शराब के खिलाफ झारखंड की महिलाओं ने खोला मोर्चा
कोल्हान की महिलाएं जाग गयी हैं. खासकर शराब व शराब कारोबारियों के खिलाफ कोल्हान में महिलाओं ने जंग छेड़ दी है. अक्तूबर माह में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां जिले में महिलाओं ने शराब व कारोबारियों के खिलाफ आठ आंदोलन किये हैं. सितंबर में भी महिलाओं ने कई आंदोलन किये, जिसमें पटमदा में एक […]
कोल्हान की महिलाएं जाग गयी हैं. खासकर शराब व शराब कारोबारियों के खिलाफ कोल्हान में महिलाओं ने जंग छेड़ दी है. अक्तूबर माह में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां जिले में महिलाओं ने शराब व कारोबारियों के खिलाफ आठ आंदोलन किये हैं. सितंबर में भी महिलाओं ने कई आंदोलन किये, जिसमें पटमदा में एक शराब कारोबारी के अड्डे को ही नष्ट कर दिया था. अन्य कई आंदोलन भी हुए. अगर महिलाएं एकजुट हो आंदोलन को आगे आयें, तो इसके सकारात्मक परिणाम आ सकेंगे. यहां प्रस्तुत है अक्तूबर माह में हुए आंदोलन की संक्षिप्त रिपोर्ट.
दो अक्तूबर
खरसावां में नशामुक्ति के लिए रैली
खरसावां में दो अक्तूबर को विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों ने खरसावां पंचायत को नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य को लेकर गांधी जयंती के मौके पर रैली निकाली. रैली का नेतृत्व खरसावां की मुखिया मंजू बोदरा ने किया. ग्रामीणों से नशापान से दूर रहने की अपील की गयी. शराब को गांव–घरों में अशांति फैलाने का मुख्य कारण मानते हुए घर की महिलाओं से पुरुषों को नशापान से दूर रखने की अपील की गयी. इस दौरान नशाखोरी के खिलाफ कई तरह के स्लोगन लगाये गये. इस मौके पर आदिवासी महिला संगठन, जय मां वीणापाणि महिला समिति, जय मां ग्रामदेवी महिला समिति, जय मां तारिणी महिला समिति, नारी शक्ति महिला समिति, साधना देशउली महिला समिति, ज्योति संघ महिला समिति की महिलाएं शामिल थीं.
पांच अक्तूबर
सरायकेला के बरडीह की महिलाएं पहुंची थाना
सरायकेला प्रखंड अंतर्गत बरडीह गांव की महिलाओं ने नशापान के विरुद्ध आंदोलन खड़ा किया. इसके तहत पांच अक्तूबर को गांव की पांच महिला समितियों के बैनर तले गांव की महिलाएं एकजुट हो मुखिया वसुंधरा देवी के नेतृत्व में उत्पाद कार्यालय पहुंची, जहां गांव में चल रहे अवैध शराब की चुलाई व बिक्री पर अविलंब पाबंदी लगाने की मांग करते हुए नारा लगाने लगीं. इसके बाद महिलाओं का जत्था सरायकेला थाना पहुंचा, यहां भी गांव की सुख–शांति के लिए अवैध शराब की खरीद–बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गयी. इस मौके पर जय मां सरस्वती महिला समिति, लक्ष्मी स्वयं सहायता समिति, जय मां मनसा समिति, जय मां संतोषी महिला समिति एवं जय मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समिति की महिलाएं शामिल थीं. घोषणा की गयी कि पंचायत के सभी गांवों में चलाया जायेगा और नशामुक्त पंचायत का निर्माण किया जायेगा.
छह अक्तूबर
मनोहरपुर में दो महिला समितियों का आंदोलन
पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर प्रखंड के ढीपा पंचायत व घाघरा गांव में महिला समूहों ने एकत्रित होकर शराब विरोधी अभियान चलाने का निर्णय लिया. वार्ड सदस्य समिति के नेतृत्व में पूरे प्रखंड में नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत ढीपा पंचायत में मुखिया दशरथ पुरती की अगुवाई मेंकी गयी.
महिलाओं ने घाघरा गांव के आदिवासी टोला, कुदासाई टोला, बस्ती गांव में जुलूस की शक्ल में रैली निकाल कर शराब के खिलाफ जागरूकता के लिए नारे लगाये और प्रदर्शन किया. दूसरी ओर मनोहरपुर के हाजरा प्रांगण में प्रखंड स्तरीय वार्ड सदस्य समिति व प्रखंड की महिला समिति समूहों की बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में प्रखंड स्तर पर चलाये जाने वाले नशामुक्ति अभियान की समीक्षा की गयी. साथ ही इस आंदोलन को बड़ा रूप देकर समाज की कुरीतियों को दूर करने पर चर्चा की गयी.
