेरिकी सैन्य अभियान

वाशिंगटन : पेरिस आतंकवादी हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बढाने पर विचार कर सकते हैं. लेकिन इसका यह मायने नहीं है कि अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हिंसक चरमपंथ को रोकने के लिए उन पर हवाई बमबारी को तेज किया जाए. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2015 12:25 PM

वाशिंगटन : पेरिस आतंकवादी हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बढाने पर विचार कर सकते हैं. लेकिन इसका यह मायने नहीं है कि अमेरिका या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हिंसक चरमपंथ को रोकने के लिए उन पर हवाई बमबारी को तेज किया जाए.

लंबे समय से पश्चिम एशिया के विशेषज्ञ रहे एंथनी कोरडेसमैन ने कल कहा, ‘‘आईएसआईएस पर बमबारी करने के लिए आप पाषाण युग में नहीं जा सकते.” कोरडेसमैन और अन्य अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि ओबामा इराकी बलों और सीरिया में आईएस विरोधी लडाकों के साथ अमेरिकी सैन्य सलाहकारों को अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर देश की भागीदारी को और गहरा कर सकते हैं. लेकिन स्थानीय बलों के लिए अमेरिकी समर्थन तेज करने को लेकर इस तरह के कदम का त्वरित नतीजा निकलने की संभावना नहीं है.

कोरडेसमैन को लगता है कि पेरिस जैसे त्रासदीपूर्ण आतंकी हमलों का होना लाजमी है और निकट भविष्य में इसका कोई हल नहीं है. जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर स्टीफेन बिडल ने बताया कि पेरिस हमला से आईएस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बढाना राजनीतिक रुप से जरुरी हो जाएगा, हालांकि उनका मानना है कि जमीनी स्तर पर अमेरिकी युद्ध शुरू करना गलती होगी.

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