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उपभोक्ता ले रहे हैं मोबाइल पर ही फिल्म देखने का मजा

दिन-ब-दिन अपडेट होते मोबाइल फोंस ने युवाओं को इंटरटेनमेंट की तमाम सुविधाएं उपलब्ध करा दी है. इसी के चलते आज के युवा टेलीविजन पर अपनी पसंदीदा फिल्म और सीरियल देखने के बजाय मोबाइल पर इन्हें देखना पसंद कर रहे हैं. मोबाइल वीडियो और मीडिया कंपनी व्यूक्लिप ने हाल में इस साल की तीसरी तिमाही रिपोर्ट […]

दिन-ब-दिन अपडेट होते मोबाइल फोंस ने युवाओं को इंटरटेनमेंट की तमाम सुविधाएं उपलब्ध करा दी है. इसी के चलते आज के युवा टेलीविजन पर अपनी पसंदीदा फिल्म और सीरियल देखने के बजाय मोबाइल पर इन्हें देखना पसंद कर रहे हैं.

मोबाइल वीडियो और मीडिया कंपनी व्यूक्लिप ने हाल में इस साल की तीसरी तिमाही रिपोर्ट जारी की है. 8000 भारतीय मोबाइल उपभोक्तओं सहित विश्वस्तर पर 50,000 से अधिक मोबाइल यूजर्स पर बनायी गयी इस रिपोर्ट में पाया गया है कि उपभोक्ताओं में मोबाइल पर हाइ-लेंथ की फिल्में और अपने पसंदीदा सीरियल्स देखने का शौक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. यह शौक उन क्षेत्रों के उपभोक्ताओं में भी काफी तेजी से बढ़ रहा है, जिन क्षेत्रों में इंटरनेट नेटवर्क ठीक तरह से काम नहीं करता. आखिर क्यों टेलीविजन की बड़ी स्क्रीन के बजाय उपभोक्ताओं को मोबाइल की छोटी-सी स्क्रीन पर फिल्म और सीरियल देखना ज्यादा पसंद आ रहा है, जानते हैं यह शौक रखनेवाले कुछ युवाओं से..

उबाऊ नहीं होता सफर
जमशेदपुर के दीपक शर्मा दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं. दीपक मोबाइल पर फिल्म देखनेवाले यूजर्स में से एक हैं और अपने इस शौक के बारे में वे बताते हैं कि हॉस्टल में रहने के चलते मुझ जैसे छात्रों को टेलीविजन देखने की सुविधा नहीं मिल पाती. ऐसे में हम अकसर लैपटॉप या मोबाइल के माध्यम से ही फिल्म देखने का शौक पूरा करते हैं. खासतौर से दिल्ली से जमशेदपुर के लंबे सफर के दौरान तो मोबाइल पर फिल्म देखना काफी मजेदार लगता है. इस सुविधा के चलते मुङो सफर के दौरान बोरियत नहीं होती. हाल में ही दीपावली की छुट्टी के बाद जमदेशपुर से वापस दिल्ली आते वक्त मैंने मोबाइल पर ‘शुद्ध देसी रोमांस’ फिल्म देखी है.

मिल जाता है फिल्म देखने का मौका
मेट्रो में सफर के दौरान मोबाइल पर अपने पसंदीदा सीरियल्स देखना दिल्ली के मयूर विहार की रोशनी जिंदल को बहुत अच्छा लगता है. रोशनी बताती हैं कि मेरा ऑफिस द्वारका सेक्टर-नौ में है. ऐसे में मुङो रोजाना ही मेट्रो से लगभग एक घंटे का सफर तय करना पड़ता है. इस दौरान मैं मोबाइल पर अपने पसंदीदा सीरियल्स देख लेती हूं, क्योंकि ऑफिस के बाद घर जाते ही घर के कामकाज में लगना पड़ता है. टेलीविजन पर सीरियल देखने का तो वक्त ही नहीं मिलता. घर पर वक्त की इस कमी को मैं मेट्रों में सफर के दौरान मिले खाली वक्त में पूरा कर लेती हूं.

शौक पूरा करने का बेहतरीन विकल्प
मल्टीनेशनल कंपनी में काम करनेवाले पुलक को शुरू से ही फिल्में देखने का शौक है. मोबाइल पर फिल्म देखने की सुविधा ने उन्हें इस शौक को पूरा करने का बेहतरीन जरिया उपलब्ध करा दिया है. पुलक कहते हैं कि मोबाइल पर फिल्म अपलोड रहती हैं, तो आप कहीं भी, कभी भी इन्हें देख सकते हैं. आपको वक्त मिलने का इंतजार नहीं करना पड़ता.

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