सात अक्तूबर
गुड़ाबांदा में शराब बंदी के लिए सड़क पर उतरीं महिलाएं
सात अक्तूबर को पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांदा प्रखंड की सिंहपुरा पंचायत की महिलाएं शराब बंदी तथा अवैध रूप से वनोत्पाद के परिवहन पर रोक लगाने के लिए जुलूस निकाला. यह जुलूस गुड़ाबांदा थाना पहुंचा और प्रदर्शन करने के बाद महिलाओं ने थाना प्रभारी की अनुपस्थिति में मुंशी को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में शराब कारोबार को बंद करने का मांग की गयी.
नौ अक्तूबर : मनोहरपुर में शराब बेचने पर जुर्माने का एलान नौ अक्तूबर को पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत मनोहरपुर प्रखंड की ढीपा पंचायत की महिलाओं ने अपनी पंचायत को आदर्श पंचायत घोषित करने का बीड़ा उठाया. पंचायत के किसी भी गांव, टोले व कस्बों में हड़िया-शराब की बिक्री करते हुए पकड़े जाने पर कारोबारियों से अर्थदंड वसूलने का निर्णय लिया गया. 27 महिला समूहों ने पंचायत के मुखिया दशरथ पूर्ति की अध्यक्षता में बैठक कर गांव में शराब-हड़िया की बंदी को लेकर अहम निर्णय लिये. बैठक के बाद महिलाओं द्वारा जुलूस निकाल कर शराबबंदी की सूचना सभी को दी. बताया गया कि आगामी 15 अक्तूबर के बाद पंचायत के किसी क्षेत्र में हड़िया-शराब की बिक्री या बनाते हुए पकड़े जाने पर अर्थदंड 15 हजार रुपये लिये जायेंगे.
कोयलांचल की महिलाओं ने भी खोला मोरचा
शराबियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
धनबाद के सिजुआ में शराबियों व जुआरियों पर शामत आ गयी है. 20 अक्तूबर को शराब व शराबियों के विरुद्ध महिलाओं ने आंदोलन का बिगुल फूंका. इस दौरान कई शराबी महिलाओं से पिट गये. तीन गांवों शहरपुरा, टाटा सिजुआ छह नंबर बस्ती व 12 नंबर की दर्जनों महिलाओं ने नशाखोरी व जुआखोरी के खिलाफ आंदोलन चलाया. महिलाओं ने शहीद शक्तिनाथ महतो के समाधि स्थल से जुलूस निकाला गया. महिलाओं के जुलूस को देख कर कई पुरुष इधर–उधर भागते नजर आये. महिलाओं ने जुआरियों का ताश व मोबाइल छीन लिया. महिलाओं ने अवैध शराब दुकानों पर जाकर विक्रेताओं को चेताया. कहा कि किसी भी हाल में शराब न बेचें. महिलाओं के हाथों में तख्तियां थीं. महिलाओं का कहना था कि शराब के कारण घर बरबाद हो रहा है. बच्चों की पढ़ाई–लिखाई चौपट हो रही है. महिलाओं ने यह अभियान आगे भी जारी रखने की बात कही है.
इनकी भूमिका प्रमुख रही : नीरा देवी, दुलारी देवी, जयंती देवी, स्वाति देवी, फूलकुमार देवी, बिंदिया देवी, गुड़िया देवी, चिंता देवी, विमला देवी, मुन्नी देवी, मीरा देवी, रजनी देवी, शकुंतला देवी, ज्योति कुमारी, प्रीति कुमारी, वंदना कुमारी, पार्वती देवी, सावित्री देवी, नमिता देवी थी.
शराबखोरी के खिलाफ निकाली रैली
बोकारो के नावाडीह की सहरिया पंचायत में शराबखोरी के खिलाफ महिलाएं मुखर हो गयी हैं. जगह–जगह इसके खिलाफ रैली निकाली जा रही है. 20 अक्तूबर को पंचायत को नशामुक्त बनाने के लिये रैली निकाली गयी. इस दौरान शराब बनाने व पीने वाले को चेतावनी दी गयी है. शराब चुलाई करते पकड़े जाने पर पांच हजार व पीते पकड़े जाने पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाने की घोषणा की गयी. रैली में शामिल महिलाएं हाथों में तख्ती लेकर चल रही थीं. तख्तियों में जो पीये दारू उसका बच्च रोड पर लगाये झाड़ू, नशा से अंग का नाश, फिर तेरा सत्यानाश, बोतल तोड़ो समाज को जोड़ो आदि नारे लिखे गये थे. रैली ने घुजूडीह, पारटांड़, सहरिया, महतो टोला, डुमरियाटांड़ आदि का भ्रमण करते हुए ग्रामीणों से नशा से दूर रहने की अपील की. रैली के बाद एक जनसभा हुई. मौके पर डॉ लालजी महतो, गायत्री परिवार के धनेश्वर महतो, महेश महतो, जागेश्वर महतो, उप मुखिया मनोवर आलम, तसलीम खान, डालो महतो, देवंती देवी, पार्वती देवी, मीना देवी, रत्ना देवी, जगनी देवी, मुन्नी देवी, गीता देवी, रेखा देवी, डालो देवी सहित दर्जनों महिलाएं शामिल थी.
