समुद्र में तेजी से बढ़ता कचरा और इसके कारण समुद्री जीवों को होनेवाला नुकसान वैज्ञानिकों की चिंता का विषय बना हुआ है. लेकिन हाल में नीदरलैंड के 19 वर्षीय छात्र ने दावा किया है कि उसके द्वारा तैयार की गयी डिवाइस वैज्ञानिकों की इस चिंता को जल्द ही दूर कर देगी..
पिछले कुछ दशकों में महासागरों में बड़ी मात्र में कचरा तेजी से इकट्ठा हुआ है. आर्कटिक महासागर की ही बात करें, तो इसकी सतह पर जमा कचरे की मात्र पिछले एक दशक में दोगुनी हो गयी है. इस कचरे के कारण समुद्री वनस्पति और जीव-जंतुओं का जीवन प्रभावित होने और उनका विकास घटने की आशंका भी कई गुना बढ़ गयी है. लेकिन हाल में नीदरलैंड की डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के 19 वर्षीय छात्र बोयन स्लेट ने इस समस्या का समाधान ढूंढ़ निकालने का दावा किया है. स्लेट ने एक ऐसे उपकरण का अविष्कार किया है, जो विश्व के सभी महासागरों की सफायी कर सकता है. अपने इस अविष्कार को पूरा करने के लिए स्लेट ने पांच साल का वक्त मांगा है. बोयन स्लेट का दावा है कि वह अपने तैरनेवाले चप्पू और समुद्र से प्लास्टिक निगलने के लिए डिजाइन किये गये प्लेटफॉर्म की मदद से असंभव प्रतीत होनेवाले इस काम को संभव बना सकता है.
ऐरे नामक डिवाइस के अविष्कार से समुद्र से 20 मिलियन प्लास्टिक निकालने का स्लेट का दावा है. यही नहीं उसकी यह नाव जैसी डिवाइस सौर ऊर्जा और समुद्री लहरों से पैदा होनेवाली बिजली से चल सकती है. उसकी यह डिवाइस पूरी तरह से प्रदूषण रहित भी है.
नहीं होगा मछलियों को नुकसान
समुद्र में कचरे के रूप में इकट्ठा होनेवाली प्लास्टिक समुद्री जीवों को काफी नुकसान पहुंचाती है. लाखों समुद्री जीव प्लास्टिक की वजह से मर रहे हैं. इस प्लास्टिक की वजह से समुद्र में जहरीले शैवाल और तेजी से फैलनेवाले हानिकारक बैक्टीरिया पनप रहे हैं. इससे हजारों पक्षी भी मारे जा रहे हैं, जो इन प्लास्टिक को मछली समझ कर निगल जाते हैं. ऐसे में यह डिवाइस इन समुद्री जीवों को काफी राहत पहुंचायेगी. बोयन की महासागरों की सफायी करनेवाली डिवाइस सिर्फ कचरा फैलानेवाली प्लास्टिकों को निकालेगी. इससे समुद्री जीवों और मछलियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. न ही इससे समुद्री शैवाल को कोई नुकसान पहुंचेगा. इस डिवाइस में लगे चप्पू समुद्री लहरों की मदद से कचरे को प्लेटफॉर्म में भेज देंगे. वहीं, कचरा घूमता हुआ प्लेटफॉर्म में फिल्टर होकर री-साइक्लिंग कलेक्शन कंटेनर में जमा हो जायेगा. चप्पू की गति इतनी धीमी होगी कि इससे कचरा अंदर चला जायेगा और समुद्री जीव तैर कर पार हो जायेंगे. समुद्र का ज्यादातर कचरा महासागरों में बननेवाले जायरस चक्र पर इकट्ठा हो जाता है. स्लेट का इन्हीं जायरस से पांच साल में कचरा साफ करने का दावा है.
हो सकता है कमाई का रास्ता
युवा इंजीनियर का यह भी दावा है कि इस डिवाइस से कमाई भी की जा सकती है. समुद्र से निकाले गये प्लास्टिक को री-साइकिल किया जा सकता है. इसे बेच कर अरबों की कमाई हो सकती है. स्लेट के अनुसार इससे 500 मिलियन डॉलर तक की कमाई हो सकती है. इससे अरबों रुपये की बचत भी होगी, क्योंकि कई देश समुद्रों की सफाई में अरबों रुपये खर्च कर रहे हैं.