पंचायत को नशामुक्त बनायेंगे : मुखिया
सहरिया पंचायत की मुखिया सुमित्र देवी ने कहा कि पहले पंचायत क्षेत्र को नशामुक्त बनाया जायेगा. इसके बाद सभी के सहयोग से प्रखंड को पुलिस प्रशासन का मदद लेकर नशामुक्त बनाने की पहल होगी. कहा, शराब चुलाई घर–परिवार चलाने वाली महिलाएं निराश नहीं हों. स्वयं सहायता समूह से जोड़ कर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि नशा के कारण घर–परिवार बरबाद हो रहा है. इसके खिलाफ जागरूकता जरूरी है.
17 अक्तूबर : चाईबासा में महिलाओं का आबकारी कार्यालय पर प्रदर्शन
17 अक्तूबर को चक्रधरपुर प्रखंड की सैकड़ों महिलाओं ने चाईबासा आबकारी कार्यालय पहुंचकर सार्वजनिक रूप से शराब बिक्री का विरोध किया. इटोर पंचायत के रुगडी, महुलपानी सहित कई गांवों के विद्यालय, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर शराब बिक्री के विरोध में महिलाओं ने उग्र प्रदर्शन किया. महिलाओं का कहना था कि शराब से सामाजिक रिश्तों में दरार आनी शुरू हो गयी है. रोजाना मारपीट व आपराधिक वारदातों में बढ़ोतरी हो रही है. प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने आबकारी निरीक्षक अजय कुमार को अपनी मांगों से अवगत कराया. प्रदर्शन में सूरजमुखी स्वयं सहायता समूह, बाबा भोलेनाथ स्वयं सहायता समूह, जय मां पाउडी स्वयं सहायता समूह, मां पार्वती स्वयं सहायता समूह, मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह एवं जय मां सरस्वती स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने हिस्सा लिया.
20 अक्तूबर : मनोहरपुर में रैली निकल कर शराब कारोबारियों को चेताया
पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत मनोहरपुर प्रखंड के नंदपुर पंचायत में महिलाओं की ओर से विशाल रैली निकाली. इसमें शराब व शराब के कारोबारियों के विरुद्ध आवाज बुलंद की गयी. इसमें महिलाओं को सीधे कार्रवाई के लिए चेताया गया. इससे पूर्व गांव में ग्रामीण मुंडा महेश्वर मेलगांडी के नेतृत्व में बैठक आयोजित कर महिलाओं ने शराब के खिलाफ आवाज बुलंद करने का फैसला लिया.
21 अक्तूबर :जगन्नाथपुर में हड़िया–शराब बिक्री रोकी
पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत जगन्नाथपुर प्रखंड अंतर्गत जैंतगढ़ एवं सियालजोड़ा गांव की महिलाओं ने 21 अक्तूबर को शराब के विरोध में आंदोलन छेड़ दिया. मां शक्ति स्वरूपा महिला संगठन जैंतगढ़ के बैनर तले गांव की महिलाएं एकजुट हुई. संगठन की अध्यक्ष प्रमिला पात्रो, सियालजोड़ा मुखिया जयंती उरांव, वार्ड सदस्य किशोरी सिंह, कैलाशी महतो, परी रानी महतो के नेतृत्व में सियालजोड़ा गांव और देवगांव में हो रही अवैध शराब की चुलाई व बिक्री पर अविलंब पाबंदी लगाने की मांग की गयी. महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए पूरे सियालजोड़ा एवं देवगांव का भ्रमण किया. देवगांव हाट बाजार पहुंच कर महिलाओं ने हड़िया, दारू बिक्री को बंद करा दिया. चेतावनी भी दी कि दोबारा यदि दारू बिक्री की गयी तो विक्रेताओं को पुलिस के हवाले कर दिया जायेगा.
प्रस्तुति : प्रदीप चंद्र केशव